बिलासपुर
मुस्लिम समाज ने दिया समर्थन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड-कोटा, 8 दिसंबर। नगर-संघर्ष-समिति के बैनर तले ट्रेनों के ठहराव को लेकर स्टेशन-परिसर के बाहर चल रहे रहे अनिश्चित-कालीन धरना-प्रदर्शन का आज 9वां दिन है। आंदोलन स्थल पर बुधवार को सुबह 11 बजे डीजल-पेट्रोलऑटो-रिक्शा-चालक संघ द्वारा कोटा-नगर के डाकबंगला-राममंदिर चौक होते हुए जय स्तंभ नाका चौक से महाशक्ति चौक चंडी-माता चौक होते हुए रैली की शक्ल में नगर भ्रमण करते हुए आंदोलन स्थल तक पहुंच कर धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया ट्रेनों के स्टापेज को लेकर रेलवे-प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना स्थल पर डटे रहे।
डीजल ऑटो-पेट्रोल रिक्शा-चालकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए बताया कि कोविड-संक्रमण कॉल से ट्रेनों के परिचालन बंद होने के बाद आर्थिक रूप से वाहन चालकों की कमर टूट गई है। अधिकांश-चालकों के वाहन के किस्त नहीं पटने से वाहन बैंकों द्वारा खींच लिया गया। कुछ वाहन चालक वाहनों के किस्त पटाने के अभी भी जूझ रहे हैं। घर की आर्थिक-स्थिति पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। शासन-प्रशासन से भी इस पूरे संक्रमण कॉल में कोई आर्थिक-सहायता नहीं मिल पाई ट्रेनों के पहले की तरह स्टापेज हो जाने से वाहन चालकों की कुछ हद तक आर्थिक-स्थिति मजबूत हो जाएगी। इसी कड़ी में वाहन चालकों ने नगर संघर्ष समिति के द्वारा दिए जा रहे धरना प्रदर्शन में शामिल होकर आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया। आंदोलन के 9वें दिन डीजल-ऑटो-चालको के धरना प्रदर्शन में शामिल होने के कुछ देर के बाद ही मुस्लिम-समाज कोटा के द्वारा आंदोलन स्थल पहुचकर आंदोलन का समर्थन करते हुए पिछले डेढ़ सालों से करगीरोड रेलवे-स्टेशन में रुकने वाली ट्रेनों को पुन: शुरू करने के नगर-संघर्ष-समिति के जायज मांगों का पूरी तरह से समर्थन किया। आंदोलन जारी रहने तक आगे भी ट्रेनों के स्टापेज संबंधित होने वाले हर प्रकार के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देने की बात मुस्लिम-समाज-कोटा के द्वारा कही गई।
गुरुवार 9 दिसंबर को शाम 6-बजे नगर संघर्ष समिति ने कोटा नगर के सभी वर्गो सहित कोटा से लगे आसपास के ग्रामीण-क्षेत्रों के लोगो को भी ट्रेनों के स्टापेज को लेकर होने वाले आंदोलन को और तेज करने की रूपरेखा तैयार करने से संबंधित विषयों पर एक बैठक बुलाई गई है।
सूत्रों के हवाले से गुरुवार को होने वाली बैठक में आंदोलन के 9वें दिन के बाद भी रेलवे-प्रबंधन व जिला-प्रशासन के द्वारा संज्ञान नहीं लिए जाने पर आंदोलन उग्र होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।


