काबुल, 3 अक्टूबर (वार्ता)। अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में सुरक्षा बलों को निशाना बना कर रखे गये दो देशी बमों में शुक्रवार रात विस्फोट हो जाने से कम से कम सात तालिबान आतंकवादी मारे गये।
प्रांत की पुलिस ने शनिवार को इस घटना की पुष्टि की।
उसने बताया कि अरघनदाब जिले में कल रात आतंकवादी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर सडक़ किनारे बम रख रहे थे। कुछ देर बाद बम अचानक फट गया जिसमें तीन आतंकवादियों की मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरी घटना शाह कोट जिले में हुई जहां चार आतंकवदी एक वाहन पर सवार होकर कहीं जहा रहे थे। इस दौरान उनका वाहन सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर रखे गये बम के संपर्क में आ गया। इस घटना में चारों आतंकवादी मारे गये।
अफगानिस्तान में आतंकवादी सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर सडक़ किनारे देशी बम रखते हैं और बारुदी सुरंग बिछाते हैं। इसकी चपेट में कभी-कभी निर्दोष लोग भी आ जाते हैं।
वाशिंगटन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन कोरोनावायरस जांच में नेगेटिव पाए गए हैं। उनके डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।
न्यूज वेबसाइट द हिल के मुताबिक, शुक्रवार को जारी एक बयान में, पूर्व उपराष्ट्रपति के प्राइमरी केयर फिजिशियन केविन ओ' कॉनर ने कहा, "उपराष्ट्रपति जो बाइडन और जिल बाइडन ने आज कोविड-19 के लिए पीसीआर जांच कराई और जांच में कोविड-19 नेगेटिव निकले।"
बाइडन ने भी ट्विटर के जरिए इस बात की पुष्टि की और लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जिल और मैं कोविड-19 टेस्ट में नेगेटिव निकले हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि यह याद दिलाने के लिए है कि फेसमास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और अपने हाथ धोएं।"
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह और उनकी पत्नी मेलानिया कोरोनावायरस से संक्रमित हैं।
राष्ट्रपति को वाशिंगटन के वाल्टर रीड अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि मेलानिया व्हाइट हाउस में ही रह रही हैं।
सीएनएन के मुताबिक, बाद में शुक्रवार को ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में बोलते हुए, बाइडन ने कहा कि हमें इस वायरस को गंभीरता से लेना होगा।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ने आगे कहा कि वह और उनकी पत्नी जिल, ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया के स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
इस बीच, डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी कोरोना जांच कराई और जांच में वह नेगेटिव निकलीं।
द हिल के मुताबिक, हैरिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस 7 अक्टूबर को डिबेट करेंगे जबकि ट्रंप और बाइडन के बीच दो और डिबेट होने हैं, ये डिबेट 15 और 22 अक्टूबर को होने के लिए निर्धारित हैं।
न्यूयॉर्क, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक संघीय न्यायाधीश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वर्क वीजा जारी करने पर लगाए प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसने कहा कि नीति में आमूलचूल परिवर्तन जनहित में नहीं है। सैन फ्रांसिस्को में फेडरल कोर्ट के न्यायाधीश जेफरी एस. व्हाइट ने गुरुवार को टेक, निर्माण और खुदरा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापार संगठनों द्वारा दायर एक मामले में यह आदेश दिया, जो कंपनिया विदेशों से पेशेवरों की भर्ती करती है, उनके लिए यह राहत की बात है।
यह निर्णय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए एच वीजा की सभी श्रेणियों पर लागू होता है, अमेरिका में काम करने के लिए ट्रांसफर्ड कर्मचारियों के लिए एल वीजा, और स्कॉलर, प्रशिक्षुओं और कुछ छात्रों के लिए जे वीजा होता है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने 25 जून को अमेरिकी दूतावासों को आदेश दिया था कि कोविड-19 महामारी के कारण अत्यधिक बेरोजगारी के कारण वर्ष के अंत तक वर्क वीजा श्रेणियों को प्रोसेसिलंग करना बंद कर दिया जाए।
बीजिंग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में लगभग दो लाख लोगों की जान कोरोना वायरस से जा चुकी है, जबकि लाखों संक्रमित हुए हैं। इस बीच लगातार मास्क न पहनने और वैज्ञानिकों की बातों को नजरअंदाज करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी भी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। यह इस बात को भी दर्शाता है कि अमेरिका में वायरस से निपटने में ट्रंप प्रशासन ने कितनी ढिलाई बरती है। वायरस के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका में कोरोना महामारी और गंभीर रूप ले सकती है। क्योंकि ठंड का मौसम आने वाला है और वायरस काबू से बाहर है, ऐसे में बड़ी संख्या में तमाम लोगों के संक्रमित होने की आशंका खारिज नहीं की जा सकती है।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व प्रमुख डॉ. स्कॉट गोटलिब ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश वायरस के लिए मुफीद यानी कि बहुत खतरनाक मौसम में प्रवेश करने वाला है। अगर सही ढंग से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है।
डॉ स्कॉट के मुताबिक यह समूचे अमेरिका के लिए बहुत चिंता की बात है।
यहां बता दें कि डॉ. स्कॉट गोटलिब पहले विशेषज्ञ नहीं हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में वायरस के तेज प्रसार को लेकर चेतावनी जारी की है। जानकार मानते हैं कि जिस तरह से कोविड-19 से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है, उसके लिहाज से आने वाले दिन परेशानी भरे हो सकते हैं।
एक एक्सपर्ट कहते हैं कि अमेरिकी सिस्टम में पहले से ही दरारें हैं, अब अगर वायरस और विकराल रूप लेता है तो यह भूकंप का रूप ले सकता है।
उधर एनबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर अमेरिका के लिए इस शरद और सर्दियों में विनाशकारी हो सकती है, और यह सिर्फ अधिक बीमार लोगों के लिए नहीं है, जिनके बारे में डॉक्टर चिंता करते हैं। अगर ऐसा हुआ तो अस्पतालों में महामारी से पीड़ित मरीजों की तादाद बहुत बढ़ जाएगी और चिकित्सा कर्मियों के लिए उनका उपचार करना आसान नहीं होगा।
