बलरामपुर

मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 18 नवंबर। छत्तीसगढ़ सर्व नाई समाज ने बलरामपुर जिले के कुसमी कुमहार पारा निवासी सूर्य देव ठाकुर की पत्नी, बेटी एवं पुत्र की हत्या के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से बलरामपुर साप्ताहिक बाजार में एक दिवसीय प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम बलरामपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
समाज के लोगों ने पुलिस के रवैया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जैसे ही परिजनों ने गुमशुदा की रिपोर्ट मौखिक और लिखित रूप से दी थी, अगर उस पर पुलिस तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई करता तो आज हमारे समाज में इतनी बड़ी क्षति नहीं होती। कहीं न कहीं यह स्पष्ट है कि पुलिस की उदासीनता के कारण आज हमारे सर्व नाई सेन समाज के तीन सदस्य नहीं रहे।
आगे आरोप लगाते कहा कि इस मामले मेंं पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई है तथा इस मामले में एक आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि एक व्यक्ति के द्वारा इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। पुलिस कुसमी के साप्ताहिक बाजार से लापता हुए मां, पुत्र और पुत्री कैसे बलरामपुर पहुंचे और किस हथियार से उनके ऊपर वार किया गया तथा उनके शरीर को इतनी जल्दी कंकाल के रूप में कैसे परिवर्तन हो गया,यह भी नहीं बता पा रही है। केवल जांच का आश्वासन दिया जा रहा है। इसके विरोध में सोमवार को समाज के लोग एकत्रित हुए हैं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।
पांच मुख्य मांगे हैं-
परिस्थितियों से स्पष्ट है कि शासन प्रशासन द्वारा बरती गई लापरवाही और यथा समय समुचित कार्यवाही न किए जाने के कारण यह हत्याकांड हुआ है,इसीलिए मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपए मुआवजा राशि शासन द्वारा दिया जाए।
मृतकों के परिजन से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए,परिवार के 15 वर्ष की बच्ची कुमारी मधु ठाकुर की पढ़ाई का संपूर्ण खर्च शासन द्वारा वहन किया जाए,कोई एक व्यक्ति अकेले एक साथ तीन लोगों की हत्या नहीं कर सकता और साक्ष्य को छिपाने तथा शव को दफन नहीं कर सकता। घटना में अन्य अपराधी शामिल होंगे,इसकी गहन छानबीन कर अन्य अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार की जाए तथा उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाए।
इस मामले में प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश कुमार ठाकुर ने कहा कि मृतक के परिजनों के द्वारा 1 अक्टूबर को मौखिक सूचना पर यदि पुलिस कार्रवाई तो शायद यह हत्याकांड नहीं होता।
पुलिस की लापरवाही की वजह से हत्याकांड हुआ है। इस कारण उन संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए। समाज के लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है।