बिलासपुर

दहेज प्रताडऩा का मुकदमा ठोस आधार के अभाव में रद्द किया हाईकोर्ट ने
28-Apr-2024 1:39 PM
दहेज प्रताडऩा का मुकदमा ठोस आधार के अभाव में रद्द किया हाईकोर्ट ने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 28 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विवाह के 16 साल बाद ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज शिकायत के आधार पर चलाये जा रहे दहेज प्रताडऩा के मुकदमे को रद्द कर दिया है।

याचिकाकर्ता की शादी 25 अप्रैल 2001 को हुई थी और उनके दो बेटे भी है। विवाह के 16 साल बाद पत्नी ने थाने में पति और ससुराल वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 ए और  323/34 के तहत अपराध दर्ज कराया। जांच के बाद पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट कटघोरा के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। इसके खिलाफ पति और ससुराल वालों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर आरोप पत्र की वैधता को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि फिर केवल पत्नी के बयान के आधार पर दहेज प्रताडऩा और क्रूरता का मामला दर्ज कर लिया गया जबकि इसके समर्थन में किसी विशेष घटना और समय का उल्लेख नहीं किया गया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रहा मुकदमा रद्द किया जाए।


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