(अनिल पांडेय --चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| वैश्विक कोरोनोवायरस महामारी ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत चल रही अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बावजूद पाक-अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया है।
विश्व बैंक के अनुसार, 2018 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगभग 5.83 प्रतिशत थी। सीपीईसी के काफी चर्चा में रहने के बावजूद 2019 में यह घटकर 1 प्रतिशत से भी कम रह गई, जो 2018 के मुकाबले 4.80 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। वहीं, 2016 में पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि 5.5 प्रतिशत थी।
सीपीईसी से पाकिस्तान में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने के अलावा नौकरियों के अवसर प्रदान करने का अनुमान था। आंकड़े दर्शाते हैं कि जारी परियोजना के बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की गंभीर स्थिति बनी हुई है, जिसका मूल रूप से अनुमान 46 अरब डॉलर था।
चीन और सीपीईसी
महामारी के आर्थिक प्रभाव के कारण पाकिस्तान की रीपेमेंट क्षमता भी कमजोर हो गई है। चीन के शिनजियांग प्रांत के साथ बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को जोड़ने वाली परियोजना की लागत काफी बढ़ गई है, जो 62 अरब डॉलर से शुरू हुई थी।
पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, "पाकिस्तानी महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है और लगभग कई व्यवसायों को दिवालियापन और आर्थिक विफलता के कगार पर पहुंचा दिया है, जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महामारी के कारण हुई समस्या से उबरने की क्षमता नहीं है।"
जर्मन पब्लिक इंटरनेशनल ब्रॉडकास्टर डॉयचे वेले या डीडब्ल्यू ने कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसई) के पूर्व निदेशक जफर मोती के हवाले से कहा, "पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सिमट रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और विभिन्न क्षेत्र संकट में हैं।"
अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के पूर्व नौकरशाह और निदेशक शक्ति सिन्हा ने कहा, "सीपीईसी तुरंत रिटर्न नहीं देगा, लेकिन इसे विफल नहीं कहा जा सकता।"
सिन्हा ने हालांकि कहा, "पाकिस्तान के बारे में चीन बहुत गंभीर है। हालांकि पाकिस्तान की जीडीपी पिछले कुछ वर्षो में कमजोर हुई है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फलने में समय लगता है।"
पाकिस्तान में बेरोजगारी
जबकि खान ने बार-बार कहा है कि सीपीईसी से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, तथ्य यह है कि बेरोजगारी बढ़ रही है। एक विश्लेषक ने कहा, "शिक्षित लोगों का भी बेरोजगार होना चिंता का विषय है। हालांकि इस परियोजना का उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और विकास को बढ़ावा देना था, लेकिन ऐसा बहुत कम हो पाया। परियोजना का क्रियान्वयन चीनी द्वारा नियंत्रित किया जाता है और यह एकतरफा है। सीपीईसी के अंतर्गत अधिकांश नौकरियां चीनी लोगों को दी जाती हैं, जिससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।"
डॉन की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान देश में बेरोजगारों की संख्या 66.5 लाख तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 58 लाख था।"
सिन्हा ने कहा कि स्पष्ट रूप से, परियोजनाएं चीनियों द्वारा चलाई जाती हैं - चाहे वह प्रबंधन हो या श्रमिक। चीनियों को किसी पर भरोसा नहीं है, इसलिए यहां तक कि श्रमिक भी ज्यादातर चीनी हैं। इसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन नहीं हुआ है।
--आईएएनएस
बीजिंग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीनी संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो ने कहा कि इस साल चीनी राष्ट्रीय दिवस और मध्य शरत उत्सव की छुट्टियों का पहले दिन देश में कुल 9.7 करोड़ लोगों ने यात्रा की और पर्यटन की आमदनी 76.65 अरब चीनी युआन तक पहुंची। आंकड़े बताते हैं कि 1 अक्तूबर चीनी राष्ट्रीय दिवस और मध्य शरत उत्सव की छुट्टियों के पहले दिन देश में यातायात और परिवहन आम तौर पर स्थिर रहा है और हाईवे ट्रैफिक बढ़ा है।
चीनी यातायात मंत्रालय से मिली खबर के मुताबिक, 1 अक्तूबर के 12 बजे तक देश के हाईवे में करीब 3 करोड़ वाहन चलते हैं, जो एक दिन से पहले की तुलना में 87.17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। और 1 अक्तूबर को चीन के हाईवे ट्रैफिक करीब 5.4 करोड़ वाहन दर्ज हुए।
(साभार--चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में एक भारतीय अदालत की ओर से बुधवार को सभी 32 अभियुक्तों को बरी किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक फैसला करार दिया।
पाकिस्तान की भारत के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने की पुरानी आदत रही है। अब बाबरी विध्वंस मामले में भारतीय अदालत के फैसले पर भी पाकिस्तान की बौखलाहट देखने को मिली है। पाकिस्तान ने अदालत के फैसले की निंदा करने के साथ ही मोदी सरकार और इसकी कथित हिंदुत्व विचारधारा पर भी कड़ा प्रहार किया है।
पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला बोलते हुए कहा कि इसने हिंदू विचारधारा के आगे घुटने टेक दिए हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "1992 में अयोध्या में सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए जिम्मेदार अपराधियों को आज शर्मनाक तरीके से बरी करने पर पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है।"
चौधरी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारत की विशेष सीबीआई अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले को त्रुटिपूर्ण करार दिया और भारत के सभी राष्ट्रीय संस्थानों में चरमपंथी हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की।
मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा कि अयोध्या निर्णय एक दुखद याद दिलाता है कि हिंदुत्व विचारधारा ने न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सिद्धांतों को उलट दिया है।
