बलौदा बाजार

मुख्यालय के सडक़ों पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी नहीं ली जा रही सुध
02-Aug-2022 9:07 AM
मुख्यालय के सडक़ों पर आए दिन हो रही  दुर्घटनाओं के बाद भी नहीं ली जा रही सुध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 1 अगस्त।
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रोका 6 का को लेकर एक पखवाड़े पूर्व जिला प्रशासन द्वारा स्थापित जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को कड़ाई बरतने वाले आदेश का असर दिखाई नहीं दे रहा है जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में आज भी आवारा पशुओं को सडक़ों पर जमावड़ा लगा रहता है जिससे आए दिन लोग दुर्घटना एवं हादसों का शिकार हो रहे हैं वहीं मवेशियों को भी चोटिल हो रहा है 

हालात यह है कि सडक़ों पर खड़े मवेशी दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं तथा रुक अच्छे का अभियान को सफल बनाने वाला जिम्मेदार महकमा चुप्पी साधे सिर्फ कागजी खानापूर्ति करते दिखाई पड़ रहा है 

गौरतलब है कि वर्तमान समय में खेती किसानों के लिए कृषकों द्वारा ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्रों को प्राथमिकता दिए जाने से बैलों की उपयोगिता लगभग समाप्त हो गई है जिसके कारण लोग बैलों तथा दूध नहीं देने वाले गोधन को खुला छोड़ दिया जा रहा है 

इसी तरह ग्रामीण अंचल में हर घर में बड़ी संख्या पशुधन पाले जाते हैं लेकिन अतिक्रमण के चलते चारागाह लुप्त प्राय होने की कगार पर है मजबूरी में लोग पशुओं को विचरण के लिए खुला छोड़ देते हैं इसी दौरान पशु अपनी वाली जमीन वह मच्छरों से बचने के लिए पक्की सडक़ों पर पहुंचकर डेरा जमा लेते हैं 

रात में वाहन चालकों को  नहीं होती परेशानियां 
बीच सडक़ पर बैठे आवारा पशुओं के साथ होने वाले दुर्घटना के संबंध में कहा कि सबसे ज्यादा रात के समय वाहन चालकों को समस्या होती है मवेशी भी सडक़ पर झुंड लगाकर बैठे रहते हैं तेज गति से आवागमन वाले वाहन चालकों को यह जानवर दिखाई नहीं देते जिसके कारण बड़ी दुर्घटना घटी हो जाती है शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी मुख्य मार्ग में आवारा पशु बीच सडक़ पर बैठकर दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए 

गोठानो व कांजी हाउस में पशुओं को रखने के लिए व्यवस्था नहीं 
शासन प्रशासन द्वारा गोधन या योजना के तहत गुटखा नोवा निर्माणों कर वहां पशुओं को रखने के लिए पानी चारा आदि की व्यवस्था की जिम्मेदारियां पंचायतों तथा स्व सहायता समूह को सौंपी जाने का प्रावधान रखा गया है लेकिन अधिकांश गौठानो में पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था नहीं होने तथा वहां पर पशुओं को रखने से भूख प्यास से पशुओं की मौत होने पर बदनामी के भय से पशुओं का रखने से कतराते हैं इसी तरह शहरी क्षेत्र में घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए कांजी हाउस के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद बाजार में आवारा पशुओं के घूमते रहने का सिलसिला जारी है मुख्य मार्ग जहां-तहां सडक़ पर मवेशियों का झुंड देखा जा रहा है जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। 

सडक़ पर विचरण कर रहे इन मवेशियों के कारण आए दिन छोटी बड़ी सडक़ दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन इस ओर ना तो प्रशासन का और ना ही कोई संगठन का इस ओर ध्यान जा रहा है अगर इस पर नियंत्रण नहीं हुआ तो मुख्य मार्ग पर सडक़ दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी रहेगा जिससे ना केवल पशुधन की क्षति होगी बल्कि राहगीरों का भी जान माल का नुकसान होगा।
 


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