राष्ट्रीय
प्रयागराज, 6 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुंभ-2025 के लोगो का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने महाकुंभ-2025 वेबसाइट और मोबाइल एप भी लॉन्च की है। महाकुंभ-2025 के लोगो में इस बार भी कुछ खास है, लोगो में एक कलश है जिस पर 'ॐ' लिखा है और पीछे संगम का दृश्य है। इसके अलावा, लोगो में नगर कोतवाल हनुमान जी का चित्र और एक मंदिर है।
सीएम योगी ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मौजूदगी में लोगो का अनावरण किया। लोगो का अनावरण, वेबसाइट और एप की लॉन्चिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के समक्ष बैठक कर महाकुंभ-2025 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। करीब एक घंटे तक उन्होंने विभिन्न कार्यों का जायजा लिया, घाटों की स्थिति देखी और कुंभ को लेकर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। महाकुंभ-2025 को दिव्य, भव्य और नव्य तरीके से आयोजित कराने के लिए सीएम योगी ने खुद कमान संभाल रखी है। महाकुंभ-2025 की वेबसाइट श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वायु, रेल एवं सड़क मार्ग से महाकुंभ पहुंचने में मार्गदर्शक का काम करेगी। इसके माध्यम से प्रयागराज में आवास, स्थानीय परिवहन, पार्किंग, घाटों तक पहुंचने के दिशा-निर्देश आदि की जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियों में प्रतिभागिता के संदर्भ में भी जानकारी उपलब्ध होगी। महाकुंभ-2025 में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को स्मृति चिन्ह और धार्मिक वस्तुएं उपलब्ध कराने की सुविधा, आपातकालीन स्थितियों के लिए एसओएस सुविधा, श्रद्धालुओं को घाटों, आवास और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक आसानी से पहुंचने के लिए गूगल नेविगेशन, श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्वपूर्ण अलर्ट की जानकारी की उपलब्धता, मेला के सभी कार्यक्रमों और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की समय सारिणी भी इसमें होगी।
कुंभ को और अलौकिक बनाने के लिए तरह-तरह की लाइट लगाई जा रही है, जो श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का स्वागत करती नजर आएंगी। शहर को दूसरे जिलों को जोड़ने वाले और शहरी क्षेत्र में संगम की तरफ जाने वाले हर मार्ग पर थीमेटिक लाइटें लगाई जाएंगी, जो कलश, शंख, तीर-धनुष, डमरू और त्रिशूल की आकृतियों में कुंभ की भव्यता को और निखारेंगे। 2025 महाकुंभ से पहले भी प्रयागराज को और भी निखारने की कोशिश की जा रही है। महाकुंभ के पहले एयरपोर्ट रोड को शहर की सबसे आकर्षक और चुनिंदा सड़कों के रूप में विकसित किया जाएगा। बता दें कि महाकुंभ मेला जनवरी 2025 से प्रयागराज में आयोजित होने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर तैयारियां कर रही है, क्योंकि महाकुंभ 12 साल के अंतराल के बाद आयोजित हो रहा है। यह मेला दुनिया का सबसे विशाल, पवित्र, धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जो 45 दिनों तक चलता है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । नवरात्रि के दौरान जहां अधिकांश लोग देवी मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां लोग नवरात्रि में महिषासुर की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी और क्या है इसके पीछे की वजह। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के मनौरा विकासखंड में एक अलग ही परंपरा देखने को मिलती है। यहां के लोग खुद को राक्षसराज महिषासुर का वंशज बताते हैं। समुदाय के लोग महिषासुर की पूजा करते हैं और इसे अपने पूर्वज के प्रति श्रद्धांजलि मानते हैं। इतना ही नहीं, वह इस परंपरा को बड़े गर्व के साथ निभाते हैं।
समुदाय के लोगों का मानना है कि महिषासुर का वध केवल एक छल था, जिसमें देवी दुर्गा ने अन्य देवताओं के साथ मिलकर उनके पूर्वज की हत्या की। इस समुदाय के लोगों की जनजाति जशपुर के जरहापाठ, बुर्जुपाठ, हाडिकोन और दौनापठा जैसे स्थानों पर निवास करती है। इसके अलावा, बस्तर के कुछ हिस्सों में भी इस समुदाय के लोग महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं। यह लोग नवरात्रि में दुर्गा पूजा में शामिल नहीं होते हैं। उनके अनुसार, देवी के प्रकोप से उनकी मृत्यु का डर रहता है। वह न केवल देवी की पूजा से दूरी बनाए रखते हैं, बल्कि अपने खेत, खलिहान में महिषासुर को अपना आराध्य देव मानकर उसकी पूजा करते हैं। उनके लिए महिषासुर राजा है, और उसकी मृत्यु पर खुशी मनाना उनके लिए असंभव है। यह समुदाय दीपावली के दिन भैंसासुर की भी पूजा करता है।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि इस जनजाति के लोग नवरात्रि के दौरान किसी भी प्रकार के रीति-रिवाज या परंपरा का पालन नहीं करते हैं। वे अपने पूर्वजों की स्मृति में गहरे शोक में डूबे रहते हैं, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण भावना है। इन लोगों को अपने पूर्वज महिषासुर को लेकर काफी गर्व है और वह उसे अपनी सांस्कृतिक पहचान के रूप में मानता है। इस समुदाय के लोगों ने मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ महिषासुर की प्रतिमा न लगाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। यह कदम उन्होंने इसलिए उठाया था ताकि वह अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रख सकें।
इनका मानना है कि महिषासुर की पूजा उनके लिए सम्मान का प्रतीक है। जब नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, तो इस समय महिषासुर के वध की कथा का संदर्भ दिया जाता है, जो इस समुदाय के लिए अपमान का कारण बनता है। इसलिए, उन्होंने यह मांग की थी कि महिषासुर की प्रतिमा को पूजा में शामिल किया जाए ताकि उनकी धार्मिक आस्था का सम्मान हो सके। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक जनसभा में मुक्त की रेवड़ियां बांटने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जब आप की सरकार दिल्ली के लोगों को सुविधाएं देती है तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि मुफ्त की रेवड़ियां बांटी जा रही हैं, इसलिए आज वह मुफ्त की रेवड़ियों के पैकेट बनवाकर बांटने के लिए लाए हैं। केजरीवाल ने आप द्वारा आयोजित 'जनता की अदालत' कार्यक्रम में कहा, "आज मैं मुफ्त की छह रेवड़ियां लेकर आया हूं" और अपने पास से रेवड़ियों का एक पैकेट निकालकर दिखाया।
उन्होंने कहा, "इस सभा से बाहर जाने पर लोगों को छह-छह रेवड़ियों का एक पैकेट मिलेगा। इन छह मुफ्त की रेवड़ियों में दिल्ली वालों के लिए निःशुल्क बिजली, पानी, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा, महिलाओं के लिए निःशुल्क बस यात्रा, सबके लिए फ्री और शानदार शिक्षा, और निःशुल्क एवं अच्छा उपचार शामिल है। सातवीं रेवड़ी के रूप में हर महिला को एक-एक हजार रुपये उनके बैंक खाते में मिलेंगे।" केजरीवाल ने लोगों से कहा कि आज रेवड़ियों का जो पैकेट मिला है "यह प्रसाद है"। इसको अपने घर के मंदिर में रखने के बाद सबको बांट दें। उन्होंने आरोप लगाया कि आज दिल्ली में जनतंत्र नहीं है यहां 'एलजी राज' है। उन्होंने कहा कि क्या भगत सिंह इसी दिन के लिए फांसी पर चढ़े थे कि अंग्रेज जाएंगे और दिल्ली में एक उपराज्यपाल का राज हो जाएगा।
केजरीवाल ने कहा, "मैं कसम खाकर जा रहा हूं, अपनी जिंदगी के अंदर आपको आपके पूरे अधिकार दिलाकर रहूंगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाकर रहेंगे। दिल्ली को एलजी के राज से मुक्ति दिलाकर रहेंगे।" पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को उन्होंने देखा कि कैसे दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज, भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता के पैरों पर पड़े थे। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है। यदि कोई मंत्री बन जाए तो उसमें अहंकार आ जाता है, लेकिन "हमारे मंत्री दिल्ली के लोगों के लिए" इनके पैरों में भी गिर जाते हैं। केजरीवाल ने कहा, "सौरभ भारद्वाज भाजपा के पैरों में नहीं गिरा था। सौरभ भारद्वाज कोई एक शख्स नहीं है, बल्कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों द्वारा चुना हुआ मंत्री है। इस देश का जनतंत्र भाजपा के पैरों में गिरकर कहा रहा था। बड़ी शर्म आई; 62 सीटों वाली सरकार, भाजपा के पैरों में गिरकर उनसे भीख मांग रही है कि हमारे बस मार्शलों को बचा लो।"
