बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा ), 4 फरवरी। आदिवासी सेवा सहकारी समिति चपोरा में सरकारी प्रंबधन की लापरवाही से सैकड़ो क्विंटल किसानों के फसल अब सडऩे के कागार में है। चपोरा नया धान खरीदी केंद्र में रखे धान की बोरा में बिना कुछ रख रखाव के सैकड़ों क्विंटल धान सें खुले में रखने के कारण बड़े बड़े धान का पौधा का रूप लेते जा रहा हैं, वहीं आदिवासी सेवा सरकारी समिति चपोरा में जिले का सबसे बड़ा धान खरीदी केंद्र भी वहीं के किसानों के द्वारा बताया जा रहा है, लेकिन सरकारी प्रबंधन ने हजारों क्विंटल धान को बिना रख रखाव के खुले आसमान में ही पानी में भिंगने के छोड़ दिया है।
जिले में ब्लॉक स्तर नोडल अधिकारी भी किसानों के धान एवं मंडियों में रखे धान की रखरखाव के लिए समय समय में निगरानी के लिए अधिकारियों के नियुक्ति के गई है, लेकिन वहीं अधिकारी को सरकार के धान का नुकसानों का ध्यान नहीं दे रहे हैं। चपोरा आदिवासी सेवा सहकारी समिति ने अध्यक्ष शिव ने बताया कि धान खरीदी केंद्र में लगातार धान का उठाव नहीं होने के कारण और जगह छोटे पडऩे के कारण परेशानियों का समना करना पडा़ रहा है, वहीं जिले के आला अधिकारियों भी ध्यान नहीं देते, सरकार द्वारा सभी धान खरीदी केंद्र में प्रबंधन समितियों को पर्याप्त मात्रा में ताल पत्री और पानी से बचाने से आवश्यक समाग्रियों का खरीदी भी किया जा है, लेकिन चपोरा धान समिति में प्रबंधक और प्रबंधन की लापरवाही साफ दिखाई दे रहा है, आखिरकार अब सैकड़ों क्विंटल धान की नुकसानों की भरपाई कहां से होगा।
आदिवासी सेवा सहकारी समिति चपोरा के अध्यक्ष शिव ने बताया कि यहां 2250 किसानों से धान खरीदी किया जा रहा है, वहीं लगभग एक लाख तीस हजार धान का परिवहन भी हो चुका हैं।
चपोरा धान खरीदी केंद्र में प्रबंधक की लपरवाही साफ देखने को मिला नये केंद्र में पुराने सी सी टीवी कैमरा लगा दिया, वहीं के कर्मचारियों से जब पूछा गया तो बताया कि यहाँ सी सी टी वी कैमरा बस दिखने मात्र को लगाया गया है, यह चलता नहीं।


