बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 जुलाई। हत्या के आरोप में बंद विचाराधीन कैदी की जमानत सन् 2016 में मंजूर हो चुकी थी, मगर उसकी रिहाई अब जाकर हो पाई।
जांजगीर के देवप्रकाश पर हत्या का आरोप है। वह पिछले 11 साल से जेल में था। कोर्ट से उसे छह साल पहले सन् 2016 में जमानत मिल गई थी, लेकिन उसके पास जमानत के लिए तय की गई रकम भरने का कोई जरिया नहीं था। घर में केवल उसका पिता बंशी यादव है। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं, जो जमानत लेने के लिए सामने आता। उसकी परिस्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट में जमानत आदेश में संशोधन के लिए एक याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने तमान परिस्थितियों पर विचार करने के बाद उसे व्यक्तिगत मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने बताया कि जब देव प्रकाश जब जेल से बाहर निकला तो वह भावुक हो गया। उसने कहा कि मैं 11 साल से जेल में था। यकीन नहीं हो रहा है कि वह अब आजाद हो गया है।