केजरीवाल ने कहा कि जब वह जेल गए तो दिल्ली की सड़कों की मरम्मत बंद हो गई, जगह-जगह सीवर की मेंटेनेंस बंद करवा दी, आठ साल से मिल रही मुफ्त की दवाइयां और जांच बंद करवा दी। उन्होंने कहा, "सत्ता के अहंकार में पाप नहीं किया जाना चाहिए। अगर दवाइयों की कमी की वजह से किसी की मौत हो जाएगी तो इससे दिल्ली के लोगों का ही नुकसान होगा।" केजरीवाल ने कहा कि पूरी दिल्ली के अंदर सड़कों की मरम्मत का काम दोबारा शुरू हो गया है। सीवर की सफाई भी जल्द शुरू की जाएगी। निःशुल्क दवाइयां और मेडिकल जांच फिर शुरू होगी। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन अब शुरू हो गई है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । रामलीला में राम का किरदार ही मुख्य होता है अगर राम ही नहीं होंगे तो रामलीला कैसे होगी। इसी लाइन के साथ विश्वकर्मा नगर रामलीला कमेटी ने तय किया है कि इस वर्ष रामलीला का मंचन नहीं होगा। दरअसल, विश्वकर्मा नगर में आयोजित होने वाली रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले सुशील की मौत हो गई है। सुशील की मौत उस वक्त हुई जब वह रामलीला के दौरान एक गीत गा रहे थे। इसी दौरान, वह बैक स्टेज गए और अपने साथी कलाकार से कहा, "मुझे चक्कर आ रहा है।" सुशील के यह आखिरी बोल थे। इसके बाद उनका संतुलन बिगड़ा और वह गिर गए। आनन-फानन में कमेटी के लोगों द्वारा सुशील को निजी अस्पताल भेजा गया। लेकिन, डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद सुशील की जान नहीं बच सकी। सुशील के जाने से रामलीला कमेटी गमगीन है।
कमेटी के उपाध्यक्ष सतेंद्र नागर ने आईएएनएस से कहा, "कमेटी के लोगों में शोक की लहर है। रामलीला देखने वाले दर्शक भी काफी दुखी हैं। हमने कल्पना भी नहीं की थी ऐसा कुछ होगा। 32 सालों से सुशील हमारी रामलीला में राम का किरदार निभा रहे थे। सुशील अपने पीछे अपनी पत्नी व एक बेटा-बेटी को छोड़कर गए हैं।" हालांकि, कमेटी के उपाध्यक्ष ने कहा कि हम देख रहे हैं कि जब से लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है, इस तरह के मामले सामने आए हैं। जिसमें लोगों की हार्ट अटैक से मृत्यु हो जाती है। मृतक के छोटे भाई एस कौशिक ने कहा, "जिस वक्त उन्हें चक्कर आया। मैं उस वक्त उनके साथ नहीं था।
अस्पताल में उन्हें बचाने की कोशिश की गई। लेकिन, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।" सुशील के मित्र दीपक ने बताया कि वह मेरे पास आए और बोले कि उन्हें चक्कर आ रहा है। वह गिर पड़े, उन्हें अस्पताल ले कर गए। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। लेकिन, उन्हें बचा नहीं पाए। वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "ये चर्चा आम है कि कोरोना की वैक्सीन के बाद भारत में लगातार ऐसे मामले आ रहे है जहां नौजवान लोग चलते फिरते हार्ट अटैक से मर रहे हैं।" --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने रविवार को चौखंबा-3 चोटी से दो विदेशी अल्पाइन पर्वतारोहियों को रेस्क्यू किया। इसके कुछ घंटों बाद, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल ऑपरेशन के लिए जवानों की सराहना की। राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमें हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है जिन्होंने चौखंबा-3 शिखर (चोटी) पर अभियान के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की दो महिला अल्पाइन पर्वतारोहियों के लिए अद्भुत बचाव और निकासी ऑपरेशन किया।" उन्होंने आगे लिखा, "हमारे सशस्त्र बलों ने दिखा दिया है कि वे अपने और दूसरे देशों के लोगों की सुरक्षा के लिए कितने समर्पित हैं।
उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर राष्ट्रीय और राज्य प्रशासन के साथ मिलकर जल्दी और सुरक्षित तरीके से अपने काम को पूरा किया।" 60 घंटे से अधिक लंबे ऑपरेशन के बाद, अमेरिका और ब्रिटेन की दो महिला अल्पाइन पर्वतारोहियों को उत्तराखंड के चमोली जिले में चौखंबा-3 शिखर से रेस्क्यू किया गया है। समुद्र तल से 18 हजार 500 फीट की चुनौतीपूर्ण ऊंचाई पर भारतीय वायुसेना के चीता पायलट ने पर्वतारोहियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। चमोली आपदा प्रबंधन विभाग को गुरुवार को भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (आईएमएफ) से एक अलर्ट मिला। जिसमें बताया गया था कि दो पर्वतारोही चौखंबा शिखर पर 6 हजार 15 मीटर की ऊंचाई पर फंसे हुए हैं। इसके बाद उनकी तलाश शुरू की गई थी। दोनों विदेशी पर्वतारोहियों ने 6 हजार 995 मीटर ऊंची शिखर चौखंबा-3 पर ट्रैकिंग अभियान के लिए भारतीय पर्वतारोहण संघ से अनुमति ली थी। 11 सितंबर को शुरू हुआ पर्वतारोहियों का अभियान 18 अक्टूबर को समाप्त होने वाला था, लेकिन वे चढ़ाई के दौरान फंस गए थे।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी की कानून-व्यवस्था, 10 हजार बस मार्शलों को हटाने और पांच हजार होमगार्ड के वेतन रोकने का भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरेआम गोलियां चल रही हैं, लूट और गुंडागर्दी हो रही है और केंद्र सरकार इसे रोकने में अक्षम है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनसे दिल्ली की सुरक्षा-व्यवस्था नहीं संभल रही है। उन्होंने कहा, "हमने बसों के अंदर महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की थी, जिसे इन्होंने बंद कर दिया।"
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "एक महिला जब दिल्ली की बस में चढ़ती है, अगर उसे बैठने की सीट न मिले तो मैं जानता हूं कि उसके साथ क्या व्यवहार किया जाता है। कोई इधर से छेड़ता है, कोई उधर से छेड़ता है। कोई तंग करता है। किस तरह से दिल्ली की बसों में जेब कतरे काम करते हैं। किस तरह से अपराध होते हैं। जब हमारी सरकार बनी तो हमने दिल्ली की बसों में 'बस मार्शल' नियुक्त किए थे। मुझे पता है किसी महिला से छेड़खानी होने पर बस मार्शल आरोपी को पकड़कर थाने ले जाते थे। एक बस मार्शल ने तो बकायदा चार साल के बच्चे को किडनैपर से बचाया था।" केजरीवाल ने कहा कि बस मार्शलों को हटाने से एक तरफ दिल्ली की बसों में महिला सुरक्षा के साथ समझौता किया गया, दूसरी तरफ बस मार्शलों की नौकरी करने वाले युवा बेरोजगार हो गए।
उन्होंने कहा, "एक बस मार्शल को केवल 15 हजार रुपये का वेतन मिलता था, लेकिन इन लोगों ने 10 हजार मार्शलों की नौकरी छीन ली। बस मार्शल की नौकरी करने वाले ये सब लोग गरीब परिवारों से थे।" केजरीवाल ने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी समेत पूरी कैबिनेट ने बस मार्शल के मुद्दे पर उनके साथ चर्चा की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "जब मैं जेल में था तो इन लोगों ने 500 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को नौकरी से निकाल दिया जो सरकारी अस्पतालों में रोगियों की पर्चियां बनाते थे। सीवर की सफाई करने वाले एक हजार लोगों को इन्होंने नौकरी से निकाल दिया। इन्होंने अलग-अलग विभागों से फेलो हटा दिए।
पांच हजार होमगार्ड्स का वेतन पिछले पांच महीने से रोक रखा है। पिछले पांच-छह महीने से वृद्धावस्था पेंशन और विधवा पेंशन रोक रखी है। इन लोगों ने डीटीसी कर्मचारियों की पिछले आठ महीने से पेंशन रोक रखी है। ये सभी गरीब लोग हैं, जिनकी वेतन या पेंशन रोक ली गई।" आप संयोजक ने कहा कि अब चिंता करने की कोई बात नहीं है, "मैं आ गया हूं और सबको उनका पेंशन और वेतन दिलवाऊंगा"। उन्होंने भाजपा को उसके और उसके सहयोगी दलों की सरकारों वाले 22 राज्यों में दिल्ली की तरह 'मुफ्त' बिजली देने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, "अगर भाजपा ऐसा करती है तो दिल्ली में, मैं स्वयं घूम-घूमकर भाजपा को वोट देने के लिए प्रचार करूंगा।" -(आईएएनएस)
