बिलासपुर
छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 19 नवंबर। निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के दौरान शिक्षकों को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी क्रम में स्वामी आत्मानंद महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका कविता बनर्जी को भी बीएलओ नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए काम करने से इंकार कर दिया कि उनका कार्य केवल बच्चों को पढ़ाना है, एसआईआर का नहीं।
जिला प्रशासन के अनुसार मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 सीसी के तहत आती है, जिसके अनुसार नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण एवं अनुशासन के अधीन होते हैं। बीएलओ का कार्य घर-घर जाकर मतदाता संबंधी जानकारी जुटाना है, लेकिन शिक्षिका द्वारा आदेश को गंभीरता से न लेते हुए कार्य से इंकार कर दिया गया।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की रिपोर्ट में इस कृत्य को निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में लापरवाही और सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन बताया गया। मामले में प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा गया, जिसे गंभीरता से लिया गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर संजय अग्रवाल ने शिक्षिका कविता बनर्जी को निर्देशों की अवहेलना के आरोप में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन काल में उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय बिल्हा रहेगा। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।


