बलरामपुर

अपराध पंजीबद्ध करने आरटीआई कार्यकर्ता ने थाने में दिया आवेदन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 7 दिसंबर। आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम पर गलत तरीके से करीब ढाई करोड़ रुपए का भुगतान कर शासकीय राशि गबन करने का आरोप लगाते हुए रामानुजगंज थाने में अपराध पंजीबद्ध करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है।
डीके सोनी ने थाने में प्रस्तुत आवेदन में उल्लेख किया है कि जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के द्वारा जो भुगतान का उल्लेख किया गया है, वह बिना किसी आधार के मात्र बिल लेकर भुगतान किया गया, जबकि किसी भी राशि के भुगतान करने की प्रक्रिया शासन के द्वारा निर्धारित की गई है। अगर किसी विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार की सामग्री क्रय की जाती है तो भंडार क्रय नियम का पालन किया जाता है और उसके अनुसार भुगतान किया जाता है या किसी व्यक्ति विशेष को भुगतान किया जाता है तो उसका भी मस्टर रोल तैयार होता है।
बिल प्राप्त कर भुगतान किया जाता है या किसी संस्था को भुगतान किया जाता है तो उसकी भी एक प्रक्रिया होती है। लेकिन जल संसाधन विभाग के कार्यपालन के द्वारा फर्जी बिल वाउचर लगाकर अपने परिचित लोगों के नाम से करोड़ों रुपए का बिल निकाला गया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है।
पूर्व में भी लगे हैं आरोप, 420 के तहत दर्ज हुआ है मामला
डीके सोनी ने थाना में दिए आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि इनके विरुद्ध पूर्व में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आय से अधिक संपत्ति रखने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध किया जा चुका है एवं विभाग द्वारा अंतिम प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है, इसके बाद भी उपरोक्त अधिकारी के द्वारा कोरोनाकाल, लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपए का फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित किया गया है, जिसकी जांच कराकर शासकीय राशि में घोटाला करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराया जाना आवश्यक है।
डीके सोनी ने बताया कि उमाशंकर राम के विरुद्ध रामानुजगंज थाने में 420 का मामला पंजीबद्ध है, जिसमें वे जमानत पर हैं, वहीं आय से अधिक संपत्ति का भी मामला उनके विरुद्ध चल रहा है, साथ ही भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं, उसके बाद भी विभाग इन पर मेहरबान बना हुआ है।