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रायपुर, 21 जनवरी। मैट्स विश्वविद्याल ने बताया कि स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज- मैट्स यूनिवर्सिटी ने एडवांस रिसर्च मेथडोलॉजी एंड पब्लिशिंग विषय पर अपना प्रतिष्ठित पांच दिवसीय एफडीपी कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें पिछले पांच दिनों में अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं से विभिन्न उप विषयों को शामिल किया गया।
विश्वविद्याल ने बताया कि एफडीपी 15 जनवरी 2024 को शुरू हुआ और 19 जनवरी 2024 तक चला। इस एफडीपी में मुख्य वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए और शोध के विभिन्न आयामों पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। पहले दिन मुख्य वक्ता डॉ. धनंजय बापट (सहायक प्रोफेसर-आईआईएम रायपुर) ने अनुसंधान समस्या की पहचान, और डिजाइनिंग साहित्य समीक्षा की रूपरेखा पर व्याख्यान दिया।
विश्वविद्याल ने बताया कि दूसरे दिन मुख्य वक्ता डॉ. अमित कुमार अग्रवाल (सहायक प्रोफेसर-आईआईआईटी नया रायपुर) ने व्याख्यान दिया उन्होंने रिसर्च डिजाइन और इंस्ट्रूमेंट वैलिडेशन पर व्याख्यान दिया, तीसरे दिन वक्ता डॉ. जी.के.देशमुख (एसोसिएट प्रोफेसर- मैनेजमेंट स्टडीज रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी रायपुर) ने एफडीपी के चौथे दिन फेक प्रीडेटरी क्लोन जर्नल पर व्याख्यान दिया।
विश्वविद्याल ने बताया कि डॉ. अमित कुमार अग्रवाल (आईआईआईटी नया) रायपुर ने साहित्य समीक्षा को कैसे डिज़ाइन किया जाए इसके मूल तत्व के बारे में संक्षेप में बताया और एफडीपी के पांचवें और आखिरी दिन अतिथि वक्ता डॉ. अशोक प्रधान (प्रोफेसर और हेड-स्कूल ऑफ स्टडीज एंथ्रोपोलॉजी रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी) ने उन्नत अनुसंधान, परिकल्पना परीक्षण और साहित्यिक चोरी पर व्याख्यान दिया।
विश्वविद्याल ने बताया कि सभी सत्र बहुत इंटरैक्टिव थे क्योंकि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विभागाध्यक्ष के संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों ने बड़ी संख्या में इस एफडीपी में भाग लिया और अपनी प्रतिक्रिया साझा की और सत्र में बहुत सक्रिय रूप से भाग लिया, विभाग के विभागाध्यक्ष (स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज) डॉ. उमेश गुप्ता ने सत्र की अध्यक्षता की और इस संकाय विकास कार्यक्रम के आयोजन के लिए टीम को बधाई दी।