बलौदा बाजार

नगरीय निकायों की तुलना में गांवों में है अधिक संक्रमित मरीज
16-May-2021 5:57 PM
नगरीय निकायों की तुलना में गांवों में है अधिक संक्रमित मरीज

गांव में निगरानी दल के गठन से मिलने लगे है सकारात्मक परिणाम 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार,16 मई।
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने शनिवार को होम आइसोलेशन की मॉनिटरिंग को लेकर विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों की तुलना में गावों में अधिक संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, जो होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं। इस तरह जिले के गांवों में यह सँख्या बढऩा हम लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। 

उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 27 मरीजों की मृत्यु होम आइसोलेशन में रहते हुई है, जिसमें भी बिलाईगढ़ विकासखण्ड में सर्वाधिक है। होम आइसोलेशन में रहन वाले मरीजों की सतत निगरानी करने में हम कहीं ना कहीं ढिलाई बरत रहे हंै। जिसे आप सभी तत्काल पूरी प्रक्रिया को सुधारते हुए कड़ाई से सभी मरीजों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण गाइडलाइन के अनरूप करते रहे। जिसमें पल्सऑक्सीमीटर से खून में ऑक्सीजन का लेवल की जाँच, फोन द्वारा फ़ॉलोअप शामिल है। ताकि समय रहतें किसी भी मरीज को कुछ भी समस्या ना हो और समस्या होने पर हमें उन्हें अच्छे उपचार मुहैया करा सके। इसके लिए हमनें गावों गाँवो में पल्स ऑक्सीमीटर ग्राम पंचायत को दिये हैं। आप सभी मैदानी कार्यकर्ता इसका अनिवार्य रूप से उपयोग करें। साथ ही अब को-मॉर्बिड मरीज एवं संक्रमित गर्भवती महिलाओं होमआइसोलेशन में नही रखा जाएगा।उनके लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना अनिवार्य कर दिया गया है। हमारे पास पर्याप्त सँख्या में बिस्तर एवं डॉक्टरों की टीम है जो इन मरीज़ों का विशेष देखभाल सकरी एवं नया कोविड हॉस्पिटल में करेगें। इसके साथ ही उन्होंने ड्यूटी में लगें शिक्षकों से कहा कि फॉलोअप एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हम जितना से अच्छा कार्य करेंगें लोग उतना ही हम पर विश्वास और जल्दी स्वस्थ होंगें। ना केवल मरीज बल्कि उनके आसपास परिवार के बारे में भी जानकारी लेवें।

कलेक्टर ने बताया कि गांव गांव में ग्राम निगरानी दल के गठन से संक्रमण के स्तर में कमी आयी है। निगरानी दल गांव में सख्त तरीके से गांव के सभी लोगों के सहयोग से कड़ाई से लॉकडाउन सहित कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हंै। जिले में  मार्च के अंतिम सप्ताह में संक्रमण का दर 5 प्रतिशत था। जो बढक़र अप्रैल माह के पहले सप्ताह में 16 प्रतिशत हो गया था। फिर अचानक यह प्रतिशत जिलें में बढक़र एकाएक 42 प्रतिशत तक पहुँच गया था। अभी लगभग 15 प्रतिशत पर स्थिर है। हमें वापस 5 प्रतिशत तक संक्रमण की दर को लाने की दिशा में काम करना है। और यह काम सब को मिल के पूरा करना है।

कोविड को टाइफाइड ना समझें-डॉ विकास आडिल 
वन टू वन वार्ता के दौरान जिले के निजी चिकित्सकों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझावों प्रशासन को दिए, जिस पर कलेक्टर ने तत्काल सहमत होते उस दिशा में कार्य करने की बात कही। साथ ही भाटापारा के सुप्रसिद्ध डॉ. विकास आडिल ने बताया कि ग्रामीणों में कोरोना के बुखार को टाइफाइड समझ बैठते है। जिस कारण मरीज की स्थिती अस्पताल तक पहुंचने से पहले गंभीर बन जाता है। इन सभी प्रकरणों में 
झोलाछाप डॉक्टरों की भूमिका होती है। इसलिए लक्षण दिखते ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर कर डॉक्टरों से सलाह लेवें। सेल्फ मेडिसिन ना लेवें। इसी तरह बलौदाबाजार के युवा सर्जन डॉ नितिन तिवारी ने भी मितानिनों के प्रशिक्षण के संबंध में अपनें विचार एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत किये।

