कारोबार
रायपुर, 12 अक्टूबर। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (मैक) में पांच दिवसीय थ्क्च् (एफ.डी.पी.) का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षक, शिक्षण विधियां की गुणवत्ता एवं नई शिक्षा प्रणाली की जानकारी प्राप्त की। कोविड-19 के बाद से शिक्षा में काफी कुछ परिवर्तन आया है हम टेक्नोलॉजी के महत्व को जान पाए हैं नई शिक्षा नीति ;छम्च्द्ध के माध्यम से स्कूल से लेकर कॉजेल तक की शिक्षा नीति में काफी कुछ बदलाव आया है।
दिनांक 10/10/2023 से 14/10/2023 तक मैक महाविद्यालय में विभिन्न प्रशिक्षकों के माध्यम से फैकल्टी के विकास के लिए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें महाविद्यालय के अधिक से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लिए और लाभ प्राप्त किए । प्रथम दिवस शिक्षण प्रशिक्षण में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. नौरीन सबा (सहा. प्राध्यापक, लाइफ साइंस) डॉ. सी. वी. रमन वि. वि. बिलासपुर उपस्थित हुई थी।
जिन्होंने शिक्षा के महत्व तथा वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता से रूबरू कराया। शिक्षक व छात्र-छात्राओं की कक्षा में प्रतिस्पर्धा के बारे में जानकारी दी तथा प्रशिक्षण में मुख्य वक्ता ने सभी शिक्षक प्रतिभागियों को विभिन्न एक्टिविटी गतिविधि से भी शिक्षक व विद्यार्थियों को कक्षा में जोडे रखने के लिए क्या कर सकते हैं उसके परिणाम पर विस्तृत चर्चा की। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए श्री शेखर जैन ने शिक्षण की शिक्षण शैली एवं विद्यार्थियों की मानसिक विकास पर चर्चाए की, उन्होंने बताया की एक शिक्षक क्लास रूम में विभिन्न भूमिकाएं निभाते रहता है वह अभिभावक, निदेशक एवं पथ प्रदर्शक भी होता है अत: हमें इस रिश्ते पर काम करना ही पड़ेगा।
तृतीय दिवस पं. हरिशंकर शुक्ला स्मृति महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष एवं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय शिक्षा संकाय की डीन डॉ. पदमा बोहरे जी ने शिक्षण विधियां एवं तरीकों की विस्तृत जानकारी दी। चतुर्थ दिवस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए डॉ. जे. पी. पात्रा ने प्ब्ज् के महत्व में विभिन्न प्रणाली से जानकारी दिये। उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति में प्ब्ज् शिक्षक व छात्र-छात्राओं के लिए लाभकारी है।