उन्होंने कहा, "न्यायपालिका का निर्णय इस तथ्य का दुखद स्मरण है कि फासीवादी भाजपा-आरएसएस शासन के तहत, चरमपंथी 'हिंदुत्व' विचारधारा न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सभी सिद्धांतों पर वरीयता बरतती है।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, भारत सरकार से अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों और उनके प्रार्थना स्थलों की रक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।"
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इसी फैसले पर पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोप लगाते हुए कहा, "आपराधिक कृत्य पर निर्णय लेने के लिए लगभग तीन दशक का समय लिया गया, जो कि सुनियोजित रथ यात्रा के परिणामस्वरूप हुआ और यह आरोपी भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) परिवार के अन्य नेताओं द्वारा भीड़ को भड़काने के परिणामस्वरूप हुआ।"
बयान में कहा गया है कि यह फैसला दुनिया को बताता है कि हिंदुत्व से प्रेरित भारतीय न्यायपालिका न्याय सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल रही है।
बयान में कहा गया है, "मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप भाजपा की अगुवाई में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें हजारों हत्याएं हुईं।"
भारतीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पाकिस्तानी मीडिया ने भी प्रमुखता के साथ कवरेज दी है।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बलूचिस्तान में लापता व्यक्तियों की बरामदगी पर पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे 'असंतोषजनक' करार दिया और दो सप्ताह के भीतर व्यापक कार्रवाई के निर्देश दिए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति फैसल अरब और न्यायमूर्ति इजाजुल हसन के साथ ही प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को हजारा समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ संवैधानिक याचिकाओं पर सुनवाई की।
कार्यवाही के दौरान, पीठ ने जांच अपराध शाखा के एसएसपी मुहम्मद अकबर रायसानी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि अगर वे इस मुद्दे पर एक विस्तृत और पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल होते हैं तो संबंधित अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया जाएगा।
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने लापता व्यक्तियों का पता नहीं लगा पाने और अधिकारियों की विफलता पर उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा, "पुलिस अधिकारियों को पता नहीं है कि मामलों की जांच कैसे की जाती है। 2017 और 2018 के बीच गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए, जबकि उनकी रिकवरी में पुलिस का प्रदर्शन शून्य रहा है।"
इसके अलावा अदालत ने बलूचिस्तान में रोजाना होने वाले वाहन तस्करी, हवाई फायरिंग और अन्य अपराधों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
अदालत ने सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।
कराची, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के राष्ट्रीय कमांड और ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य संबधी दिशानिदेशरें और कोविड-19 के मानकों के अनुपालन में विफल रहने के कारण कराची में छह मैरिज हॉल और 103 रेस्तरां सील कर दिए गए हैं। इनके एक बयान के हवाले से डॉन न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, गिलगित-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और यहां की राजधानी इस्लामाबाद सहित सभी प्रांतों को महामारी के चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य दिशानिर्देशों और मानकों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों से भी नियमों के उल्लंघन की दिशा में पर्याप्त ध्यान देने का आग्रह किया गया है, खासकर रेस्तराओं और मैरिज हॉल पर अधिक गौर फरमाने के आदेश हैं क्योंकि ये दो ऐसी जगहें हैं, जहां महामारी के पनपने के ज्यादा आसार हैं।
पिछले हफ्ते कराची में पुष्ट मामलों की संख्या में हुई अचानक वृद्धि से इस ओर पहल की शुरूआत की गई है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुवार को सिंध सरकार ने कराची और इसके आसपास के क्षेत्रों में मिनी स्मार्ट लॉकडाउन का विस्तार किया क्योंकि मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही थी। शहर के दक्षिणी जिला क्षेत्रों के दो इलाकों की पहचान नए हॉटस्पॉट के रूप में की गई। इन्हें दो हफ्ते के लिए मिनी स्मार्ट लॉकडाउन के तहत रखा गया।
शुक्रवार को एनसीओसी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, योजना और विकास मंत्री असद उमर ने ट्वीट किया, "कोविड के प्रसार में इंडोर रेस्तराओं और मैरिज हॉल का काफी ज्यादा योगदान देखने को मिल रहा है। एनसीओसी ने सभी प्रांतों और संघी इकाइयों को इन स्थानों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के उल्लंघन पर शिकंजा कसने का निर्देश दिया है।"
शुक्रवार तक, पाकिस्तान में कोरोनवायरस के कुल मामलों की संख्या 313,167 हो गई है, जबकि 6,497 लोगों की मौत हो चुकी है।
हमज़ा अमीर
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ द्वारा दिए गए भाषणों पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह भारत के इशारे पर इस्लामाबाद के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाकर खतरनाक खेल खेल रहे हैं।
एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए एक साक्षात्कार में, इमरान खान ने शरीफ पर पाकिस्तान सेना पर हमला कर बड़ी शरारत करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, नवाज शरीफ पाकिस्तान के खिलाफ एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं और मुझे यकीन है कि भारत उनका समर्थन कर रहा है। नवाज शरीफ का हमेशा सेना प्रमुखों के साथ विवाद रहा, क्योंकि वह भ्रष्ट आचरण में शामिल थे और उन्हें नियंत्रित करना चाहते थे।
खान ने कहा कि शरीफ अब वही खेल खेल रहे हैं जो कभी मुत्तहिद कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के पूर्व संस्थापक अल्ताफ हुसैन खेलते थे। उन्होंने कहा कि वह भारत के एजेंडे पर भी काम कर रहे थे और अपने समर्थकों को 'पाकिस्तान मुदार्बाद' के लिए बुला रहे थे।
वह (शरीफ) अगला अल्ताफ हुसैन बन रहे हैं। वह कायर हैं, मुझे यकीन है कि उसे भारत से समर्थन प्राप्त है। भारत की रुचि हमारी सेना को कमजोर करने में है। भारत के थिंक टैंक कहते हैं कि वे पाकिस्तान को तोड़ना चाहते हैं। कुछ मूर्ख उदारवादी शरीफ की कहानी, जो सेना पर हमला करके एक शरारत पैदा कर रहे हैं, से सहमत हैं।
