बलरामपुर

महिला आयोग का उपयोग पति और बच्चों को बचाने के लिए नहीं किया जा सकता -किरणमयी
23-Jun-2022 8:21 PM
महिला आयोग का उपयोग पति और बच्चों को बचाने के लिए नहीं किया जा सकता -किरणमयी

सूरजपुर में कार्यरत डॉक्टर पर होगी कड़ी कार्रवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 23 जून।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने नवीन विश्राम गृह बलरामपुर में महिला संबंधी 6 मामलों की सुनवाई की, जिसमें से 2 मामलों को नस्तीबद्ध किया गया।
 
डॉ. किरणमयी नायक ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह कहा कि महिला आयोग का उपयोग पति और बच्चों को बचाने के लिए नहीं किया जा सकता तथा सुनवाई के दौरान आयोग ने सूरजपुर जिला चिकित्सालय में कार्यरत अनावेदक डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक ससुर के साथ उनके साथियों ने मिलकर समस्त संपति को एक करोड़ बत्तीस लाख रूपये में बिक्री कराया गया है। आवेदिका ने बताया कि पति एवं देवर के बच्चों को संयुक्त सम्पत्ति की हिस्सा नहीं दे रहा है, जबकि पंचायत के समक्ष लिखा-पढ़ी में ससुर ने कहा था कि गोरखपुर की संपति में हिस्सा दूंगा। इस प्रकरण को आयोग की सदस्य अनीता विश्वकर्मा एवं संरक्षण अधिकारी (नवाबिहान) को समस्त दस्तावेज दिया गया जिसे आयोग की सदस्य आगामी तिथि को सुनवाई कर इस प्रकरण का निराकरण करेंगे।

इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में अनावेदक एमबीबीएस डॉक्टर है, जो सूरजपुर में पदस्थ हैं , जो आवेदिका के पैसे से वर्ष 2011 से 2018 तक रायपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई किया है तथा वर्तमान में सूरजपुर जिला चिकित्सालय में पदस्थ है, आवेदिका और अनावेदक दोनों ने वर्ष 2018 में रीति-रिवाज के साथ शादी की थी। विवाह के 2 वर्ष तक दोनों पति-पत्नी के रूप में रहे हैं।

इस स्तर पर आयोग द्वारा पूछे जाने पर अनावेदक के मोबाइल के व्हाट्सएप नम्बरों का अवलोकन किया गया, जिसमें कई लड़कियों के साथ लगातार अश्लील चैटिंग करने की प्रवृत्ति सामने आई। आयोग ने संरक्षण अधिकारी को तत्काल मोबाइल फोन को साइबर सेल में जांच कराने के निर्देश दिये।

इस प्रकरण की निगरानी संरक्षण अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जिससे अनावेदक के सभी अश्लील चैट का रिकॉर्ड निकाला जा सकेगा, संरक्षण अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा को फाइल सौंपेंगे, जिसे आवश्यकतानुसार प्रकरण की सुनवाई में रखा जा सकेगा। अनावेदक के खिलाफ सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत विभागीय कार्यवाही के लिए पत्र भी लिखा जा सकेगा।

जन सुनवाई में महिला आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा, आयोग की अधिवक्ता शमीम रहमान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन प्रशांत कतलम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग  जे.आर.प्रधान, जिला बाल संरक्षण अधिकारी हरीश अबदुल्ला सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।


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