तीन दिन लगातर खांसी एवं बुखार होने पर कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हो जाये- सीएचएमओ
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज यदि तीन दिन तक लगातर खांसी एवं बुखार होने पर वह नजदीकी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हो जाये। इससे आगे चलकर कोई तकलीफ नहीं होगी, समय रहते मरीजों की पूरी देखभाल कर सकते हैं। साथ ही वह होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम नम्बर 88174-00390 एवं जिला कंट्रोल रूम नम्बर 7727-223697 में भी फोन कर अपनी समस्या एवं जानकारी ले सकते है। इसके साथ ही 104 की भी सेवा ले सकते है। इस बैठक के दौरान  जिला पंचायत सीईओ डॉ फरिहा आलम सिद्की, सँयुक्त कलेक्टर टेकचंद अग्रवाल, सिविल सर्जन डॉ राजेश अवस्थी,डॉ राकेश प्रेमी जिलें के सभी एसडीएम, जनपद सीईओ डयूटी में तैनात, शिक्षक, एबीइओ, बीईओ, महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ सहित सम्बंधित डॉक्टर एवं निजी डॉक्टर भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि जि़ले में अभी कुल 6927 मरीज कोरोना से संक्रमित है। इसमें से 610 मरीज हॉस्पिटल में एवं 6317 मरीज होम आइसोलेशन में है।


वैक्सीन का पहला डोज पर्याप्त नहीं, समय पर लगवाएं दूसरा डोज- कलेक्टर
बलौदा बाजार। जिले में एक ओर जहां नगरीय इलाकों में कोरोना की वैक्सीन लगाए जाने के लिए लोगों में जागरुकता नजर आ रही है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में आज भी लोगों में वैक्सीन के प्रति भ्रम दूर नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन की गति काफी धीमी है। जिले में वैक्सीन का दूसरा डोज लगाए जाने की समय सीमा तथा वैक्सीन को लेकर भी बीते कुछ दिनों से लोगों में भ्रम नजर आ रहा है। शुक्रवार को कलेक्टर ने कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे डोज लगवाने वालों की कम संख्या होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। 

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपना पहले डोज का वैक्सीनेशन करा लिया है। वह निश्चित समय अंतराल में अपना दूसरे डोज की वैक्सीनेशन करा लें नहीं तो पहले डोज के वैक्सीनेशन कोई मतलब नहीं होगा। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन का केवल पहला डोज पर्याप्त नहीं है, सही समय अंतराल पर दूसरा डोज भी लगाना अनिवार्य है, तभी वैक्सीन प्रभावीं होगा। उन्होंने कहा कि जिले के सभी फ्रंट लाइनर जैसे स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, पंचायत, नगरीय निकायों, महिला बाल विकास विभाग अन्य विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों सहित 45 वर्ष से अधिक को मॉर्बिड व्यक्तियों जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज लगा लिया है। वह अनिवार्य रूप से वैक्सीन का दूसरा डोज अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर लगवा लें। 

उन्होंने बताया कि जिले पर्याप्त मात्रा में दोनों वैक्सीन उपलब्ध है। इसके साथ उन्होंने जिले के 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों से अपील की है, वे शीघ्र ही अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण करा लें। वैक्सीन की अफवाहों पर ध्यान ना देवें। वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई की एक कारागार दवाई है। स्वयं वैक्सीनेशन कराएं व आसपास के अन्य लोगों को भी वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें। हमारी सतर्कता व जागरुकता ही कोरोना से बचा सकता है। उन्होंने शासन द्वारा निर्धारित विभिन्न फ्रंटलाइनर पत्रकारों, वकीलों, राशन दुकानों के कमर्चारी, सब्जी वालों से भी अनिवार्य रूप से अपने लिए निर्धारित नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर टीकाकरण कराने की अपील की।

वैक्सीन लगवाने का सही समय
जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि जिन्होंने कोविडशील्ड का टीका लगवाए हंै, वे अपना दूसरा डोज 6 से लेकर 8 सप्ताह के बीच में लगवाएं, उसी तरह जिन्होंने कोवैक्सीन का टीका लगवाया है वे 28 दिन बाद दूसरा डोज लगा लेवें।


अन्य पोस्ट