अदालत से दोषी करार दिए गए शरीफ, जिन्हें पिछले साल इलाज के लिए लंदन जाने की अनुमति दी गई थी, ने पिछले महीने अपनी लंबी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा कि विपक्ष सेलेक्टेट प्राइम मिनिस्टर के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन लोगों के खिलाफ है जो 2018 में उनको सत्ता में लेकर आए थे।
खान का बयान शरीफ द्वारा उनकी पार्टी के सदस्यों को दिए भाषणों के बाद आया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए निशाना साधा था।
शरीफ ने अपने भाषण के दौरान दावा किया कि उनकी सरकार ने पाकिस्तानी सेना के साथ संबंध दुरुस्त रखने के लिए और देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यूएस टॉमहॉक मिसाइल की डील कराई थी।
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने शरीफ के भाषणों और बयानों को ब्रॉडकास्ट करने पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि घोषित रूप से फरार होने वाले और देश की अदालतों द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में वांछित लोगों के बयानों को ब्रॉडकास्ट नहीं किया जाएगा।
बता दें कि नवाज शरीफ को पाकिस्तान की अदालत द्वारा चिकित्सा आधार पर देश छोड़ने की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, शरीफ अपने अंतिम दो वीडियो लिंक के भाषणों में सक्रिय दिख रहे हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) ने फरार या घोषित अपराधियों के किसी भी भाषण, साक्षात्कार या सार्वजनिक संबोधन के प्रसारण और पुन:प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, नियामक संस्था ने गुरुवार को यह फैसला लिया है। नियामक संस्था ने अपराधियों की किसी भी प्रकार की टिप्पणी, राय या सुझाव सहित अन्य सामग्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है और यह कदम सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश के अनुपालन में उठाया गया है।
संस्था की ओर से लिए गए इस फैसले के अनुसार, अगर लाइसेंसधारी उपरोक्त निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो प्राधिकरण पेमरा की धारा 29 और 30 के तहत कार्रवाई करेगा, जिसके परिणामस्वरूप जुर्माना ठोंकने के साथ ही लाइसेंस रद्द/निरस्त करने का भी प्रावधान है।
यह फैसला पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से लंदन से दिए गए भाषणों के बाद लिया गया है, जिसमें शरीफ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की अगुवाई वाली सरकार को निशाना बनाया था। शरीफ पिछले साल चिकित्सा उपचार के लिए लंदन गए थे, जिन पर पाकिस्तान में मुकदमा चल रहा है और उन्हें पाकिस्तान में लाए जाने की जद्दोजहद चल रही है।
शरीफ ने पहली बार 20 सितंबर को बहुपक्षीय सम्मेलन में अपनी बात रखी थी, जहां उन्होंने घोषणा की कि विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ है, जो 2018 के चुनावों में उन्हें सत्ता में लेकर आए थे।
सैन फ्रांसिस्को, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| फेसबुक ने दो कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है जिन्होंने इसके प्रमुख ऐप, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, लिंक्डइन और एमेजॉन से डेटा स्क्रैप कर एक ग्लोबल ऑपरेशन में 'मार्केटिंग इंटेलिजेंस' और अन्य सेवाओं को बेचने की कोशिश की। स्क्रैपिंग एक डेटा संग्रह है जो किसी वेबसाइट या ऐप से डेटा निकालने के उद्देश्य से अनधिकृत ऑटोमेशन पर काम करता है।
फेसबुक ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "इजरायल स्थित कंपनी ब्रांड टोटल लिमिटेड और डेलावेयर स्थित यूनिमैनिया इंक के कृत्यों ने हमारी सेवा शर्तो का उल्लंघन किया है और अपने यूजर्स की सुरक्षा के लिए हम इनके खिलाफ कानूनी कदम उठा रहे हैं।"
इन कंपनियों ने डेटा तक पहुंचने और संग्रह करने के लिए डिजाइन किए गए 'अप वॉइस' और 'एड्स फीड' नामक ब्राउजर एक्सटेंशन के एक सेट के माध्यम से फेसबुक सेवा तक यूजर्स की पहुंच को प्रभावित किया।
जब लोग एक्सटेंशन इंस्टॉल करते हैं और वेबसाइटों पर जाते हैं, तो ब्राउजर एक्सटेंशन ने उनके नाम, यूजर आईडी, जेंडर, जन्म तिथि, रिलेशनशिप स्टेटस, स्थान की जानकारी और उनके अकाउंट से संबंधित अन्य जानकारी को स्क्रैप करने के लिए ऑटोमेटेड प्रोग्राम का इस्तेमाल किया।
अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| एमनेस्टी इंटरनेशनल के भारत में ऑपरेशन बंद करने पर अमेरिकी सरकार के शीर्ष स्तर के लोगों की नजर है। स्टेट डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उसके बैंक खातों को बंद करने के कदम ने अमेरिकी सरकार में शीर्ष स्तर का ध्यान खींचा है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बुधवार को कहा, "इस मामले पर बहुत बारीकी से विचार हो रहा है, इसने हमारी सरकार के उच्चतम स्तरों का ध्यान आकर्षित किया है। हमें केवल एक प्रतिक्रिया मिलने की देर है, जो ऐसी स्थिति के लिए अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों और कानून के अनुरूप है।"
इस अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत सरकार द्वारा उसके बैंक खातों को फ्रीज करने के बाद इसने अपना काम रोक दिया है।
वहीं एमनेस्टी के आरोपों को 'झूठा" बताते हुए भारत सरकार ने उस पर अवैध रूप से भारत को धन मुहैया कराने का आरोप लगाया है।
पहचान उजागर न करने की शर्त एक अधिकारी ने कहा, "अमेरिका स्वास्थ्य और सभ्य समाज की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है, वो भी खासकर भारत के लिए। हम मानते हैं कि समाज का खुलापन ही भारत की ताकत है लेकिन इसमें बाधा आने को लेकर हम चिंतित हैं।"
इस्लामाबाद, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बच्चों के सामने उनकी मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम डिलीवरी यूनिट (पीएमडीयू) को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के अंदर एक राष्ट्रीय आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित करे। सूचना मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। डॉन न्यूज के अनुसार, 9 सितंबर को लाहौर-सियालकोट मोटरवे पर एक महिला के साथ उसके बच्चों के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। महिला की कार में खराबी आने के बाद उसने मोटरवे पुलिस की हेल्पलाइन पर कॉल किया और वह उनके आने का इंतजार कर रही थी, तभी यह घटना हुई।
