बस्तर

मेकाज का दूषित पानी कर रहा है किसानों को बीमार
08-Aug-2021 8:36 PM
मेकाज का दूषित पानी कर रहा है किसानों को बीमार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर,8 अगस्त ।
मेकाज से निकलने वाला दूषित पानी किसानों के खेत में जाकर दूषित तो कर रहा है, साथ ही किसानों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है, जिसके जानकारी लगने के बाद भाजपा युवा मोर्चा शासकीय स्वास्थ्य मण्डल जिला बस्तर के सह प्रभारी डिकेश नाग ने मेडिकल कॉलेज डिमरापाल से निकलने वाली दूषित जल से प्रभावित किसानों से मिलकर उनके समस्याओं से रूबरू होते हुए उनकी समस्या की जानकारी लेते हुए कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि जितनी तत्परता ओर सक्रियता स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं मुख्यमंत्री, स्व बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का नाम परिवर्तन करने में दिखाये अगर इतनी ही तत्परता एवं सक्रियता मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल से निकलने वाली दूषित पानी के निकासी के लिए दिखाये होते तो सही मायनों में कांग्रेस के नेताओं का सम्मान होता।

 मेडिकल कॉलेज बनने से क्षेत्र के लोगो को सुविधा तो हुई किन्तु मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल से निकलने वाली दूषित जल से डिमरापाल , भडिसगांव,बड़ेमारेंगा सुरिभाटा पारा के किसानों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है । सालभर दूषित पानी किसानों के खेतों से होते हुए छोटे बहार नाला में मोरठपाल के पास मिल जाता है। किसानों को ना चाहकर भी मजबूरी में अपने खेतों में बदबूदार पानी को सहते हुए कृषि कार्य करना पड़ रहा है। एक और पूरी दुनिया कोविड जैसे महामारी से जूझ रहा है उससे बचने के लिए नित्य नये नये प्रयोग एवं खोज किये जा रहे हैं। बस्तर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकता है।

स्थानीय जनप्रतिनिधि आँख बंद करके बैठे हुए हैं, वही केंद्र की रोजगार गारंटी योजना के पैसे को गौठान जैसे विफल योजनाओं में लगाकर सरकार झूठी वाहवाही बटोरने में लगे हुई है, बारिश खत्म होने के उपरांत अगर पानी निकासी की अगर समुचित व्यवस्था नही की गई तो भाजपा युवा मोर्चा एवं ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन की जाएगी। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव के पूर्व कहा था कि चुनाव खत्म होते ही सबसे पहले नाली की व्यवस्था करने की बात कहकर वोट मांगने आये थे, परंतु आज पर्यन्त तक समस्या जस की तस बनी हुई है, कांग्रेस के नेता एक बार भी अपना शक्ल नही दिखाए हैं। बल्कि पानी के लगातार बहाव से किसानों को बहाव क्षेत्र की जमीन भी छोडऩी पड़ रही है, दूषित जल से मच्छर, मक्खी का प्रकोप भी बढ़ गया है।
 


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