बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महिला की अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को निरस्त करने के शासन के आदेश को खारिज करते हुए कहा है कि शासकीय सेवक ससुर को उसके परिवार का सदस्य मानकर उसे अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
बेमेतरा की राजकुमारी सिवारे के पति डोगेंद्र कुमार स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक थे। सेवा में रहते हुए 18 नवंबर 2021 को उनकी मृत्यु हो गई। पति की मौत के बाद राजकुमारी सिवारे ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए विभाग में आवेदन दिया। उनका आवेदन यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि दिवंगत शिक्षक के पिता, आवेदिका का ससुर शासकीय सेवा में कार्यरत है। नियमानुसार यदि परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में हो तो अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है।
विभाग के इस फैसले को राजकुमारी सिवारे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसमें कहा गया कि किसी भी परिवार में माता-पिता व बेटी-बेटे शामिल होते हैं। दिवंगत शिक्षक के पिता शासकीय सेवा में हैं किंतु याचिकाकर्ता पर अपने बेटे बेटियों के भरण-पोषणा का दायित्व है। ससुर को परिवार का सदस्य नहीं माना जा सकता।
जस्टिस पी सैम कोसी की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए शासन को आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करे और आवश्यक अर्हता पूरी करने पर नियुक्ति दे।