मुंबई, 6 अक्टूबर । टीवी का मशहूर रियलिटी शो बिग बॉस के फैंस का इंतजार अब खत्म हो गया है। 6 अक्टूबर (आज) को रात 9 बजे इस शो का आगाज होगा। सोशल मीडिया पर एक प्रोमो शेयर किया गया है, जिसमें आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य को देखा जा सकता है। शो के सोशल मीडिया पर शेयर किए प्रोमो में सलमान खान और आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य को देखा जा सकता है। इसके साथ ही एक प्रतियोगी की झलक भी देखी जा सकती है। लेकिन उनका पूरा चेहरा नजर नहीं आ रहा। प्रतियोगी की झलक, उनकी आवाज और पगड़ी से यह कयास लगाया जा रहा है कि वह भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा हैं। प्रोमो में स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज तजिंदर बग्गा से पूछते हैं, "आप किस उद्देश्य से यहां आए हैं?" बग्गा मजाकिया अंदाज में जवाब देते हैं, "राजनीति के लोग बहुत लालची होते हैं।
हमारा लालच ये होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग हमें जानें।" स्वामी जी बग्गा से पूछते हैं, "आपकी शादी हो गई?" बग्गा जवाब देते हैं, अभी नहीं हुई मैं सलमान भाई से छोटा हूं"। एक हल्के-फुल्के पल में स्वामी अनिरुद्ध आचार्य महाराज मजाक में कहते हैं, ''आप दोनों के लिए ही दो लड़कियां देखनी पड़ेगी, एक आपके लिए और एक सलमान खान के लिए।'' इसके बाद मजाकियां अंदाज में आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य कहते है कि ''जो मैं देखूंगा, वो भागेगी नहीं।" इस पर हाजिर जवाब सलमान कहते हैं कि "हमें भागने वाली ही चहिए।'' शो के सेट पर पहुंचे अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को गीता भेंट की।
दिल्ली के भाजपा नेता तजिंदर बग्गा राष्ट्रवादी मुद्दों के लिए निडरता से अपनी आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। 2020 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर हरि नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन आप पार्टी की राजकुमारी ढिल्लों से हार गए। 2022 में भड़काऊ बयान देने के आरोपों के बाद बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बिग बॉस 18 में इस बार कुछ दिलचस्प प्रतिभागी हैं, जिनमें टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा, विवियन डीसेना और एलिस कौशिक शामिल हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर भी इस बार शो का हिस्सा होगी। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर में राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग पूरी हो चुकी है। यह वोटिंग तीन चरणों में हुई। राज्य के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। क्या राज्य में भाजपा, एनसी-कांग्रेस या कोई और पार्टी सरकार बनाएगी? या फिर राज्य में कोई और फैसला होगा? इसका जवाब 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद पता चलेगा। लोग जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उत्सुकता से नजर रखे हुए हैं, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश की खुशहाली, शांति और सुरक्षा बहुत कुछ दांव पर लगी है। राज्य में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। यह विधानसभा चुनाव राज्य में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पहली बार हो रहे हैं।
इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी जम्मू-कश्मीर से एक स्पष्ट संदेश था कि वे मतपत्र चाहते हैं, न कि गोली। राज्य में पिछले चुनाव नवंबर- दिसंबर 2014 में हुए थे। तब राज्य विधानसभा चुनावों में पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी समूहों और आतंकी धमकियों के बहिष्कार के आह्वान के कारण मतदाता मतदान से दूर रहते थे।अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से कोई बहिष्कार का आह्वान नहीं हुआ है और लोग स्वेच्छा से मतदान कर रहे हैं। इस बार तीन चरणों में हुए इन चुनावों में कुल 63.45 प्रतिशत मतदान हुआ है,जो 2014 के 65 प्रतिशत से थोड़ा कम है।
यहां तक कि सोपोर जैसे कश्मीर के पारंपरिक बहिष्कार गढ़ में भी पिछले 30 वर्षों में विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक मतदान हुआ। बता दें कि सोपोर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दिवंगत अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी रहते थे और 1989 में आतंकवाद के आगमन के बाद से लगभग तीन दशकों तक बहिष्कार ब्लैकमेल करते रहे। लेकिन, इस बार सोपोर में भी मतदान हुआ। राज्य में किन लोगों ने किसे वोट दिया है और मतगणना का नतीजा क्या होगा, यह अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन, जो भी नया गठबंधन सत्ता संभालेगा, वह केंद्र शासित प्रदेश के भविष्य की दिशा को काफी हद तक निर्धारित करेगा। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य के पुनर्गठन के बाद से, जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है। इस नए बने केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, पर्यटन फल-फूल रहा है और अन्य व्यवसाय भी अच्छा चल रहे हैं। आतंकी घटनाओं और पाकिस्तान के दुष्प्रचार के बावजूद कश्मीर घाटी शांतिपूर्ण बनी हुई है। केंद्र शासित प्रदेश, विशेष रूप से घाटी में सभी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में जनता की भागीदारी बढ़ी है। वर्तमान में, राज्य में काफी हद तक शांतिप्रिय माहौल है। इस समय राज्य में पर्यटन और अन्य व्यवसाय फल-फूल रहे हैं।
राज्य में अनुच्छेद 370 खत्म होने के पहले की अशांति अब लगभग खत्म हो चुकी है। राज्य में पत्थरबाजी बंद चुकी है और लोगों को भड़काने वाले लोग अब जेल में हैं और पूर्व पत्थरबाज अब पढ़ाई, व्यवसाय या नौकरी करने का काम कर रहे हैं। कुछ राजनेता अभी भी पाकिस्तान के साथ बातचीत या एलओसी खोलने के आह्वान के साथ लोगों को भड़काने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे अब सनसनी पैदा करने में सफल नहीं होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में जम्मू-कश्मीर का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2.63 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह पिछले वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। जम्मू-कश्मीर आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, सेवा क्षेत्र, उद्योग, कृषि, बागवानी और पर्यटन पर जोर देने के साथ अगले पांच वर्षों में जीडीपी दोगुनी होने की संभावना है। पिछले पांच वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2018-19 में 1.60 लाख करोड़ रुपये से 54 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में राज्य के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य ने 15.13 प्रतिशत की वार्षिक औसत वृद्धि दर दर्ज की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून के बीच 1,08,41,009 पर्यटकों ने यहां आकर सैर की है। 2023 में यह संख्या 2,11,24,674 थी। 2022 में 1,88,64,332 पर्यटक; 2021 में 1,13,14,884 और 2020 में 34,70,834 पर्यटक आए। पर्यटन लगातार बढ़ रहा है और इसी तरह बागवानी और हस्तशिल्प क्षेत्रों में भी वृद्धि हो रही है। राज्य में वर्तमान में कई चुनौतियां भी हैं। इनमें से प्रमुख हैं शांति और सुरक्षा बनाए रखना, पाकिस्तान के आतंकी हमलों और दुष्प्रचार से निपटना और विकास की गति को बनाए रखना। राज्य में आने वाली सरकार के लिए केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करना सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
