बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 जुलाई। ग्राम पंचायत भरसेली के लोग मिशन जल जीवन योजना के तहत गांव में काम प्रारंभ होने पर अत्यधिक प्रसन्न थे कि ग्रीष्मकाल में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने वाले इस गांव के लोगों को नलों के माध्यम से घर में ही पेयजल मिलने लगेगा। परंतु ठेकेदार द्वारा गांव की गलियों में की गई बेतरतीब खुदाई से उनकी पूरी खुशी काफूर हो गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा बगैर सर्वे के पूरे गांव की गलियों को इस तरह खोद दिया गया है जैसे सडक़ों को बलास्टिंग कर उखाड़ दिया गया हो। आलम यह है कि अब ग्रामीणों को बारिश में इन गलियों में पैदल चलना भी दूभर हो चुका है। हैरत की बात है आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दल अभी से विभिन्न ग्रामों में बैठक आहुत कर पार्टी की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने में जुटे हुए हैं, परंतु उनका ध्यान भी इस अव्यवस्था पर नहीं जा रहा है।
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ग्राम पंचायत भरसेला में 79.43 लाख की लागत से मिशन जल जीवन योजना के तहत टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन बिछाने का कार्य मार्च से किया जा रहा है। जहां ठेकेदार द्वारा अधिकांश कार्य पेटी कांटे्रक्टर को दे दिया गया है। विभाग द्वारा कार्य की मानिटरिंग भी नहीं किए जाने का भरपूर फायदा उठाते हुए ठेकेदार द्वारा मनमर्जी पूर्वक गांव की लाखों रुपए की सीसी रोड को बेतरतीब तरीके से बीचों-बीच खोद दिया गया है, वहीं खुदाई से निकला हुआ मलमा समेत खुदी हुई सडक़ें ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन गई है। हल्की सी बारिश में ही पूरी गलियों पर सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ पसरा हुआ है।
इस संबंध में सरपंच संत कुमारी टंडन ने बताया कि काम प्रारंभ होने के पूर्व ही उन्होंने ठेकेदार से सडक़ के किनारे किनारे पाइप लाइन बिछाने एवं घरों में नल कनेक्शन दिए जाने के दौरान आवश्यकता अनुसार सीसी रोड खोदने का आग्रह किया था। परंतु ठेकेदार द्वारा इसे अस्वीकार कर पूरे गांव की सडक़ों को बीचों-बीच खोदकर नालियों साा बना दिया गया हैै। इस वजह से जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इन सडक़ों को यथास्थिति प्रदान करने पंचायतों को पुन: लाखों रुपए व्यय करना पड़ेगा।
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दुपहिया गांव के बाहर रखकर जाना मजबूरी
ठेकेदार के श्रमिकों द्वारा पूरी गलियों को इस कदर ध्वस्त किया गया है कि रात में कीचड़ से भरी गलियों में दोपहिया चलाना भी संभव नहीं है। जिसके चलते ग्रामीण अपनी वाहनों को ग्राम के सामने स्थित घरों में रखकर पैदल घर जाने मजबूर हंै। कीचड़ की वजह से छोटी चार पहिया वाहन स्कूल वैन आदि का प्रवेश भी अब गलियों में संभव नहीं है।
इन परिस्थितियों में गांव के अंतिम छोर पर स्थित बच्चों व पालकों को गलियों के कीचड़ से लथपथ किसी तरह डेढ़ दो किलोमीटर चलाकर गांव के बाहर जाना पड़ रहा है। बारिश होने के दौरान तो दिन में भी यहां दोपहिया चलाना किसी जोखिम से कम नहीं है। इसके अलावा भरसेली से भरसेला मार्ग के किनारे भी पाइप लाइन बिछाने हेतु गड्ढा कर उनमें मिट्टी का पर्याप्त भराव नहीं किया गया है। इन गड्ढों के कीचड़ में वाहन के फंसने से भी लोग परेशान हैं।
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गांव के अंतिम छोर में भरसेला मार्ग पर योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण भी किया जा रहा है। यहां उपस्थित श्रमिकों ने बताया कि समीप स्थित ग्राम गैतरा के एक पेटी कांट्रेक्टर के अधीन टंकी निर्माण का कार्या कर रहे हैं।


