बिलासपुर

12 साल चला मुकदमा, वन अधिकारी को मौत के बाद मिला इंसाफ
05-Nov-2023 2:47 PM
12 साल चला मुकदमा, वन अधिकारी को मौत के बाद मिला इंसाफ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 नवंबर।
सेवा से जबरन मुक्त करने के विभागीय आदेश के विरुद्ध फॉरेस्ट एसडीओ ने हाई कोर्ट में मुकदमा किया था। अब उनके पक्ष में फैसला आया है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही तीन साल पहले उनकी मृत्यु हो गई थी।

बिलासपुर के हरेंद्र नाथ पांडे सन् 1998-99 में पंडरिया में वन विभाग में रेंजर के पद पर थे। इस दौरान उनकी शिकायत हुई, जिस पर 11 साल बाद 2010 में विभागीय जांच शुरू की गई। तब वे बीजापुर में एसडीओ थे। जांच के बाद 2011 में उन्हें एकतरफा सेवा मुक्त कर दिया गया। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने उसी वर्ष अक्टूबर में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया। कोर्ट ने पाया कि उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई गलत थी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता को सेवा में रहते हुए जो समस्त लाभ मिलने चाहिए थे, उनका भुगतान विभाग 4 माह के भीतर करे। इनमें बकाया वेतन, पेंशन इत्यादि की राशि शामिल है।

वन अधिकारी की सन् 2020 में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद कानूनी वारिस उनके बेटे चंद्रकांत पांडे ने मुकदमा लड़ा।
 


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