केंद्र ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कामकाज के नियमों में संशोधन किया है, ताकि पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, तबादलों और पोस्टिंग से संबंधित सभी मामलों में एलजी की शक्तियों को अंतिम रूप से शामिल किया जा सके, और इस फैसले ने विधानसभा में पांच सदस्यों के नामांकन को भी मंजूरी दी है। अगर नतीजों के बाद गैर-भाजपा गठबंधन सत्ता में आता है, तो एलजी और नई सरकार के बीच अक्सर तकरार और तनाव की संभावना है। यहां, देश विरोधी तत्व केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करेंगे। इतिहास में हम सबने देखा है कि कैसे राज्य में इन अलगाववादी और पाकिस्तान समर्थित तत्वों ने बेईमानी की है और जन भावनाओं का शोषण किया है। नई सरकार के लिए असली चुनौती यही है कि शांति और सुरक्षा की भावना बनाए रखें और घाटी को फिर से पाकिस्तान प्रायोजित जाल में न फंसने दें। 8 अक्टूबर के नतीजे जम्मू-कश्मीर के हालिया इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होंगे। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कई जगहों पर छापेमारी लगातार जारी है। इसी क्रम में एनआईए ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी इलाके मुस्तफाबाद सहित कई जगहों पर छापेमारी की और संदिग्ध सामग्री बरामद की। एनआईए ने यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और स्थानीय पुलिस की मदद से की। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान संदिग्ध सामग्री बरामद की गई और कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, साथ ही पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। छापेमारी शनिवार सुबह खत्म हुई। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई एनआईए की केस आरसी-13/24/एनआईए/डीएलआई के तहत जांच का हिस्सा है।
इसके तहत आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क पर एनआईए छापेमारी कर रही है। इस कार्रवाई के तहत देश के पांच राज्यों में 22 जगहों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है। बता दें कि एनआईए और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को संयुक्त रूप से महाराष्ट्र में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी छत्रपति संभाजीनगर, मालेगांव और जालना समेत कई जगहों पर की गई, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल चार लोगों को हिरासत में लिया गया। एनआईए ने जालना में गांधी नगर क्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक को छत्रपति संभाजी नगर आजाद चौक से व अन्य एक व्यक्ति को एन-6 क्षेत्र से तथा एक अन्य संदिग्ध को मालेगांव से हिरासत में लिया गया।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, हिरासत में लिए गए संदिग्धों की आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादी सहायता समूहों से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है। गौरतलब है कि ये छापे एनआईए द्वारा आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर देश भर में की गई व्यापक कार्रवाई के मद्देनजर मारे गए हैं। कुछ दिन पहले ही, 1 अक्टूबर को, एनआईए ने माओवादी पुनरुत्थान की साजिश के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में कई छापे मारे थे। पिछले हफ़्ते तमिलनाडु में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, जो चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज एक आतंकी साजिश के मामले से संबंधित थी, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दिया गया था। --(आईएएनएस)
हुबली, 6 अक्टूबर । दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के हुबली शहर में भगवान दत्तात्रेय की ऐतिहासिक मूर्ति को कुछ उपद्रवियों ने तोड़ दिया। इसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। यह घटना हुबली के देशपांडे नगर के अपर्णा अपार्टमेंट की है। यहां पर जिस मंदिर में तोड़-फोड़ की गई, उसका इतिहास करीब 20 साल पुराना है। उपद्रवियों द्वारा तोड़-फोड़ की घटना को यहां पर एक कार्यक्रम के आयोजन के बाद अंजाम दिया गया।
दरअसल, शनिवार की रात यहां पर नवरात्रि के मद्देनजर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। स्थानीय लोगों ने मंदिर में डांडिया का कार्यक्रम आयोजित करवाया था। इसकी समाप्ति के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए। लेकिन, जब वे सुबह दोबारा आए तो उन्होंने देखा कि मंदिर में भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति खंडित थी। मूर्ति के चार भुजाओं को उपद्रवियों ने तोड़ दिया था। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। उपनगरीय पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जांच कर रही है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और पूरे इलाके में तनाव फैला हुआ है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भाजपा पर कटाक्ष किया। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा की 'डबल इंजन सरकार' का नतीजा केवल 'महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार' है। अरविंद केजरीवाल ने 'आप की जनता की अदालत' में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार खत्म होने वाली है। डबल इंजन का सिद्धांत पूरे देश में विफल हो गया है। एक इंजन जून में टूट गया था, जब उन्हें सिर्फ 240 सीटें मिलीं थीं। अब दूसरा इंजन हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में फेल हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अब यह एहसास हो गया है कि 'डबल इंजन' मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का पर्याय है। अरविंद केजरीवाल ने कहा, "जैसे-जैसे दिल्ली चुनाव नजदीक आएंगे, वे एक बार फिर डबल इंजन वाली सरकार की मांग करेंगे। लेकिन आपको उनसे पूछना चाहिए कि क्या हरियाणा में डबल इंजन वाली सरकार ने कुछ हासिल किया? उन्होंने 10 साल तक शासन किया, फिर भी मैंने अपने अभियान के दौरान देखा कि लोग भाजपा नेताओं को अपने गांवों में प्रवेश तक नहीं करने देना चाहते हैं।" केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासन की आलोचना करते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में सात साल से उनकी डबल इंजन वाली सरकार है, फिर भी वे हाल के चुनावों में केवल आधी सीटें ही जीत पाए हैं। मणिपुर उनके शासन में दो साल से जल रहा है। देश इस डबल इंजन प्रणाली से थक चुका है, इससे केवल लूट और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। भाजपा के चुनावी वादों पर सीधा प्रहार करते हुए केजरीवाल ने मतदाताओं से पार्टी के दावों को चुनौती देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "वे आपके घर आएंगे और वादा करेंगे कि वे वही सब करेंगे जो मैंने किया। लेकिन अगर ऐसा है, तो हमें उनकी क्या जरूरत है? उन्होंने 22 राज्यों पर शासन किया है, फिर भी हमने दिल्ली में शिक्षा को बदल दिया है। उनसे पूछिए, उन्होंने किस राज्य में स्कूलों में सुधार किया है? गुजरात में, जहां भाजपा एक दशक से अधिक समय से सत्ता में है, एक भी स्कूल अच्छी स्थिति में नहीं है।" दिल्ली में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करते हुए, केजरीवाल ने इसकी तुलना 1990 के दशक में मुंबई (तब बम्बई) की अराजकता से की। उन्होंने कहा, "दिल्ली में अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। आम आदमी के लिए इस शहर में सुरक्षित रहना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । भारतीय नौसेना के दो समुद्री जहाज तीर और शार्दुल, तथा भारतीय तटरक्षक बल (कोस्टगार्ड) का जहाज वीरा ओमान की राजधानी मस्कट पहुंच चुका है। लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती पर ये जहाज मस्कट पहुंचे हैं। नौसेना के मुताबिक, यह भारत एवं ओमान के बीच मौजूदा समुद्री और रक्षा संबंधों की मजबूती का प्रतीक है। भारतीय सैन्य समुद्री जहाजों की ओमान की यह यात्रा 9 अक्टूबर तक जारी रहेगी। ओमान पहुंचने वाले ये जहाज नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) का हिस्सा हैं। वहीं, नौसेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख भी रविवार को ओमान पहुंच गए। अपनी इस यात्रा के दौरान, भारतीय नौसेना ओमान की रॉयल नेवी के साथ समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेगी। वार्ता में 'हार्बर-डिस्कशन' और नौसेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास को लेकर चर्चा भी शामिल है।
