बलौदा बाजार
जिला व सत्र न्यायाधीश और अन्य अधिवक्ताओं ने महिलाओं को सतर्क रहने दिया मार्गदर्शन
यौन उत्पीडऩ की रोकथाम अधिनियम के संबंध में कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 जुलाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी के संयुक्त तत्वाधान में हाईस्कूल व हाई सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत महिला व्याख्याताओं व महिला प्राचार्य का कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की रोकथाम नियम के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विजय कुमार एकका अध्यक्ष जिला व सत्र न्यायाधीश बलोदा बाजार की अध्यक्षता मयूर गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मृणालिनी कातुलकर दीक्षा देशलहरे मंजूलता सिन्हा न्यायिक मजिस्ट्रेट व कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बी आर पटेल की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यशाला में विजय कुमार एक्का ने महिलाओं को जागरूक करते हुए विभिन्न पहलुओं पर उदाहरण सहित कहा कि यौन उत्पीडऩ महिलाओं व पुरुष दोनों के खिलाफ हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम ज्यादा कमजोर एवं असुरक्षित स्थिति में होती है। अलग-अलग परिभाषा और समझदारी के कारण उत्पीडऩ को प्रमाणित करना काफी मुश्किल हो जाता है। वर्तमान समय में यौन उत्पीडऩ से जाहिर करते हुए इन घटनाओं की रोकथाम के लिए विस्तृत जानकारी दी गई।
यौन उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं
करना चाहिए- मयूरा गुप्ता
मयूरा गुप्ता ने विधिक प्राधिकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यौन उत्पीडऩ भेदभाव का एक ही गंभीर रूप है। इससे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह काम में समानता का अवमूल्यन है। काम करने वालों की इज्जत गरिमा और सलामती के खिलाफ है। सभी महिला हो या पुरुष ऐसे कार्यस्थल पर काम करने का अधिकार है जो सुरक्षित आजाद भेदभाव व हिंसा से मुक्त हो महिलाओं के लिए अपनी जिम्मेदारियां निभाने में सहायक हो।
मृणालिनी कातुलकर ने कहा कि कानून की विधि धाराओं का आत्म सुरक्षा व अपने अधिकार के प्रति सजग रहने की जानकारी दी। साथ ही दीक्षा दशहरे शिक्षा विभाग से पार्वती वर्मा प्रभारी प्राचार्य रिसदा ने भी संबोधन किया।