मंत्रालय ने ट्वीट्स कर घोषणा की, "मोटरवे की घटना के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने एक राष्ट्रीय आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी पीएम डिलीवरी यूनिट को दी गई है।"
मंत्रालय ने कहा कि यह नंबर टोल फ्री होगा और देश के सभी मौजूदा हेल्पलाइन नंबर नई राष्ट्रीय हेल्पलाइन से जुड़े होंगे। इससे नागरिकों को तत्काल मदद मिलेगी।
एक अधिकारी ने डॉन न्यूज को बताया कि ऐसी खबरें आईं हैं कि पीड़िता को यह कहकर मदद देने से मना कर दिया गया था कि वह क्षेत्र पाकिस्तान नेशनल हाईवे और मोटरवे पुलिस के दायरे में नहीं आता है। गैंगरेप के दोनों आरोपियों की पहचान डीएनए परीक्षण के जरिए की गई है।
वाशिंगटन, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 3.38 करोड़ के पार हो गई है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या लगभग 1,012,900 हो गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को दी।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि गुरुवार की सुबह तक कुल मामलों की संख्या 33,874,283 हो गई और मृत्यु संख्या बढ़कर 1,012,894 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण के मामलों 7,229,723 और उससे हुई 206,905 मौतों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।
वहीं भारत 6,225,763 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में मरने वालों की संख्या 97,497 हो गई है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, मामलों की ²ष्टि से अन्य शीर्ष 15 देशों में ब्राजील (4,810,935), रूस (1,170,799), कोलम्बिया (829,679), पेरू (811,768), स्पेन (769,188), अर्जेंटीना (751,001), मेक्सिको (743,216), दक्षिण अफ्रीका ( 674,339), फ्रांस (604,031), चिली (462,991), ईरान (457,219), ब्रिटेन (455,846), बांग्लादेश (363,479), इराक (362,981) और सऊदी अरब (334,605) हैं।
संक्रमण से हुई मौतों के हिसाब से वर्तमान में ब्राजील 143,952 आंकड़ों के साथ दूसरे स्थान पर है।
वहीं 10,000 से अधिक मौत वाले देश मेक्सिको (77,646), ब्रिटेन (42,233), इटली (35,894), पेरू (32,396), फ्रांस (32,396), स्पेन (31,791), ईरान (26,169), कोलंबिया (25,998), रूस (20,630), अर्जेंटीना (16,937), दक्षिण अफ्रीका (16,734), चिली (12,741), इक्वाडोर (11,355), इंडोनेशिया (10,740) और बेल्जियम (10,001) है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर(आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई। आधिकारिक बयान में कहा गया है, "यह प्रतिबंध सभी अंतर्राष्ट्रीय कार्गो संचालन और उड़ानों पर लागू नहीं होगा, जो विशेष रूप से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमोदित है।"
बयान में कहा गया है, "हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय अनुसूचित उड़ानों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा चुनिंदा मार्गों पर विभिन्न मामलों (केस-टू-केस) के आधार पर अनुमति दी जा सकती है।"
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण यात्री हवाई सेवाओं को 25 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि घरेलू उड़ान सेवाओं को 25 मई से फिर से शुरू कर दिया गया है।
इस्लामाबाद, 30 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन में अपने आवास पर गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के लिए एक बार फिर 'इनकार' कर दिया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) को बुधवार इसके बारे में सूचित किया गया। पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ को इस महीने की शुरुआत में अपराधी घोषित किया गया है। उन्होंने इससे पहले भी अपने नाम से जारी गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने से इनकार कर दिया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय सरकार ने मंगलवार को ब्रिटेन के अधिकारियों को दोषी पूर्व प्रधानमंत्री के निर्वासन के लिए फिर से पत्र लिखने का फैसला किया है। शरीफ को नवंबर 2019 में चिकित्सा उपचार के लिए लंदन जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में पाकिस्तान में कुछ अदालतों द्वारा उन्हें फरार घोषित कर दिया गया।
आईएचसी की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अल-अजीजिया मामले में अपनी सजा के खिलाफ शरीफ की अपील पर सुनवाई करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन के बारे में पूछा।
इस पर अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारिक खोखर ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग का एक प्रतिनिधि पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तारी वारंट देने के लिए एवेनफील्ड अपार्टमेंट पहुंचा। उन्होंने बताया कि हालांकि उनके द्वारा गिरफ्तारी वारंट स्वीकार नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी, राव अब्दुल हनन वारंट के साथ एवेनफील्ड अपार्टमेंट पहुंचे। हालांकि, वारंट स्वीकार नहीं हुआ।"
खोखर ने कहा, "नवाज शरीफ के वारंट को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है।"
अदालत ने कहा कि नवाज के वकील ने स्वीकार किया है कि वे पीएमएल-एन सुप्रीमो को जारी गिरफ्तारी वारंट के बारे में जानते हैं। सुनवाई के दौरान, भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के एक अधिकारी ने अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री को भगोड़ा घोषित करने की प्रार्थना की।
न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने सुझाव दिया कि लंदन में पाकिस्तानी मिशन द्वारा एक बयान दर्ज किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि "आरोपी भविष्य में दावा नहीं कर सकता है कि वह इसके बारे में जागरूक नहीं था।"
उन्होंने कहा, "आरोपी जानता है कि उसने पूरी व्यवस्था को बिगाड़ दिया है।"