भारतीय नौसेना का कहना है कि ओमान में नौसेना के जहाजों की तैनाती के दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण आदान-प्रदान, पेशेवर बातचीत और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन भी होंगे। पिछले 10 साल में ओमान की राजधानी मस्कट की 1टीएस की यह तीसरी यात्रा है। यह बातचीत नौसेना सहयोग को मजबूत करने और दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा साझेदारी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नौसेना के मुताबिक, 1टीएस की यात्रा के साथ नौसेना की दक्षिणी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास भी रविवार 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2024 तक ओमान की आधिकारिक यात्रा पर होंगे। यात्रा के दौरान नौसेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख ओमान के सुल्तान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल अब्दुल्ला बिन खामिस अल रायसी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। वाइस एडमिरल श्रीनिवास ओमान की रॉयल नेवी के कमांडर रियर एडमिरल सैफ बिन नासिर बिन मोहसिन अल-रहबी के साथ भी द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।
इसके साथ ही भारतीय नौसेना के यह अधिकारी ओमान में प्रमुख रक्षा और प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे। भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी विभिन्न क्षेत्रों में संचालन, प्रशिक्षण और सहयोगात्मक प्रयासों में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक रही हैं। हाल ही में, भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी स्टाफ वार्ता का छठा संस्करण 24 जून को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। अब भारतीय नौसेना के 1टीएस की इस यात्रा से दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। --(आईएएनएस)
तोशाम, 6 अक्टूबर । हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर चुनाव समाप्त होने के बाद शनिवार को विभिन्न एजेंसियों ने एग्जिट पोल के नतीजे जारी कर दिए। मैटराइज सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में इस बार सत्ता परिवर्तन हो सकता है। सर्वे के मुताबिक, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है, जबकि बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने एग्जिट पोल को गलत करार दिया है। एग्जिट पोल में कांग्रेस की बढ़त के बारे में उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भी एग्जिट पोल आए थे।
वहां क्या हुआ, किसकी सरकार बनी? मैं एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं करती। वे सभी गलत हैं। मैं इतना जरूर कहना चाहती हूं कि हम सरकार बनाएंगे।" किरण चौधरी ने तोशाम सीट से चुनाव लड़ रही अपनी बेटी श्रुति चौधरी की जीत का दावा भी किया है। उन्होंने कहा कि तोशाम में हमेशा से ही चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से होते आए हैं। लेकिन इस बार कुछ लोग बाहर से लोगों को लाकर गंदगी फैला रहे हैं। पूर्व सरपंच को पैसे बांटते हुए पकड़ा गया है। अब लोगों को समझ जाना चाहिए और ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए। मैटराइज सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को 55 से 62 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि भाजपा को 18 से 24 सीटें मिल सकती हैं।
इसके अलावा जेजेपी गठबंधन को 0 से 3 सीटें, आईएनएलडी गठबंधन को 3 से 6 सीटें और निर्दलीय को 2 से पांच सीट मिलने की संभावना है। वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच मामूली अंतर दिखाई दे रहा है। मैटराइज सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को 35.80 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है, जबकि भाजपा को 30.30 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। वहीं, जेजेपी गठबंधन को 6.60 फीसदी, आईएनएलडी गठबंधन को 12.10 फीसदी और निर्दलीय को 15.20 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है। हरियाणा के 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो उस दौरान भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस ने 31, जेजेपी ने 10, आईएनएलडी ने 1 और 8 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी। -- (आईएएनएस)
वाराणसी, 6 सितंबर । नवरात्रि और दशहरे के अवसर पर देशभर में रामलीला का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में वाराणसी के केंद्रीय कारागार में एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां कुख्यात अपराधी रामचरित मानस का पाठ कर रहे हैं और राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रण ले रहे हैं। इस रामलीला की तैयारी तीन महीने पहले से शुरू होती है। पात्रों को रामलीला पाठ की शिक्षा दी जाती है, और जब मंचन शुरू होता है, तो ऐसा लगता है कि यह दृश्य अयोध्या नगरी का है। वरिष्ठ अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र ने इस रामलीला के बारे में जानकारी देते हुए आईएएनएस को बताया, “रामलीला तो अक्सर होती है, लेकिन एक अनोखी रामलीला इस बार केंद्रीय जेल में आयोजित की जा रही है।
यह रामलीला गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि रामायण को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसके लिए जेल के चिकित्सक डॉ. अक्षय सिंह ने अलग-अलग पात्रों के संवादों को बड़ी मेहनत से तैयार किया है। इसकी तैयारी लगभग डेढ़ से दो महीने पहले शुरू होती है ताकि मंचन के समय यह प्रभावी और आकर्षक हो सके।” उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए बंदियों का चारित्रिक उत्थान, आध्यात्मिक और तकनीकी विकास किया जाए। जेल में तकनीकी कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। यहां पर विभिन्न एनजीओ के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
इस रामलीला में सभी भूमिकाएं बंदियों द्वारा ही निभाई जाती हैं, और इसके लिए उन्हें समय दिया जाता है। पिछले साल जब मैं आया था, तब मैंने देखा था कि बंदियों की संवाद शैली और मंचन की तैयारी बहुत प्रभावी थी। इससे उन्हें अपनी महत्ता समझने का मौका मिलता है और उनका मानसिक, शारीरिक और चारित्रिक विकास होता है। जेल में लगभग नौ से दस दिन तक भक्ति का माहौल रहता है। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि बंदियों में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्य विकसित हों। जिन बंदियों ने इस रामलीला में भूमिका निभाई है, वे अधिकतर गंभीर धाराओं में हैं, जैसे हत्या के मामले (धारा 302), और यहां लंबी सजा काट रहे हैं। अंडर ट्रायल बंदी यहां बहुत कम हैं।” --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शिमला संजौली मस्जिद मामले में कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की सलाह दी है। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। हाल ही में शिमला संजौली मस्जिद मामले में कोर्ट ने 3 फ्लोर हटाने का आदेश दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, वहां मस्जिद के लोग भी कह रहे हैं कि जो अनधिकृत हैं, उसे गिराने के लिए तैयार हैं। लेकिन, अगर उन्हें नियमित कर दिया जाए तो बेहतर है। अगर नियमित नहीं होता है तो सभी को कोर्ट के फैसला का सम्मान करना चाहिए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने लोगों से अपील की है कि कन्नड़ को अपनी कामकाज की भाषा बनाए। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, स्थानीय भाषाओं की इज्जत पूरे देश को करनी चाहिए। भारत एक बड़ा देश है यहां पर अलग-अलग तरह की भाषा है, अलग-अलग धर्म है। हम सब की जिम्मेदारी है भारत को एक रखना है सारी जुबानों की इज्जत करें। भाजपा का कल्चर है कि वह दूसरों के धर्मों की इज्जत नहीं करती है और न ही जुबानों की। भाजपा देश को तोड़ने वाले रास्ते पर जा रही है। पश्चिम बंगाल में चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में राशिद अल्वी ने कहा, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, निंदनीय है बंगाल में जो घटना हुई है ऐसी घटना होती है तो तकलीफ होती है। लेकिन यह सिर्फ बंगाल में नहीं हो रहा है। अमेठी के अंदर तो घर में घुसकर लोगों को मारा जा रहा है, इस बारे में भाजपा चर्चा क्यों नहीं करती है।
