बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 2 फरवरी। एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक प्रतीक सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से कोरोना काल के बाद देश में बेरोजगारी और तेजी से बढ़ी है, उसे देखते हुए नौजवान, किसान,व्यापारी बजट की उम्मीद कर रहे थे, पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत बजट से उन सभी को भारी निराशा हुई। जिस प्रकार से देश में लगातार तेजी से बेरोजगारी बढ़ रही है, उस पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कारगर उपाय नहीं किए गए, सिर्फ बेरोजगारी दूर करने के नाम पर झुनझुना पकड़ा गया।
देश के करोड़ों युवाओं को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी की सरकार बेरोजगारी दूर करने के लिए अब ठोस कदम उठाएगी, परंतु जिस प्रकार से बजट प्रस्तुत हुआ, उससे सभी भारी निराश है। शिक्षा बजट में कटौती करना मोदी सरकार की छात्र विरोधी मानसिकता दर्शाता है। कोरोना काल के बाद देश की मध्यमवर्गीय एवं गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है, वहीं महंगाई बेकाबू होकर बढ़ रही है।
उम्मीद थी कि महंगाई पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम सरकार उठाएगी, परंतु इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। महंगाई पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने मित्र काल बजट पेश किया, नई नौकरियां सृजन करने की कोई योजना नहीं है, महंगाई पर काबू पाने कोई इंतजाम नहीं है।