न्यायाधीश मोहसिन ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो ने देश छोड़ दिया और सरकार और पाकिस्तान के लोगों को धोखा दिया है। मामले की सुनवाई सात अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को एक संघीय कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान ने संबंधित अधिकारियों को पीएमएल-एन नेता को वापस लाने के लिए सभी उपाय करने को कहा है।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के कराची में एक बार फिर कोविड-19 संक्रमण में वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय कमान एवं संचालन केंद्र ने बताया कि कुल दर्ज किए गए 747 नए मामलों में से 365 कराची में पाए गए हैं। जियो टीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कराची में कोविड-19 के मामलों में हुई वृद्धि ने राष्ट्रीय निर्णय लेने वाली संस्था का ध्यान आकर्षित किया है। इसके बाद बुधवार की सुबह हुई बैठक में संक्रमण के बढ़ते मामलों पर उपायों पर चर्चा की गई है।
स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक फैसल सुल्तान ने कथित तौर पर एक स्मार्ट बंद (लॉकडाउन), संपर्क ट्रेसिंग और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के सख्त पालन पर जोर दिया है।
इस बीच सिंध प्रांत के स्वास्थ्य सचिव ने मंच को अवगत कराया कि प्रशासन स्थिति की निगरानी कर रहा है और सभी हितधारकों के परामर्श से रोग की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
सिंध सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब ने मंगलवार को लोगों को चेतावनी दी कि वे सावधानी बरतें, क्योंकि कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या बढ़ रही है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, देश में संक्रमण कम होने के बाद पाकिस्तान ने कोरोनावायरस के प्रोटोकॉल को कम करना शुरू कर दिया है। देश में शिक्षण संस्थानों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला गया है, जिसके बाद संक्रमण दोबारा बढ़ने लगा है।
--आईएएनएस
दुबई, 30 सितंबर (आईएएनएस)| 5 महीने पहले आए स्ट्रोक के कारण अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी गुजार रहे एक भारतीय प्रवासी आखिरकार भारत में अपने गृहनगर पहुंच गए हैं। भारतीय दूतावास के सहयोग से प्रवासी को भारत भेजने में मदद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण कुमार ने कहा, 60 साल के रामचंद्रन कोटककुन्नू ने जब दुबई से उड़ान भरी तब वे व्हीलचेयर पर थे। रामचंद्रन 30 साल से ज्यादा समय तक यूएई में रहे और वहां उन्होंने एक सफल बिजनेस चलाया। फिर एक नुकसान में उन्होंने सब कुछ खो दिया।
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यवसाय खत्म होने के बाद उन्होंने नैफ जिले के धीरा में एक दुकान में ढाई हजार दिरहम की सैलरी पर नौकरी कर ली। वह संघर्ष करते रहे क्योंकि उनकी पत्नी और बेटी दोनों बीमार हैं।
कुमार ने बताया, "उनकी पत्नी को कैंसर है और उनकी बेटी को दिल की बीमारी है। उन्हीं की वजह से वह अभी भी संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे, ताकि वे उनके अस्पताल के बिल भर सकें। फिर उन्हें स्ट्रोक आ गया। वे 5 महीने तक अस्पताल में रहे, जहां उनका बिल 16 लाख दिरहम तक पहुंच गया।"
इसके बाद वाणिज्य दूतावास ने उन्हें भारत आने के लिए फ्लाइट का टिकट और एक व्हीलचेयर दी। प्रवीण ने कहा, "रामचंद्रन अभी भी बोल नहीं पाते हैं। भारत के वाणिज्य दूतावास और मिशन की चिकित्सा टीम के स्वयंसेवकों के हस्तक्षेप के चलते आखिरकार रामचंद्रन को केरल के कासरगोड जिले में उनके गृहनगर में वापस लाया गया। वह अब कर्नाटक के मैंगलोर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती हैं।"
श्रम के वाणिज्य दूत जितेंद्र सिंह नेगी ने खलीज टाइम्स को बताया, "रामचंद्रन को हमारे समर्थन से भारत वापस भेज दिया गया है। उन पर अस्पताल का 16 लाख दिरहम का बिल बाकी था लेकिन अस्पताल ने दयालुता दिखाते हुए उन्हें छोड़ दिया।"
काठमांडू, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| एक विवादित कदम में, जो भारत और उसकी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को और अधिक नाराज कर सकता है, नेपाल की एक स्थानीय प्रशासन ने 100 बीघा या 40 एकड़ में अयोध्यापुरी धाम का निर्माण कराने का फैसला किया है। चितवन जिले की माडी नगरपालिका, जहां प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के मुताबिक भगवान राम का जन्म हुआ है, ने अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने का फैसला किया है।
ठाकुर प्रसाद ढकाल ने नेपाल की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया कि मंगलवार को नगरपालिका की कार्यकारी निकाय बैठक ने धाम के निर्माण के लिए 100 बीघा जमीन आवंटित करने का फैसला किया।
ओली ने 14 जुलाई को भगवान राम के जन्म स्थान के बारे में सनसनीखेज टिप्पणी की और दावा किया कि राम का जन्म नेपाल में हुआ था, न कि भारत स्थित उत्तर प्रदेश के अयोध्या में।
ओली ने भारत पर एक फर्जी अयोध्या बनाने का भी आरोप लगाया, जो ओली के अनुसार नेपाल के खिलाफ एक सांस्कृतिक हमला है। ओली के बयान ने भारत और नेपाल दोनों में उस समय हंगामा मचा दिया जब नेपाल-भारत संबंधों में सीमा विवाद और चीन के साथ नेपाल के अति निकटता के कारण दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी।
ढकाल ने कहा, "हमने वार्ड 8 और 9 में अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए वर्तमान अयोध्यापुरी पार्क की 100 बीघा जमीन आवंटित की है।"
भगवान राम के विवादास्पद जन्म स्थान की घोषणा करने के बाद, ओली ने 9 अगस्त को मेयर ढकाल की अगुवाई में माडी नगरपालिका के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए उस क्षेत्र में खुदाई शुरू करने का निर्देश दिया। ओली ने अपनी सरकार से माडी नगर पालिका को हर संभव समर्थन देने का और साथ ही साथ खुदाई के कामों को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने में मदद करने और राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को तुरंत स्थापित करने में सहयोग देने का वादा किया।
ढकाल ने कहा कि हमारे पास अतिरिक्त 50 बीघा जमीन है, जिसका उपयोग हम कोई भी तकनीकी समस्या होने पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगरपालिका, प्रधानमंत्री के निदेर्शानुसार अयोध्यापुरी धाम निर्माण के कार्यों को सुविधाजनक बनाने और प्रबंधित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
ओली के विवादास्पद बयान की उनकी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ने भी आलोचना की थी।
