बिलासपुर

होम्योपैथी छात्रा को मेडिकल ऑफिसर बनाने के नाम पर 9 लाख की ठगी
20-Oct-2022 3:58 PM
होम्योपैथी छात्रा को मेडिकल ऑफिसर बनाने के नाम पर 9 लाख की ठगी

पहले से पुलिस में कई शिकायतें दर्ज, रेकी सेंटर का संचालक फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अक्टूबर।
रेकी सेंटर के संचालक ने ओडिशा से पढऩे के लिए आई होम्योपैथी छात्रा से नौकरी लगाने के नाम पर 9 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपी पहले से ही दर्ज इसी तरह की ठगी के मामलों में फरार है जिसे पुलिस तलाश नहीं पाई है।

नेहरू नगर के गणेश चौक में थानेश्वर शर्मा नाम के आरोपी ने रेकी पद्धति  से उपचार के लिए सेंटर खोल रखा था। ओडिशा के मयूरगंज जिले के तेंतुलिंगा की पल्लवी पांडा सन् 2016 में शहर के एक होम्योपैथी कॉलेज में पढऩे के लिए आई। वह यहां जगमल चौक में किराये के मकान में रहती थी। इस दौरान उसने रेकी उपचार पद्धति सीखने के लिए थानेश्वर शर्मा से संपर्क किया। इसी दौरान उसने बताया कि वह सेंट्रल गवर्मेंट का गोपनीय अधिकारी है और एंटी करप्शन ब्यूरो में काम करता है।

उसने कहा कि उसकी अच्छी जान-पहचान है और वह उसकी नौकरी मेडिकल ऑफिसर के पद पर करा सकता है। उसने पल्लवी से 15 लाख रुपये मांगे। छात्रा ने 35 हजार रुपये दिए, बाकी बाद में देने की बात कही। इसके बाद पल्लवी वापस मयूरगंज लौट गई। वहां फोन के जरिये थानेश्वर ने पल्लवी के पिता से संपर्क किया और अलग-अलग किश्तों में कुल 9 लाख 5 हजार रुपये ले लिए। काफी दिनों तक नौकरी नहीं लगने पर उसने जब फोन करके रुपये मांगना शुरू किया तो पहले तो उसने लौटाने का भरोसा दिलाया, बाद में उसने फोन काट दिया। इसके बाद पल्लवी की ओर से सिविल लाइन थाने में धारा 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

थानेश्वर शर्मा के खिलाफ बीते जुलाई में सिविल लाइन थाने में एक कॉलेज के संचालक अशोक पांडेय ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उसके परिवार के लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की। मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर आरोपी ने कवर्धा में भी करीब 15 लाख रुपये की ठगी की है। उसे दुर्ग का रहने वाला बताया जा रहा है लेकिन अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

 


अन्य पोस्ट