बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज,14 अक्टूबर। फोन पे चालू करने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले झारखंड से दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार थाना रामानुजगंज अंतर्गत चौकी विजय नगर में 19 मई को राम लखन (39 वर्ष) के द्वारा ऑनलाइन ठगी के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था। जिस पर चौकी प्रभारी द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देशन में टीम गठित कर कार्यवाही करते हुए अपराधी को झारखंड के थाना देवीपुर ग्राम बनगोड़ा से स्थानीय पुलिस की मदद से अपराधी को पकडक़र 13 अक्टूबर को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

पुलिस के अनुसार विजय नगर चौकी में 19 मई 22 को आवेदक राम लखन के द्वारा चौकी में आकर शिकायत पत्र दिया था कि मेरे साथ ऑनलाइन ठगी किया गया है।
पीडि़त आवेदक ने बताया कि मेरे द्वारा अपने मोबाइल में गूगल सर्च करके फोन पे चालू करने हेतु फोन पे कस्टमर केयर के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किए, उसके बाद रिटर्न कॉल आया, उनके द्वारा बोला गया कि फोन पे चालू करना है तो आप एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करिए, उसके बाद मैं फोन पे चालू कर दूंगा तो प्रार्थी द्वारा अपने मोबाइल पर एनीडेस्क डाउनलोड करने के बाद उसके एचडीएफसी बैंक के खाते से 21 हजार रुपए व स्टेट बैंक के खाते से 10 हजार फर्जी तरीके से निकाल लिया गया। उक्त रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस साइबर सेल की मदद से उक्त मोबाइल नंबर का सीडीआर लेकर अध्ययन करने पर मोबाइल नंबर का लोकेशन झारखंड के थाना देवीपुर ग्राम बनगोड़ा मिलने पर तत्काल टीम गठित कर झारखंड रवाना किया गया। टीम द्वारा थाना देवीपुर पहुंच कर लोकल थाना स्टाफ के सहयोग से उक्त ग्राम में आरोपीगण के निवास पर दबिश देकर पकड़ा गया।
आरोपी पलटू दास व पंकज दास से कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और बताए कि गूगल के माध्यम से फर्जी फोन पे कस्टमर केयर वेबसाइट बनाकर जिसमें अपना मोबाइल नंबर डाल कर रखते थे जिसमें कोई भी कस्टमर गूगल पर फोन पे चालू करने के लिए हेल्पलाइन नंबर डायल करने पर कस्टमर का मोबाइल नंबर में फोन आता था फिर कस्टमर को मैं और पंकज दास मिलकर फर्जी कस्टमर गूगल पर फोन पे अधिकारी बनकर इनसे बात कर उनके मोबाइल में गूगल पर फोन पे चालू करवाने के नाम पर उनके मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करने बोलते थे और जो कस्टमर अपने मोबाइल में एनीडेस्क एप डाउनलोड कर लेता था, फिर मैं एनीडेस्क एप के माध्यम से कस्टमर के खाते के पैसा को अपने ऑनलाइन वाले मोबिक्विक जिसे किसी अन्य व्यक्ति के डॉक्यूमेंट आधार कार्ड व पेन कार्ड का उपयोग करके बनाते थे, इसी ऑनलाइन वॉलेट मोबिक्विक पर पैसा को ट्रांसफर कर लेते थे, फिर उस पैसे को निकाल कर मौज-मस्ती में खर्चा करते थे।
अपराध घटित करना स्वीकार करने पर उक्त आरोपी गण को झारखंड से ट्रांजिट रिमांड लेकर छत्तीसगढ़ लाया गया जिसे 13 अक्टूबर को न्यायालय रामानुजगंज में पेश कर जेल दाखिल कर दिया गया।


