बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 मई। पुराने बस स्टैंड के सामने इमली पारा रोड में 88 व्यापारियों की रोजी-रोटी छीन जाने के मामले में पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कहा है कि दुकानदारों को दुकान व्यवस्थापन के लिए समय नहीं देना निगम व जिला प्रशासन का अमानवीय कृत्य है। तोडफ़ोड़ की कार्रवाई से छोटे दुकानदार भी आज सडक़ पर आ गए है। स्मार्ट सिटी के नाम पर भाजपा शासन काल में बड़े-बड़े पैमाने पर तोडफ़ोड़ की जा रही है। स्मार्ट सिटी के नाम पर पहले लोगों को बेघर किया गया। अब दुकानदारों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है। पूर्व विधायक ने नगर विधायक पर भी सवाल उठाए और कहा कि जहां भाजपा के नेता गरीबों को पक्का मकान एवं बसाहट की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने व्यापारियों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली है।
पूर्व विधायक ने कहा है कि बिलासपुर शहर का विकास होना चाहिए लेकिन किसी की रोजी-रोटी छीन कर नहीं किसी को बेघर करके नहीं। वैसे भी इमली पारा रोड 100 फीट से ज्यादा चौड़ी है। मानवता के आधार पर पहले प्रभावित दुकानदारों को निगम प्रशासन के द्वारा दुकान उपलब्ध कराना था उसके बाद ही तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन डबल इंजन की सरकार में अफसर शाही अपनी मनमानी कर रहे हैं। यहां के प्रभावित व्यापारियों को को दुकान शिफ्टिंग के लिए वक्त भी नहीं दिया और कई दुकानदारों के सारे सामान खराब हो गए। अब 88 प्रभावित दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।