काठमांडू, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| एक विवादित कदम में, जो भारत और उसकी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को और अधिक नाराज कर सकता है, नेपाल की एक स्थानीय प्रशासन ने 100 बीघा या 40 एकड़ में अयोध्यापुरी धाम का निर्माण कराने का फैसला किया है। चितवन जिले की माडी नगरपालिका, जहां प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के मुताबिक भगवान राम का जन्म हुआ है, ने अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने का फैसला किया है।
ठाकुर प्रसाद ढकाल ने नेपाल की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया कि मंगलवार को नगरपालिका की कार्यकारी निकाय बैठक ने धाम के निर्माण के लिए 100 बीघा जमीन आवंटित करने का फैसला किया।
ओली ने 14 जुलाई को भगवान राम के जन्म स्थान के बारे में सनसनीखेज टिप्पणी की और दावा किया कि राम का जन्म नेपाल में हुआ था, न कि भारत स्थित उत्तर प्रदेश के अयोध्या में।
ओली ने भारत पर एक फर्जी अयोध्या बनाने का भी आरोप लगाया, जो ओली के अनुसार नेपाल के खिलाफ एक सांस्कृतिक हमला है। ओली के बयान ने भारत और नेपाल दोनों में उस समय हंगामा मचा दिया जब नेपाल-भारत संबंधों में सीमा विवाद और चीन के साथ नेपाल के अति निकटता के कारण दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी।
ढकाल ने कहा, "हमने वार्ड 8 और 9 में अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए वर्तमान अयोध्यापुरी पार्क की 100 बीघा जमीन आवंटित की है।"
भगवान राम के विवादास्पद जन्म स्थान की घोषणा करने के बाद, ओली ने 9 अगस्त को मेयर ढकाल की अगुवाई में माडी नगरपालिका के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए उस क्षेत्र में खुदाई शुरू करने का निर्देश दिया। ओली ने अपनी सरकार से माडी नगर पालिका को हर संभव समर्थन देने का और साथ ही साथ खुदाई के कामों को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने में मदद करने और राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को तुरंत स्थापित करने में सहयोग देने का वादा किया।
ढकाल ने कहा कि हमारे पास अतिरिक्त 50 बीघा जमीन है, जिसका उपयोग हम कोई भी तकनीकी समस्या होने पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगरपालिका, प्रधानमंत्री के निदेर्शानुसार अयोध्यापुरी धाम निर्माण के कार्यों को सुविधाजनक बनाने और प्रबंधित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
ओली के विवादास्पद बयान की उनकी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ने भी आलोचना की थी।
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 को लेकर ओहायो के क्लीवलैंड में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान जुबानी जंग खूब देखने को मिली। बहस के दौरान 'मसखरा', 'झूठा', 'एक मिनट के लिए चुप हो जाओ', 'भौंकते रहो' जैसी अपमानजनक टिप्पणियां की गईं। फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वैलेस ने इस बहस को मॉडरेट किया और राष्ट्रपति ट्रंप इस दौरान आक्रामक तेवर में दिखाई दिए।
इस बात लेकर भी बहस छिड़ गई है कि बहस को मॉडरेट करने वाले वैलेस ने ट्रंप को इतना आक्रामक तेवर, ऐसी तीखी टिप्पणियां कैसे करने दी।
ट्रंप ने 90 मिनट की बहस के दौरान काफी तीखी बहस की और एक मोड़ पर कहा," मैं तुम्हें बताता हूं जो, तुम वो काम कभी नहीं कर सके जो हमने कर दिखाया। तुम्हारे खून में यह नहीं है।"
वहीं, बाइडन ने पलटवार करते हुए कहा, "वह यहां जो कह रहे हैं, वह झूठ है।" उन्होंने कहा, "गलत शख्स, गलत रात, गलत समय।"
बाइडन ने कई बार कहा, "यह शख्स नहीं जानता कि वह किस बारे में बात कर रहा है।"
मिसूरी से पूर्व सीनेटर क्लेयर मैककैस्किल ने बहस के बारे में कहा, "मैं 80 प्रतिशत दुखी हूं और 20 प्रतिशत बौखलाई हुई हूं।"
वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार यूजीन रॉबिन्सन का मानना है कि "अधिकांश देशवासी व्याकुल हैं। मुझे नहीं पता कि हमने क्या बकवास देखा।"
डेमोक्रेटिक रणनीतिकार जेम्स कारविले के अनुसार, 25 मिनट तक यह देखने लायक नहीं था।
10 मिनट से भी कम समय में, बहस ने व्यक्तिगत हमलों का रूप अख्तियार कर लिया, जब मॉडरेटर बाइडन के दो मिनट के टॉक टाइम के दौरान ट्रंप को शांत रखने में विफल रहे। नाराज बाइडन ने ट्रंप से कहा, "क्या तुम चुप रहोगे?"
पहली बहस के परफॉर्मेस पर प्रतिक्रिया देते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कहा कि "अमेरिका को बहुत स्पष्ट विकल्प मिल गया है।" उन्होंने ट्रंप को अपनी गहराई से बाहर निकलने और अपना बचाव करने वाला शख्स बताया।
बराक ओबामा के पूर्व कैम्पेन मैनेजर डेविड प्लॉफ ने कहा, "आज रात के इस परफॉर्मेस से लोगों को समझ में आ जाएगा कि ट्रंप एक और कार्यकाल के योग्य नहीं हैं।"
डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन की बहस के दौरान तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। ट्रंप के कोरोनवायरस प्रतिक्रिया, नस्लीय न्याय, अर्थव्यवस्था और एक दूसरे की फिटनेस को लेकर निशाना साधा गया।
बाइडन ने कहा, "सच यह है कि उन्होंने अब तक जो कुछ भी कहा है वह सिर्फ एक झूठ है।"
बाइडन पहले पांच मिनट के भीतर ट्रंप पर खूब हावी दिखे और उन्हें आड़े हाथो लिया। उन्होंने ट्रंप से कहा कि वह अपने बंकर से बाहर निकलें। ओवल ऑफिस के अपने गोल्फ कोर्ट जाएं और लोगों को बचाने के लिए एक योजना बनाएं।
जब ट्रंप 2016 और 2017 में संघीय आयकरों में महज 750 डॉलर का भुगतान करने वाली रिपोटरें के बारे में सवालों का ठीक से जवाब नदीं दे पाए तो बाइडन ने कहा, "हमें अपने करों को दिखाएं। अपने करों को दिखाएं।"
उन्होंने ट्रंप के प्रति काफी हमलावर रुख दिखाया, भले ही ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने लाखों डॉलर का आयकर भुगतान किया है।
हालिया सर्वे से पता चलता है कि ट्रंप की लोकप्रियता 2016 के बाद से लुढ़क गई है। बाइडन सभी सर्वे में ट्रंप से आगे हैं, भले ही अंतर ज्यादा न हो।
ट्रंप ने श्वेत वर्चस्ववादियों की निंदा करने से इनकार कर दिया और रात की बहस का समापन इस बात को बताने से इनकार करने के साथ किया कि क्या वह चुनाव परिणामों को स्वीकार करेंगे। ट्रंप की कोरोनोवायरस प्रतिक्रिया इस बहस में छाई रही।
बाइडन ने कोविड-19 प्रतिक्रिया पर ट्रंप को विफल कहा।
