बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 9 अगस्त। बेरोजगार शिक्षण सेवकों ने आबकारी वाणिज्य कर एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात कर अपनी प्रमुख मांगों को उनके समक्ष रखा।
अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी जिला बस्तर के द्वारा खनिज न्यास निधि मद से शिक्षण सेवकों की नियुक्ति 23 दिसंबर2019 से 30 अप्रैल 2020 तक की गई थी, परंतु कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल शासन द्वारा बंद किया गया था। कोरोना संक्रमण समाप्त होने के बाद स्कूल खुलने से नियुक्ति आदेश दिया जाना था, किंतु आज पर्यंत नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया गया है। इस कारण से हमारे सभी सदस्य बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।
मीडिया प्रभारी प्रेमसागर ठाकुर का कहना है कि स्कूल खुलने के आदेश के साथ-साथ 5 अगस्त को नियुक्ति हेतु सूचना भी जारी हो गया है। स्थानीय भर्ती कोर्ट केस लंबित होने की वजह से कोरबा जिला, सरगुजा, बस्तर संभाग जैसे जिले का पद (कुल पद के आधा) केस की वजह से रुका हुआ है। चूंकि मैदानी क्षेत्रों में भर्ती प्रक्रिया चालू हो गया है, बच्चों को शिक्षक भी मिल जाएगा।
जबकि बस्तर जैसे क्षेत्र में भर्ती नही हो रहा है इस कारण से इन सभी जिलों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बस्तर संभाग के अधिकतर विद्यालय में शिक्षक नहीं है, शिक्षा जैसे जरूरी सुविधा से वंचित हो रहे है। जबकि मैदानी क्षेत्रों से अधिक स्थानीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी है।
बच्चों के भविष्य एवं बेरोजगार शिक्षण सेवकों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रभारी मंत्री से तत्काल नियुक्ति आदेश देने की मांग रखी गई है। जिसमें अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर, सचिव रूकधर कश्यप, मीडिया प्रभारी प्रेमसागर ठाकुर, कोषाध्यक्ष तुलसीराम मौर्य , ब्लॉक सचिव गोविन्द मण्डावी, लोकेश कुंजाम मिरीराम गावड़े, सुंदरलाल आदि शिक्षण सेवक उपस्थित रहे।