भाजपा की जहां सरकार है, वहां पर कोई कानूनी व्यवस्था नहीं है। लेकिन बंगाल में अगर ऐसा हो रहा है तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुओं पर दिए एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा, मुझे ताज्जुब होता है कि एक तरफ तो वह कहते हैं कि देश में रहने वाले हिन्दू हैं। दूसरी तरफ धर्म की बुनियाद पर कहते हैं कि सब इकट्ठा हो जाओ। आखिर उनकी विचारधारा क्या है। वह सिर्फ धर्म की राजनीति करना जानते हैं। वह एक समुदाय को इकट्ठा करके भाजपा के हाथों में सत्ता देना चाहते हैं। यह संविधान के खिलाफ है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । दिल्ली के शाहदरा में रामलीला का मंचन करते हुए भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले सुशील कौशिक का निधन हो गया। मंचन के दौरान उनके सीने में एकदम तेज दर्द और घबराहट हुई, जिसके बाद एंबुलेंस बुलाई गई। एंबुलेंस से अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में उनकी मौत हो गई। वो 54 साल के थे। बताया जा रहा है कि कलाकार सुशील कौशिक पेशे से प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। राम लीला कमेटी में वह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से जुड़े थे।
घटना के समय वह भगवान श्री राम का किरदार निभा रहे थे। जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो वह मंच से नीचे उतर गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार वालों का कहना है कि उनको यह नहीं मालूम था कि उनके साथ कुछ ऐसा हो सकता है। इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह रामलीला मंच पर भगवान श्री राम के किरदार का मंचन कर रहे हैं और बाकायदा डॉयलाग भी बोल रहे हैं। तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद वह मंच से नीचे जाने लगे। जहां वह अपने सीने में दर्द और उलझन होने की बात कह रहे हैं। इसके बाद रामलीला कमेटी के अन्य लोगों ने एंबुलेंस बुलाई और उनको अस्पताल के लिए ले कर निकले। एक अन्य वीडियो में वह स्टेज से नीचे बैठकर भजन गाते दिख रहे हैं।
उनके बगल में कई अन्य लोग भी भजन गा रहे हैं। जिसके बाद उनकी तबियत खराब हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बता दें की अश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ हो जाता है। विजय दशमी के साथ पर्व का समापन होता है। कामान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने दानव महिषासुर का वध किया था तो भगवान राम ने विजयादशमी के दिन ही रावण का वध किया था। इसी उपलक्ष्य में देश के विभिन्न इलाकों में रामलीला खेली जाती है। जिसमें श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रसंगों को मंच पर प्रस्तुत किया जाता है। -- (आईएएनएस)
लखनऊ, 6 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसानों और मजदूरों की महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान इको गार्डन पहुंचे। किसानों की मांग को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया जाहिर की। किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरियाणा में सरकार निपट गई, हार गई। मालूम हो कि एग्जिट पोल में भाजपा बहुमत के आंकड़े से काफी दूर नजर आ रही है और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिख रही है।
हालांकि, भाजपा का दावा है कि एग्जिट पोल गलत साबित होंगे और प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि वर्तमान में किसानों की फसलों को लूटा जा रहा है और उनकी जमीनों पर भी खतरा मंडरा रहा है। सर्किल रेट नहीं बढ़ रहा है। लखनऊ में तो कहा जाता है कि भुगतान हो गया है, लेकिन धरातल पर यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि महापंचायत के जरिए किसान इकट्ठा होकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे। किसानों के मुद्दों पर बात करना जरूरी है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी मांगें सुनवाई के योग्य हों।" टिकैत ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के मुद्दे पर भी सरकार को चिट्ठी लिखने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर राज्य सरकार को भारत सरकार को पत्र लिखना चाहिए, ताकि हमारे अधिकारों की रक्षा हो सके। उन्होंने आगे कहा कि वह चीफ सेक्रेटरी और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। महापंचायत में ब्लॉक प्रमुख कुलदीप तोमर, राजेंद्र चौधरी, मनोज कुमार, नरेंद्र, युवा जिलाध्यक्ष धीरज राठी, रामकुमार, पूर्व प्रधान धर्मेंद्र राठी, राजीव प्रधान, संजय छिल्लर, प्रवेंद्र राठी, अंकुर राठी, पवन सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित रहेंगे। - (आईएएनएस)
पीलीभीत, 6 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सियारों का आतंक जारी है। सियारों ने रविवार को अमरिया के बारात बोझ और मझोला के जंगरौली आशा में खेत में काम कर रहे आधा दर्जन ग्रामीणों पर हमला कर दिया। सियारों के हमले में एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना उस समय घटी जब ग्रामीण अपने खेतों में काम कर रहे थे। सियारों के हमले की सूचना लोगों ने वन विभाग की टीम को दी। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची वन विभाग की टीम ने स्थिति का जायजा लिया और घायल बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। सियारों के आतंक से ग्रामीणों में भय का माहौल है।
यह पहली बार नहीं है जब सियारों ने हमला किया है, इससे पहले भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे पहले पीलीभीत के तीन गांव में एक सियार ने ग्रामीणों पर हमला किया था। इस हमले में कई लोग घायल हो गए थे। जानकारी के अनुसार, जहानाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बारात भोज और मीरपुर गांव में सियार का आतंक है। शनिवार को इस सियार ने गांव के रहने वाले 9 लोगों पर हमला कर दिया। जिसमें दो महिलाएं और एक मासूम बच्ची भी शामिल है। यह घटना तब घटी थी जब गांव की दो सगी बहनें पानी पीने गई थी। इस दौरान एक सियार ने उन पर हमला कर दिया।
दोनों बहनों को बचाने आए लोगों पर भी सियार ने हमला कर दिया। सियार के हमले से घायल लोगों से योगी सरकार के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार ने मुलाकात की थी। उन्होंने घायलों से बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों से फोन पर बात कर वन्यजीवों के हमले को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। --(आईएएनएस)
औरैया, 6 अक्टूबर । यूपी के औरैया जिले में 6 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाला शख्स पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार तड़के करीब 4:50 बजे ग्राम करमपुर मुढी मोड के पास एक सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस और आरोपी के बीच मुठभेड़ हो गई, जिसमें आरोपी घायल हो गया। जानकारी के अनुसार, एसओजी टीम और कोतवाली औरैया पुलिस की संयुक्त टीम आरोपी की तलाश कर रही थी। रविवार सुबह चेकिंग के दौरान आरोपी का सामना पुलिस से हो गया। पुलिस को देखकर आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में आरोपी घायल हो गया।
