बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 31 मई। जनपद पंचायत कोटा के ग्राम पंचायत रतखंडी के बड़े बरर प्राथमिक शाला स्कूल प्रांगण में लगे हरे भरे नीलगिरी और सागौन के पेड़ को स्कूल के प्रधान पाठक ने बिना किसी वन विभाग अनुमति के बिना शनिवार को काटवा दिया गया, वहीं सभी स्कूलों में छोटे छोटे बच्चों को प्राथमिक शाला से ही पर्यावरण को संरक्षण के बारे में बताया जाता है और हरे भरे पेड़ के बारे में महत्व समझाया जाता है।
लेकिन कोटा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत रतखंडी के बड़े बरर प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक ने स्कूल में इमारती हरे भरे पेड़ को सूखा बताकर छुट्टी के दिन ही काटवा दिया, वहीं जो शिक्षक बच्चों को एक पेड़ सौ पुत्र के बराबर है, कहकर उन्हें रोज शिक्षा देते हैं और वहीं पर्यावरण संरक्षण के बजाय, हरे भरे पेड़ को कुल्हाड़ी से काटवा दिया है, ऐसे में कैसे बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में उनके महत्व समझाया जायेगा यह तो रतखंडी पंचायत के स्कूल में लगे इमारती लकड़ी काट बता पायेंगे।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत रतखंडी में बड़े बरर प्राथमिक शाला में इमारती हरे भरे लकड़ी को काटने से पहले वन विभाग को सूचना देना पड़ा है, लेकिन बिना सूचना दिए बैगेंर ही नीलगिरी और सागैन के पेड़ को काटवा दिया गया है।
कोटा पंडापथरा मार्ग में ग्राम पंचायत रतखंडी में में रोड प्रधानमंत्री सडक़ मार्ग से लगे हुए स्कूल में हरे भरे पेड़ को खुलेआम काट रहे हैं वहीं स्थानीय वन विभाग के बीड गार्ड को जानकारी नहीं ऐसे हरे भरे जंगल की रखवाली जिम्मेदार कैसे करते होंगे यह तो रतखंडी पंचायत स्कूल कटे हुए पेड़ बता रहे हैं।
कोटा विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी भारी भरकम नीलगिरी और सागैन के पेड़ को काटवा के बिना किसी मौखिक या लिखित में नहीं गया ,अगर भारी भरकम हरे भरे नीलगिरी और सागैन के पेड़ स्कूल के छत में अगर गिर जाते तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता।
ग्राम पंचायत रतखंडी के बड़े बरर प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक श्रीमती शंकुतला पटेल से स्कूल में लगे हरे भरे पेड़ सागैन और नीलगिरी को बिना वन विभाग के सूचना दिए बैगेंर काटवा दिया उनका कहना था की पेड़ सूखा गया था , भविष्य में बच्चों को खतरा है इसलिए पेड़ को काटवा दिये।
विधायक प्रतिनिधि बैकुंठ जयसवाल जी ने कहा की स्कूल में लगे हरे भरे नीलगिरी और सागैन को पेड़ को नहीं काटवा चाहिए ,हर भरे पेड़ को काटना ग़लत है ।
ग्राम पंचायत रतखंडी सरपंच मनोहर ध्रुव ने कहा की मेरे से सूखे हुए पेड़ को काटने के बारे में चर्चा हुआ था,। लेकिन हरे भरे नीलगिरी और सागैन पेड़ काटना ग़लत है।
प्रधान पाठक श्रीमती शंकुतला पटेल ने कहा की सागैन और नीलगिरी के पेड़ सूखे हुए थे इसलिए काटने को कहा था।
विकास खंड शिक्षा अधिकारी विजय ताड़े ग्राम पंचायत रतखंडी प्रथमिक शाला प्रांगण में हरे भरे नीलगिरी और सागैन पेड़ काटने की जानकारी नहीं कार्यालय में नहीं दिया गया है और हरे भरे पेड़ काटना ग़लत है ।


