बिलासपुर
ईश्वर सिंह ठाकुर
कंडक्टर ने कहा- यात्री की संपत्ति थी, वापस करना मेरी जिम्मेदारी थी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 अक्टूबर। चार लाख रुपयों के आभूषणों से भरा बैग मिलने के बाद भी बस कंडक्टर की नीयत नहीं बिगड़ी और उसने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए उसे थाने में जमा करा दिया। पुलिस ने उसे बैग के मालिक को सौंप दिया।
हाईटेक बस स्टैंड में रायपुर से आरएसबी बस सर्विस की बस पहुंची। यात्रियों के उतरने के बाद बस के कंडक्टर ने देखा कि एक बैग छूट गया है। उन्होंने बैग को खोला भी नहीं और सीधे सिरगिट्टी थाने में जाकर जमा कर दिया। यह बैग महिला यात्री रायपुर की ममता जांगड़े का था, जो इस बस से बिलासपुर पहुंची थी। उतरते समय वह बैग को साथ में रखना भूल गईं। घर पहुंचने पर बैग जब नहीं मिला तो वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ बस-स्टैंड पहुंची। मगर बस वापस रायपुर के लिए रवाना हो चुकी थी। तब वह सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची। वहां पुलिस ने उससे बैग की पहचान और उसमें रखे गए सामान के बारे में पूछा। जब यह तसल्ली हो गई कि बैग उसी यात्री का है, तो पुलिस ने बस कंडक्टर को बुलाकर उसके सामने महिला को बैग उसी के हाथ से वापस कराया। महिला को बैग वापस मिलने से बेहद खुशी हुई और उसने कंडक्टर को धन्यवाद दिया।
कंडक्टर ईश्वर सिंह ठाकुर दीनदयाल कॉलोनी में रहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि उसे बैग को थाने में जमा कराने का विचार कैसे आया? तब उन्होंने कहा कि दूसरे के किसी भी संपत्ति या सामान पर उसका कोई हक नहीं बनता। उसने बैग को खोलकर भी नहीं देखा था कि उसमें क्या है। यात्री का सामान बस में छूट गया था तो उसे सुरक्षित सही हाथ में वापस करना मेरी जिम्मेदारी थी। इसीलिए पुलिस को बैग सौंप दिया।
बस कंडक्टर के ईमानदारी की हाईटेक बस-स्टैंड में चर्चा रही। बस ऑपरेटरों का कहना है कि ईश्वर ने जो कदम उठाया वह एक मिसाल बनी है। अन्य बसों के कर्मचारियों को भी इससे प्रेरणा मिली है।