आरोपी को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए औरैया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है। जानकारी के अनुसार बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान आरोपी उसे बहला-फुसलाकर ले गया और दुष्कर्म किया। कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद संदिग्ध बच्ची को रोते बिलखते उसके घर छोड़ गया था। इसके बाद बच्ची की मां ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया और मामले की जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए 3 टीम का गठन किया गया। पीड़िता की मां ने बताया था कि हमारी बच्ची को एक आदमी ने घर पर पहुंचाया था, बच्ची की हालत खराब थी जिसके बाद हमने पुलिस में शिकायत की। मां के मुताबिक उसे नहीं पता की बच्ची किसके साथ गई थी और फिर उसे घर पर कौन छोड़ गया।
केस में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिल पा रहा था। फिर पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो संदिग्ध दिखा। इसी के आधार पर तलाशी अभियान चलाया गया तो आरोपी पकड़ में आया। बता दें कि इसी तरह का एक मामला पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना से भी सामने आया था। जहां, एक नाबालिग का शव बरामद होने के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई थी। इस मामले में ग्रामीणों ने पुलिस पर शिकायत दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया था। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने थाने में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी थी। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर । गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने बताया कि उसने सभी चैनल और अधिकांश वीडियो को फिर से बहाल कर दिया है, जिन्हें तकनीकी गड़बड़ी या बग के कारण हटाया गया था। एक बग के कारण कुछ चैनलों को गलत तरीके से स्पैम के रूप में चिह्नित करने और उन्हें हटा देने के बाद, यूट्यूब ने इस समस्या को ठीक करने पर काम करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर रविवार को यूट्यूब ने लिखा, "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सभी चैनल और अधिकांश वीडियो जिन्हें गलत तरीके से हटा दिया गया था, उन्हें बहाल कर दिया गया है और सदस्यता बहाल कर दी गई है (हम अभी भी अंतिम कुछ पर काम कर रहे हैं, कृपया धैर्य रखें)।"
कंपनी ने आगे कहा, "हम जानते हैं कि इससे कुछ व्यवधान उत्पन्न हुआ है, और हम इसे सुलझाने तक आपके धैर्य की सराहना करते हैं।" इससे पहले यूट्यूब ने कहा था कि उनकी टीमें "गलत तरीके से हटाए गए चैनलों और सदस्यता बहाली के काम में जुटी हुई हैं। परेशानी के लिए खेद है! प्लेलिस्ट जैसी कुछ सामग्री में देरी हो सकती है, लेकिन यह सब वापस आ जाएगा। जब तक हम इस पर काम करते हैं, तब तक आपके धैर्य के लिए धन्यवाद।"
कुछ यूट्यूब चैनलों को 'स्पैम और भ्रामक व्यवहार' के कारण गलत तरीके से हटा दिया गया था। इसमें सभी सब्सक्रिप्शन (यूट्यूब टीवी, यूट्यूब प्रीमियम, यूट्यूब म्यूजिक) शामिल थी। कंपनी ने यह भी बताया कि कुछ क्रिएटर्स के पास से प्लेलिस्ट जैसी कुछ कंटेंट गायब हो सकते हैं लेकिन, उन्हें भी जल्द ही बहाल कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ नॉन-कंटेंट क्रिएटर अपने यूट्यूब खाते तक पहुंचने, यूट्यूब वीडियो देखने या यूट्यूब म्यूजिक सुनने में भी असमर्थ रहे हैं। हालांकि, यूट्यूब ने इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है कि तकनीकी गड़बड़ी से कितने उपयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं। --(आईएएनएस)
नागपुर, 6 अक्टूबर । भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नागपुर में कांग्रेस पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों ने पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ आरक्षण खत्म करने का फेक नैरेटिव सेट किया और यह बहुत दुखद है कि अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के लोगों ने ऐसे लोगों को सम्मान दिया। किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर की जिसमें उन्होंने कैप्शन दिया, "दीक्षाभूमि की ओर से मेरा संदेश उन सभी लोगों के लिए है जो बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुयायी हैं और उन लोगों के लिए भी, जिन्होंने उनके जीवित रहने के दौरान और उनके परिनिर्वाण के बाद उन्हें अपमानित किया। जिन लोगों ने 'आपातकाल' लगाया और भारत के संविधान का दुरुपयोग किया, उन्हें बाबासाहेब का अपमान करने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए।"
किरेन रिजिजू ने वीडियो में कहा, "बाबासाहेब के निधन और 2014 में मोदी पीएम के आने के बीच की घटनाओं के बारे में अंबेडकर के अनुयायियों को जानना जरूरी है। बाबासाहेब को भारतीय संविधान के आर्किटेक्ट या पिता के तौर पर देखा जाता है। जब वह इस देश के पहले कानून मंत्री बने तो दर्द भरे शब्दों में जवाहर लाल नेहरू को पत्र सौंपा था कि मैं आपके साथ मंत्री नहीं रह सकता। इसके बाद जहां भी बाबासाहेब चुनाव लड़ने के लिए जाते थे, कांग्रेस और नेहरू उनको हराने के लिए पूरी ताकत लगा देते थे। उनके निधन के इतने सालों बाद उनको भारत रत्न दिया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "नेहरू और उनके बाद के कांग्रेस पीएम बाबासाहेब का जिक्र नहीं करते थे। यह लोगों के दिल में अंबेडकर को बसने न देने के लिए कांग्रेस का षड्यंत्र था। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 5 तीर्थ स्थल भीमराव अंबेडकर के नाम से विकसित किए हैं। मध्य प्रदेश में उनकी जन्म भूमि मऊ को विकसित किया है। लंदन में उस घर को खरीद लिया जहां उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। ऐसे ही दिल्ली में महापरिनिर्वाण घर विकसित किया है। ऐसे ही हम मुंबई में प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं। कई योजनाएं बाबासाहेब के नाम से लागू हैं।" किरेन रिजिजू ने बताया कि पीएम मोदी ने सीएम रहते हुए संविधान यात्रा के जरिए हर किसी को संविधान की जानकारी दी थी। पीएम बनने के बाद उन्होंने संविधान दिवस मनाया था।
उन्होंने आगे कहा, "लोग बोलते हैं मोदी को वोट देंगे तो वह संविधान बदल देंगे। कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर संविधान की हत्या की थी। बाबासाहेब को अपमानित करने वाले लोग उन लोगों पर आरोप लगाते हैं जिन्होंने उन्हें सम्मानित करने का काम किया। इससे बड़ा पाप क्या हो सकता है? जब मैंने देखा की महाराष्ट्र जैसी जगह पर फेक नैरेटिव चलाया तो मुझे तीन चार दिन खाना हजम नहीं हुआ था। क्योंकि जिन्होंने बाबासाहेब के बाद दूसरे बौद्ध को मंत्री बनाया, जिन्होंने हमारे पूरे समाज को इज्जत दी, उनका अपमान करने वालों के सम्मान में हमारे समाज के लोग नारे लगा रहे हैं। बौद्ध, एससी, एसटी के लोग राहुल गांधी की जयकार कर रहे थे। मुझे यह बात हजम नहीं हुई। हमारे लिए यह कलंक की तरह है। हम बाबासाहेब के दुश्मनों को सिर पर लेकर घूमना मंजूर नहीं कर सकते। क्या हम लोग उनका अपमान करने वालों के खिलाफ बदला नहीं ले सकते?" किरेन रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले हम लोगों को कोई नहीं पूछता था। विदेश में भारत को कमजोर और गरीब देश माना जाता था। पीएम मोदी के आने के बाद विदेश में भारतीयों का सम्मान होता है। हमारे समुदायों के लोगों को भी अपनी भूमिका निभानी होंगी। विशेषकर महिलाओं को, जिनके लिए 2029 के चुनाव महिला आरक्षण के साथ होंगे।
