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बिलासपुर,13 फरवरी। लोकतांत्रिक मूल्यों के समावेशी दृष्टिकोण के साथ नई पत्रिका ‘वनमाली’ का लोकार्पण साहित्य, कला, संस्कृति की दुनिया में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में रेखांकित किया जाएगा। यह विश्व रंग की अवधारणा के अनुरूप हिंदी और भारतीय भाषा के कथा-साहित्य को स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर पर व्यापकता प्रदान करने के वैश्विक मंच के रूप में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

उक्त विचार वरिष्ठ कवि-कथाकार, विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने ‘वनमाली’ पत्रिका के प्रवेशांक के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।

पत्रिका के संपादक वरिष्ठ कथाकार एवं वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष मुकेश वर्मा ने कहा कि ‘वनमाली’ पत्रिका मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा को समर्पित रचनात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी। इसमें वरिष्ठ से लेकर अत्यंत युवा कथाकारों को भी सम्मान के साथ प्रकाशित किया जाएगा।
वरिष्ठ कवि–आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य और संस्कृति की दुनिया में पत्रिकाएं प्राणवायु की तरह होती हैं। ‘वनमाली’ का पहला स्पर्श हमें यहीं महसूस कराता है। इसमें गहरी दृष्टि सम्पन्नता है, कोई तटस्थता नहीं। श्रेष्ठता के पक्ष में दृढ़संकल्पना का परिचय दिया है।
डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि ‘वनमाली’ हिंदी साहित्य जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर वनमालीजी की स्मृति को समर्पित है। यह पत्रिका हमारे मन और चेतना को बनाने का महत्वपूर्ण कार्य संपादित करेगी।
वरिष्ठ कवि एवं विश्व रंग पत्रिका के संपादक लीलाधर मंडलोई ने कहा कि वनमालीजी के नाम पर मासिक कथा पत्रिका का होना अपने आप में साहित्य जगत की एक ऐतिहासिक घटना है। इसमें युवाओं को शामिल करना भविष्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

आईसेक्ट समूह के निदेशक युवा उद्यमी सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि यह गौरव का क्षण है कि वनमालीजी की स्मृति को समर्पित ‘वनमाली’ पत्रिका के रूप में यह प्रण लिया जा रहा है कि हर महीने इसी गुणवत्ता के साथ पत्रिका निकाली जाएगी। यह नवाचार और रचनात्मकता को महत्वपूर्ण रूप से रेखांकित करेगी।
लंदन से वरिष्ठ प्रवासी भारतीय कथाकार दिव्या माथुर ने कहा आज जब लगातार साहित्य की पत्रिकाएं बंद हो रही है ऐसे समय में ‘वनमाली’ पत्रिका का उदय होना साहित्य के वैश्विक पटल पर सुनहरे अक्षरों में रेखांकित किया जाएगा।
बैंगलोर से युवा कथाकार चंदन पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान की ऑनलाइन और वेब पब्लिकेशन जैसी नई चुनौतियों के बीच ‘वनमाली’ का प्रकाशित होना बहुत महत्वपूर्ण है। कंटेंट इज़ द किंग है। अगर हम हजारों पाठकों के साथ सैकड़ों लेखक तैयार करते हैं तो यह बड़ी बात होगी। आभार ‘वनमाली’ पत्रिका की सह-संपादक एवं आईसेक्ट पब्लिकेशन की प्रकाशन अधिकारी ज्योति रघुवंशी ने व्यक्त किया।


