बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 नवम्बर। दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर की सीमाओं के बीच बसे संवेदनशील व दुर्गम ग्राम गमपुर में विकासखंड स्तर के अधिकारी पहुंचे। यह सिर्फ एक सरकारी दौरा नहीं, बल्कि वर्षों से विकास की प्रतीक्षा कर रहे इन ग्रामीणों के लिए उम्मीद की नई किरण थी।
जनपद पंचायत बीजापुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी. आर. साहू अपनी टीम कार्यक्रम अधिकारी धर्मेन्द्र गवेल, एडीईओ मेघराज वट्टी, तकनीकी सहायक तोरण उर्वशा, सरपंच वामन कड़ती, सचिव बिल्लाराम सहित जनपद कर्मचारियों के साथ गमपुर पहुँचे। यह यात्रा आसान नहीं थी।
बीजापुर से दंतेवाड़ा बचेली होते किरंदुल से 24 किलोमीटर का मोटरसाइकिल सफर, फिर मलगेर नदी, बंजर पहाड़ी और छह छोटे नालों को पार करते हुए टीम गमपुर पहुंची। सुकमा जिले के गौटपल्ली में सुरक्षा कैम्प स्थापित होम के बाद गमपुर, कुंएम और अन्ड्री को नियद नेल्लानार योजना में शामिल किया गया है।
कलेक्टर संबित मिश्रा और जिला पंचायत सीईओ नम्रता चौबे की सतत मॉनिटरिंग के तहत शासकीय योजनाओं की जमीनी स्थिति जानने यह दौरा खास महत्व रखता है। गांव पहुंचते ही सीईओ पीआर साहू ने ग्रामीणों के बीच बैठकर योजनाओं की जानकारी दी और मौके पर ही 60 परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड तथा 68 ग्रामीणों को मतदाता परिचय पत्र का वितरण किया।
ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी भवन बनवाने की मांग रखी, जिस पर सीईओ ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से 5 आंगनबाड़ी भवन, ग्राम पंचायत भवन और तालाब निर्माण की मंजूरी पहले ही जारी की जा चुकी है।
ग्राम पंचायत गमपुर के तीन गांवों में कुल 359 परिवार निवास करते हैं, जिनमें अभी महज 102 आधार कार्ड, 98 ईपिक कार्ड और 68 बैंक खाते ही बने हैं। साथ ही 59 लोगों के आवास भी स्वीकृत है। अन्य कमी को दूर करने के लिए सीईओ ने आश्वस्त किया कि पीडिय़ा में विशेष सेचुरेशन शिविर जल्द ही लगाया जाएगा।
, ताकि हर व्यक्ति आधार, बैंक खाते और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके।
ग्रामीणों द्वारा पीडिय़ा में शिविर लगाने और राशन दुकान स्थानांतरित करने के अनुरोध पर भी टीम ने सकारात्मक आश्वासन दिया। साथ ही पेंशन, महतारी वंदन, उज्ज्वला योजना सहित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने प्रेरित किया।
दुर्गम पहाडिय़ों और नदियों को पार करके पहुँची यह टीम केवल दस्तावेज़ ही नहीं लाई, बल्कि उम्मीद, विश्वास और विकास का भरोसा भी लेकर आई, गमपुर के लिए यह दिन निश्चित रूप से ऐतिहासिक रहा।


