बलरामपुर

हाथी दल झारखंड से कन्हर नदी पार कर पहुंचा छग के गांव, फसलें रौंदी, ग्रामीणों में दहशत
26-Sep-2022 7:04 PM
हाथी दल झारखंड से कन्हर नदी पार कर पहुंचा छग के गांव, फसलें रौंदी, ग्रामीणों में दहशत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 26 सितंबर।
रामानुजगंज वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कनकपुर तकिया टोला में झारखंड से कन्हर नदी पार कर 13 हाथियों का दल पहुंचा है। हाथी दल दो दिनों से कनकपुर और तकिया टोला जंगल के बीच में अपना डेरा डाले हुए हैं, इनमें 2 नर हाथी, 7 मादा और 4 शावक भी शामिल हैं। हाथियों का दल भोजन की तलाश में जंगल में भटक रहे हैं। फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ग्रामीणों ने हाथियों के दल को झारखंड से कन्हर नदी के रास्ते आते हुए देखा, जिसके बाद आसपास के गांवों के लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।

ज्ञातव्य हो कि यह छत्तीसगढ़- झारखंड का सीमावर्ती क्षेत्र है, हालांकि वन विभाग की टीम मौके पर ग्रामीणों को जंगल की तरफ नहीं जाने और हाथियों से दूर रहने की समझाइश देते हुए मुनादी करा रही है।

रामानुजगंज वन परिक्षेत्र अंतर्गत कनकपुर तकिया टोला के जंगल में कल सुबह से ही 13 हाथियों का दल मौजूद है। ग्रामीण कल सुबह कन्हर नदी की तरफ पहुंचे तो उन्होंने देखा कि 13 हाथियों का दल नदी पार करके झारखंड से उनके गांव में पहुंच रहा है। गांव के लोगों ने इसकी सूचना अन्य लोगों और वन विभाग को दी। हालांकि गनीमत रही कि हाथियों का दल बस्ती में ना जाकर जंगल की तरफ निकल गया, जिससे बड़ा नुक़सान नहीं हुआ। तकिया टोला बस्ती में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में गांव के बच्चे पढऩे जाते हैं, हाथियों के कारण यहां खतरा मंडरा रहा है।

रामानुजगंज- रामचंद्रपुर मुख्यमार्ग पर दिखा हाथी का लीद
रामानुजगंज- रामचंद्रपुर मुख्यमार्ग पर हाथी का लीद पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि हाथियों का दल मुख्य सडक़ पर भी आ चुका है। जबकि इस मुख्यमार्ग पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता रहता है लेकिन हाथियों की धमक से रात को सडक़ से गुजरने वाले लोगों के लिए कभी भी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

रामानुजगंज में है बड़ी आबादी
हाथियों का दल रामानुजगंज नगर पंचायत क्षेत्र 7-8 किलोमीटर दूरी पर है। रामानुजगंज में 25-30 हजार लोगों की आबादी है। अगर हाथियों का दल यहां तक पहुंच जाता है तो जान-माल का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी वर्ष फरवरी में भी हाथियों का दल रामानुजगंज वन वाटिका तक पहुंच गया था।


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