सैन फ्रांसिस्को, 30 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव का समय नजदीक है और फेसबुक ने कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर करीब एक लाख लोगों ने मतदानकर्मियों के रूप में साइन अप किया है। इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए लोगों को अपने राज्य चुनाव अधिकारियों के साथ साइन अप करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए फेसबुक ने हाल ही में 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए न्यूज फीड के शीर्ष पर एक संदेश दर्शाया है। इसके बाद करीब 17 लाख से अधिक लोगों ने अपने राज्य चुनाव अधिकारियों के साथ साइन अप करने के लिए फेसबुक ऐप के टॉप पर आ रहे इस संदेश पर क्लिक किया है।
इससे पहले गर्मियों में राज्य के चुनाव अधिकारियों ने मतदानकर्मियों की संख्या में भारी कमी को लेकर चेतावनी दी थी।
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, "मतदान कार्यकर्ताओं की कमी का मतलब है मतदान स्थलों पर लोगों को ज्यादा देर तक इंतजार करना पड़ सकता है, जिससे लोगों के लिए इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना मुश्किल हो जाता है, इसलिए फेसबुक इसका हिस्सा बनकर अपना योगदान दे रहा है।"
इसके अलावा कंपनी ने हर राज्य के चुनाव प्राधिकरण को मुफ्त में विज्ञापन लगाने की भी पेशकश की है ताकि वे इस प्लेटफॉर्म के जरिए मतदान कार्यकर्ताओं की भर्ती कर सके।
इस साल फेसबुक ने 40 लाख से अधिक लोगों को वोट करने के लिए पंजीकरण करने में मदद करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
वाशिंगटन, 30 सितंबर (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार दुनिया में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या 3.35 करोड़ और मृत्यु संख्या 10 लाख को पार कर गई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के नए अपडेट के मुताबिक बुधवार तक दुनिया में कुल मामलों की संख्या 3,35,60,877 और मरने वालों की संख्या बढ़कर 10,06,576 हो गई है।
दुनिया में सबसे अधिक 71,90,230 मामलों और 2,05,986 मौतों के साथ अमेरिका लगातार कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहा है। इसके बाद भारत में 61,45,291 मामलों और 96,318 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है।
मामलों की संख्या में ब्राजील दुनिया में तीसरे और मौतों की संख्या में दूसरे स्थान पर है। यहां 47,77,522 मामले और 1,42,921 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
सर्वाधिक मामलों की सूची में अन्य शीर्ष देशों में रूस (11,62,428), कोलंबिया (8,24,042), पेरू (8,08,714), स्पेन (7,48,266), मैक्सिको (7,38,163), अर्जेंटीना (7,36,609), दक्षिण अफ्रीका (6,72,572), फ्रांस (5,90,021), चिली (4,61,300), ईरान (4,53,637), यूके (4,48,729), बांग्लादेश (3,62,043), इराक (3,58,290) और सऊदी अरब (3,34,187) हैं।
वायरस के कारण जिन देशों में 10 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं, उनमें मेक्सिको (77,163), यूके (42,162), इटली (35,875), पेरू (32,324), फ्रांस (31,908), स्पेन (31,411), ईरान (25,986), कोलम्बिया (25,828), रूस (20,456), दक्षिण अफ्रीका (16,667), अर्जेंटीना (16,519), चिली (12,725), इक्वाडोर (11,312) और इंडोनेशिया (10,601) हैं।
न्यूयॉर्क, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पहली बहस में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने कोरोनावायरस को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाने पर लेते हुए उन्हें 'झूठा' कहा और एक ऐसा शख्स बताया जो कि यह 'नहीं जानता कि वह किस बारे में बात कर रहा है।' देश में 200,000 नागरिक इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडन के बीच पहली बहस मंगलवार की रात को क्लीवलैंड, ओहायो में हुई।
90 मिनट के लंबे कार्यक्रम में, कोविड-19 महामारी के लिए ट्रंप का भाषण कोविड-19 पर प्रतिक्रिया पर केंद्रित रहने वाली थी। लेकिन विवाद की शुरुआत ट्रंप द्वारा हालिया सुप्रीम कोर्ट के जज के चुनाव में अपनी पसंद एमी कोनी बैरेट को चुनने को लेकर हुई।
न्यायमूर्ति रूथ बेडर जिन्सबर्ग के निधन के बाद ट्रंप ने बैरेट को चुना, इस बात ने डेमोक्रेट्स के बीच आशंकाओं को जन्म दिया कि ट्रंप देश की सुप्रीम कोर्ट को 6-3 कंजर्वेटिव मेजोरिटी में मूव करने के लिए अपने एजेंडे के माध्यम से जोर दे रहे हैं।
ट्रंप ने बैरेट को चुनने पर कहा, "और हम बस, चुनाव जीत गए और इसलिए हमें उन्हें चुनने का अधिकार है और बहुत लोग जानबूझकर इस बारे में अन्यथा कहेंगे।"
वहीं, बाइडन ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा, "वह यहां जो कुछ कह रहे हैं, झूठ है। गलत समय पर एक गलत शख्स। "
बाइडन ने ट्रंप के कई दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह शख्स नहीं जानता कि वह किस बारे में बात कर रहा है।"
बाइडन ने कोरोनोवायरस के संभावित उपाय के रूप में ब्लीच का उपयोग करने पर ट्रंप की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनका मजाक भी उड़ाया।
ट्रंप के लिए, उनके पुन: चुनाव अभियान में यह निर्णायक क्षण तब आया है जब न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में ट्रंप के करों पर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया था। टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि, संघीय आय करों में ट्रंप ने सिर्फ 750 डॉलर का भुगतान किया। जिस वर्ष वह राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़े थे और व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में थे, ट्रंप ने पिछले 15 वर्षों में से 10 वर्ष में कोई संघीय आय करों का भुगतान नहीं किया।
पूर्व विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने नेटवर्क टेलीविजन पर कहा कि वह इस बहस को बड़ी दिलचस्पी से देख रही हैं।
फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वालेस ने इस बहस को मॉडरेट किया है, और बहस को छह भागों में विभाजित किया -- कोरोनोवायरस महामारी, सुप्रीम कोर्ट, ट्रंप और बाइडन के रिकॉर्ड, अर्थव्यवस्था, चुनाव की इंटेग्रिटी और हमारे शहरों में दौड़ और हिंसा।
ट्रंप इस बात को जोरशोर से कह रहे हैं कि वह बाइडन पर ऑल-आउट हमले की तैयारी कर रहे हैं, जैसा कि उन्होंने पहले किया। वह बताएंगे कि बाइडन और उनके बेटे हंटर बाइडन ने भ्रष्टाचार से लाभ कमाया है।
अगले महीने दो और बहस हो रही है, 15 अक्टूबर को मयामी (फ्लोरिडा) और 22 अक्टूबर को नैशविले (टेनेसी) में।
हालिया सर्वे से पता चलता है कि ट्रंप की लोकप्रियता 2016 के बाद से लुढ़क गई है। बाइडन सभी सर्वे में ट्रंप से आगे हैं, भले ही अंतर ज्यादा न हो।