बिलासपुर

दो चरणों में करीब 930 स्वास्थ्य कर्मचारी बर्खास्त, अब डॉक्टरों की बारी
06-Sep-2023 1:18 PM
दो चरणों में करीब 930 स्वास्थ्य कर्मचारी बर्खास्त, अब डॉक्टरों की बारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 6 सितंबर।
संभाग के आंदोलनकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी का सिलसिला जारी है। दूसरे चरण में 442 कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं। पहले ही 488 कर्मचारी बर्खास्त किए जा चुके हैं। अगली सूची में डॉक्टरों का भी नाम शामिल करने की बात अधिकारी कह रहे हैं। 

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन 21 अगस्त से शुरू हुआ था। 40,000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी 10 अलग-अलग संगठनों से हैं और वेतन विसंगति, पदोन्नति और अन्य मांगों के लिए काम का बहिष्कार कर रहे हैं। वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों के फोन नहीं उठा रहे हैं और विभागीय व्हाट्सएप समूहों से भी खुद को अलग कर रहे हैं।
इन कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव में उनकी 24 सूत्रीय मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन चार साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हुई है।

बिलासपुर संभाग के बिलासपुर, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों के 930 स्वास्थ्य कर्मचारी अब तक बर्खास्त किए जा चुके हैं। इनमें , सुपरवाइजर, पर्यवेक्षक और एनपीएस शामिल है। ज्ञात हो कि प्रदेश व्यापी स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल को अवैध घोषित कर सरकार ने एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट, एस्मा लागू कर दिया है। इसके बाद भी कर्मचारी काम पर वापस नहीं आए। बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने से सामुदायिक, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केदो में उपचार की व्यवस्था चरमरा गई है।

हलषष्ठी के मौके पर आंदोलनरत महिला कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही त्यौहार मनाया। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व सांसद अरुण साव ने बिलासपुर में स्वास्थ्य कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचकर उन्हें अपना समर्थन दिया और कहा कि सरकार करने पर उनकी मांग पूरी की जाएगी। 
 


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