बिलासपुर
हाईकोर्ट ने क्रूरता मानकर मंजूर की तलाक की अर्जी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। हाईकोर्ट ने एक रेलवे गार्ड की अपनी पत्नी से तलाक लेने की अर्जी को मंजूर कर लिया है। इस प्रकरण में पाया गया कि पत्नी अपने पति से 11 साल से अलग रह रही है। बेटी के शादी के लिए खरीदे गए गहने को उसने गिरवी में रखकर लाखों रुपये उधार ले लिए हैं। इसके अलावा पति पर उसने अवैध संबंध का आरोप लगाया था, जिसके सबूत नहीं मिले।
बिलासपुर रेलवे जोन में कार्यरत गार्ड एस राजू का विवाह सन् 1986 में एस.रानी के साथ हुआ था। इससे उनके एक बेटा और एक बेटी हैं। सन् 2011 में वह पति पर एक महिला डॉक्टर से अवैध संबंध होने का आरोप लगाकर अलग हो गई और मायके चली गई। वह अपने साथ वे जेवरात भी ले गईं, जो गार्ड ने अपनी बेटी की शादी के लिए खरीदकर रखे थे। पत्नी को उसने मायके से लाने का प्रयास किया और इसके लिए अपनी बेटी व बेटे को भी उसके पास भेजा पर वह साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुई। इस बीच जब उसने बेटी के लिए खरीदे गए गहनों के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उसे उसने गिरवी रखकर करीब 12 लाख रुपये का लोन ले लिया है। पति ने इस पर आपत्ति की और कहा कि ये गहने उसने अपनी जीवन भर की कमाई से बेटी को शादी में देने के लिए खरीदे हैं। गहने गिरवी से वापस ले ले। पर पत्नी इसके लिए तैयार नहीं हुई न ही साथ आकर रहने के लिए राजी हुई। इस पर पति ने बिलासपुर के परिवार न्यायालय में विवाह-विच्छेद की अर्जी लगाई। न्यायालय ने उसका आवेदन सन् 2017 में खारिज कर दिया। इस पर पति ने हाईकोर्ट में अपील दायर की।
हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन के चंद्रवंशी ने मामले की सुनवाई कर फैसला देते हुए कहा कि पति की जानकारी बगैर सालों से इकट्ठा किए गए जेवर को गिरवी रख देना और उसकी सहमति लिए बिना खर्च करना, बिना आधार पति पर अवैध संबंध रखने का आरोप लगाकर अलग हो जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने पति को हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (1) के तहत तलाक की डिग्री दे दी।


