बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर/राजपुर, 27 नवंबर। प्रतापपुर विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते के जाति प्रमाण पत्र से जुड़े विवाद पर आज जिला अपर कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई हुई। यह सुनवाई हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आयोजित की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग जिला कार्यालय परिसर पहुंचे।
सुनवाई में विधायक पक्ष की ओर से जाति प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। न्यायालय ने मूल दस्तावेज की प्रति प्रस्तुत करने के लिए अगली तारीख 11 दिसंबर निर्धारित की है।
सुनवाई के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर बड़ी भीड़ रही। आवेदक पक्ष से जुड़े आदिवासी समाज के लोगों ने परिसर में एकत्र होकर अपना पक्ष रखते हुए विरोध दर्ज किया।
दोनों पक्षों के दावे
विधायक पक्ष का दावा है कि उनका परिवार तीन पीढिय़ों से सरगुजा क्षेत्र में निवासरत है, वे मुडिय़ा गांव की मूल निवासी हैं और उनकी संपूर्ण शिक्षा भी सरगुजा में ही हुई है। पक्षकारों के अनुसार, विधायक शकुंतला पोर्ते कई चुनाव लड़ चुकी हैं और 2013 से पहले उनका जाति प्रमाण पत्र जारी हुआ था, जिसमें पिता और पति दोनों के विवरण दर्ज हैं।
आवेदक पक्ष का कहना है कि 2001-02 की दायरा पंजी में दर्ज जाति संबंधी रिकॉर्ड एसडीएम वाड्रफनगर के आदेश पर प्राप्त हुआ है। उनका यह भी आरोप है कि मामले में जानबूझकर समय बढ़ाया जा रहा है।
इसी को लेकर आवेदक पक्ष से जुड़े लोग कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। अब मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को निर्धारित है, जिस पर सभी पक्षों की नजर रहेगी।