महिलाओं के लिए कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण विधानसभा और लोकसभा में होगा। ये सब पीएम मोदी ने किया है। इसलिए हमें मजबूत होकर काम करना है। पीएम मोदी का मंत्र है 'सबका साथ, सबका विकास, किसी को पीछे लेकर नहीं चलेंगे। बाबासाहेब के सपने को आगे ले जाएंगे और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए पीएम मोदी को भी मजबूत करेंगे। इसके अलावा किरेन रिजिजू ने 'एक्स' पर एक और पोस्ट में भिक्खु संघ और मुंबई के वेन सदस्यों के साथ पीएम मोदी की मुलाकात की वीडियो भी शेयर की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन लोगों ने पाली और मराठी को शास्त्रीय भाषा का अत्यंत आवश्यक दर्जा प्रदान करने के कैबिनेट के फैसले पर आभार व्यक्त किया। --(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 6 अक्टूबर । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को इडुक्की, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में येलो अलर्ट की घोषणा की है। मौसम विभाग के अनुसार, 8 अक्टूबर को इडुक्की और 9 अक्टूबर को पथानामथिट्टा और कोट्टायम जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है। आईएमडी ने 7 अक्टूबर को केरल के इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड और कन्नूर जिलों में और 8 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानामथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, मलप्पुरम और वायनाड में येलो अलर्ट जारी किया है।
वहीं 9 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि जब 24 घंटे के भीतर 64.55 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश होती है तो येलो अलर्ट जारी किया जाता है। मौसम विभाग ने 9 अक्टूबर तक केरल तट पर 35 किमी प्रति घंटे से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ तूफानी मौसम की भी भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग ने 11 अक्टूबर तक पूरे राज्य में बारिश और आंधी की चेतावनी भी दी है। खराब मौसम के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। जून में केरल में भारी बारिश हुई। 30 जून को भारी बारिश के कारण वायनाड जिले के पुंची रिमट्टम, चूरलमाला और मुंडक्कल क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ, जिससे लगभग 420 लोगों की मौत हो गई थी और 397 से अधिक लोग घायल हुए थे। --(आईएएनएस)
मुंबई, 6 अक्टूबर । मुंबई के उपनगर चेंबूर में भीषण आग की चपेट में आने से एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। बीएमसी आपदा नियंत्रण ने रविवार को यह जानकारी दी। यह भीषण त्रासदी सुबह करीब 5.15 बजे घटी। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय लोगों ने आग लगने की सूचना मुंबई फायर ब्रिगेड को दी, इसके बाद दमकल की टीम मौके पर पहुंची। एमएफबी ने कहा कि सूचना मिली की सिद्धार्थ कॉलोनी के प्लॉट नंबर 16 में आग लग गई है, पूरा परिवार नींद में था और अचानक आग की चपेट में आ गया। दो अन्य लोग झुलस गए थे जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने परिवार को बचाने के लिए तमाम कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए फोरेंसिक टीम साक्ष्य एकत्र कर रही है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। अज्ञात कारणों से लगी भीषण आग ने भूतल पर स्थित किराना दुकान को अपनी चपेट में ले लिया और तेजी से फैल गई। आग की लपटों ने ऊपरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया, जहां परिवार रह रहा था। नीचे दुकान थी और ऊपर मकान में गुप्ता परिवार रहता था। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, सात सदस्यों की दम घुटने से मौत हुई।
दमकल की चार गाड़ियां, एक पानी का टैंकर, एमएफबी और बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे और आग बुझाने के कार्यों की निगरानी कर रहे थे। सभी पीड़ितों को बीएमसी राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सा अधिकारियों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों में एक पुरुष, तीन महिलाएं और तीन नाबालिग शामिल हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वहां कुछ ज्वलनशील पदार्थ रखे गए होंगे, आग लगने के वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है और आगे के विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है। (आईएएनएस)
निज़ामाबाद (तेलंगाना), 5 अक्टूबर । तेलंगाना के निजामाबाद जिले के येदापल्ली मंडल के वड्डीपल्ली गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी वजह आर्थिक तंगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 22 वर्षीय रंगनावेनी हरीश को कोरोना काल में ऑनलाइन सट्टे की लत लग गई थी और उसने अपने परिवार को भारी कर्ज में डुबो दिया था। कथित तौर पर हरीश सट्टेबाजी के जाल में फंस बड़ी रकम गंवा चुका था।
बेटे का कर्ज चुकाने के लिए पिता ने अपनी खेती की जमीन बेच दी थी। फिर भी मामला सुलझ नहीं पाया था। आखिरकार परेशना होकर पिता रंगनावेनी सुरेश (53), मां हेमलता (45) और बेटे हरीश (22) ने रात में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि उस पर 20 लाख का कर्जा था। मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ के आधार पर बताया कि हरीश को ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई थी और उसने काफी कर्ज ले लिया था। अपनी खेती की जमीन बेचने के बावजूद भी परिवार कर्ज चुकाने में असमर्थ था, जिसके कारण माना जाता है कि उन्होंने यह कदम उठाया।
पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए बोधन के सरकारी अस्पताल में भेज दिया। एक अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के एक रिश्तेदार ने तीनों को बेहोश पाया था, जिसके बाद उसने पड़ोसियों को जानकारी दी और फिर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पड़ोसियों ने भी आर्थिक तंगी को ही आत्महत्या की वजह बताया। ऐसी ही एक घटना आंध्र प्रदेश में भी हुई। यहां एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या करने की कोशिश की और आखिरकार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें परिवार के मुखिया की जान चली गयी। पुलिस विवरण के अनुसार आत्महत्या की कोशिश नागराज रेड्डी (61) की पत्नी जयंती (51), बेटी सुनीता (26) और बेटा दिनेश (23) ने की। कुछ साल पहले ही नागराज रेड्डी ने अपना घर बेच दिया था और चित्तूर कोंगारेड्डीपल्ली (केआर पल्ली) में किराए के घर में रहने लगे। -(आईएएनएस)
लखनऊ, 5 अक्टूबर । ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने शनिवार को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपनी नई वर्दी का अनावरण किया। यह वर्दी व्यावसायिकता, सुरक्षा और सेवा के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। नई वर्दी को ब्यूरो के मूल्यों और वैध यात्रियों की सुविधा के लिए एक पेशेवर, प्रभावी और कुशल आप्रवासन सेवा के दृष्टिकोण को दर्शाने के लिए डिजाइन किया गया है। इमिग्रेशन विभाग का लक्ष्य भारतीय कानूनों को ईमानदारी से लागू करना और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना वैध यात्रियों की सुविधा के समग्र उद्देश्य के साथ अपनी सेवा के दौरान व्यावसायिकता के प्रदर्शन के साथ कर्तव्यों का पालन करते हुए उच्चतम मानकों को प्राप्त करने का प्रयास करना है।
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की वर्दी कई मूल्यों को दर्शाती है, इनमें कानूनों और नीतियों के समान अनुप्रयोग के माध्यम से ईमानदारी और व्यावसायिकता के उच्च मानकों को बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्धता है। इसके अलावा, यह प्रत्येक व्यक्ति के साथ सम्मान, शिष्टाचार और करुणा का व्यवहार करने की अहमियत को समझती है। साथ ही, नई चुनौतियों का सकारात्मक रूप से सामना करने की भावना भी इसकी पहचान में शामिल है।
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन अपने काम में उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयासरत है और दुनिया भर में आप्रवासन सेवाओं के लिए एक बेंचमार्क बनाने के लिए प्रयासरत है। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करते समय ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखते हैं। इमिग्रेशन की वर्दी का आधुनिक कपड़ा, एर्गोनोमिक टेलरिंग, आराम और स्थायित्व दोनों सुनिश्चित करता है, जो आप्रवासन प्रवर्तन और यात्री सेवाओं के कठिन कर्तव्यों के लिए आवश्यक है। नई वर्दी की शुरुआत सेवा और व्यावसायिकता के सिद्धांतों के प्रति ब्यूरो के समर्पण को बढ़ाने के लिए एक व्यापक पहल का हिस्सा है। (आईएएनएस)