बलरामपुर
कुसमी, 6 अप्रैल। कुसमी स्थित धरम मंडा में प्रकृति की पूजा का महापर्व सरहुल गुरुवार को धूमधाम से उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर तहसील कार्यालय के सामने स्थित धरम मंडा में जुटे श्रद्धालुओं ने खुशहाली की कामना के साथ भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की।
सरहुल पूजा के लिए निकलने वाली शोभायात्रा में शामिल होने के लिए उरांव समाज के लोग सुबह से ही शहर के उक्त धरम मंडा स्थल में जुटने लगे थे। दोपहर लगभग डेढ़ बजे पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए ग्रामीण, ढोल और नगाड़े के साथ नगर भ्रमण के लिए रवाना हुए। शोभायात्रा निर्धारित कार्यालय स्थल से निकलकर थान पारा से मस्जिद रोड होते हुए शिव चौक पहुंची तथा यहां से बस स्टैण्ड होते हुए पुन: धरम मंडा पहुंच कर धार्मिक सभा में तब्दील हो गई।

सभा को संबोधित करते हुए उरांव समाज के संरक्षक राजेंद्र भगत ने कहा कि आदिवासी समाज अपने पुरखों की रीतियों, रूढिय़ों और परंपराओं का पूरी तरह से पालन करते आ रहा है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने सचेत करते हुए सभी को एक साथ चलने की अपील की तथा सरहुला पूजा की विधि और महत्व का विस्तार से वर्णन किया। इस अवसर पर उन्होंने पारंपरिक लोक गीत गाकर उपस्थित लोगों का मन मोहा।
धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे एसडीएम अनमोल विवेक टोप्पो को उरांव समाज के देवन रामचंद्र निकुंज के नेतृत्व में चैत्र पूर्णिमा सरहुल पर्व पर प्रतिवर्ष सामान्य अवकाश घोषित हो, सभी ग्रामीण की अखरा सरना स्थल को संरक्षित किया जाए सहित छ: मांगों का मांगपत्र मुख्यमंत्री के नाम सौंपा।

सभा को विधायक चिंतामणि सिंह, देवधन भगत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने संबोधित किया तथा मंच का संचालन सौरभ भगत, उत्पल भगत ने किया। इस अवसर पर हीरामुनी निकुंज, बसंती भगत, सुनीता भगत, शशि भगत, इंद्रदेव निकुंज, देवसाय भगत, अम्बिकेश्वर पैकरा, प्रहलाद भगत, राजू भगत, सुनील नाग, लक्ष्मी नारायण भगत, संदीप भगत सहित समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


