अंतरराष्ट्रीय
इंडोनेशिया में सोमवार को आए 5.6 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 268 हो गयी है. इसके साथ ही 150 से ज़्यादा लोग गुमशुदा बताए जा रहे हैं.
इस भूकंप में इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है. यहां बचाव अभी भी जारी है. और राहतकर्मी भूकंप की वजह से गिरी इमारतों के मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिशें कर रहे हैं.
इसके साथ ही भूस्खलन होने की घटनाएं भी सामने आई हैं. इस क्षेत्र में भूकंप के बाद आने वाले हल्के झटके महसूस किए जा रहे हैं.
इस भूकंप का केंद्र सियांजुर कस्बे के पास था. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मंगलवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है.
उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए घरों के पुनर्निमाण में मदद करेगी. (bbc.com/hindi)
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपनी बेटी के साथ पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए हैं.
इस के साथ ही उनकी बेटी होने को लेकर लंबे समय से चली आ रही अफ़वाहों की भी पुष्टि हो गई है.
शुक्रवार को जब किम जोंग उन इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की लांच का निरीक्षण करने पहुंचे तो उनकी बेटी भी साथ थीं. माना जाता है कि उनकी बेटी का नाम किम चू आए है.
पिता और बेटी मिसाइल परीक्षण के दौरान हाथों में हाथ डाले खड़े थे. अमेरिका ने इस मिसाइल टेस्ट की आलोचना की है.
उत्तर कोरिया दुनिया के सबसे रहस्यमयी राष्ट्रों में से एक है और उसके नेता किम जोंग उन के व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी बहुत अधिक जानकारियां नहीं हैं.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार सेवा केसीएनए ने किम जोंग उन और उनकी बेटी की हाथों में हाथ डाले तस्वीरें प्रकाशित की हैं. दोनों अधिकारियों से बात करते हुए, मिसाइलों का निरीक्षण करते हुए और दर्शकदीर्घा से मिसाइल लांच को देखते नज़र आए.
शुक्रवार को उत्तर कोरिया ने अपनी सबसे शक्तिशाली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण किया जिसके बारे में माना जा रहा है कि ये अमेरिका पर निशाना लगाने में भी सक्षम है.
लेकिन उत्तर कोरिया पर नज़र रखने वाले विश्लेषकों की दिलचस्पी मिसाइल परीक्षण से ज़्यादा बेटी के साथ किम की तस्वीर में रही.
क्यों? क्योंकि ये उत्तर कोरिया की सत्ता के भविष्य और उसके परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत कुछ कहती है. या कम से कम ये कई रोचक सवाल तो खड़े करती ही है.
सबसे पहले, क्या उसे किम जोंग उन का उत्तराधिकारी चुन लिया गया है और क्या एक दिन उत्तर कोरिया की कमान उसके हाथों में होगी? ये बहुत संभव है. ये एक पारिवारिक राजवंश है. इसका मतलब ये है कि किम चाहेंगे कि उनकी कोई संतान उनके बाद देश की कमान संभाले.
दूसरे, उसे अब ही दुनिया के सामने क्यों लाया गया? वो अभी भी बहुत छोटी है. अगर वो उसे सत्ता संभालने के लिए तैयार कर रहे हैं तो क्या इसका मतलब ये है कि 38 वर्षीय किम जोंग उन किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हैं? उनकी सेहत को लेकर हमेशा से ही कयास लगाए जाते रहे हैं, और ये भी देखा गया है कि उनकी सेहत उत्तर कोरिया की सत्ता की स्थिरता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है.
तीसरे, ये उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में क्या संकेत देता है?
उसे इतने महत्वपूर्ण मिसाइल लांच के समय दुनिया के सामने लाने का एक मतलब ये भी है कि एक दिन वो उत्तर कोरिया के हथियारों के विकास में अहम भूमिका निभाएगी. हाल ही में किम जोंग उन ने कहा था कि वो किसी भी परिस्थिति में उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नहीं छोड़ेंगे.
ये उनका दुनिया को दिखाने का तरीक़ा भी है कि उनके परमाणु हथियार रहेंगे, उनके बाद की पीढ़ी भी उन्हें संभालेगी.
किम की चौथी पीढ़ी
वॉशिंगटन के स्टिमसन सेंटर से जुड़े उत्तर कोरिया विशेषज्ञ माइकल मैडेन ने बीबीसी से कहा कि उनका अनुमान है कि किम की बेटी की उम्र 12 से 13 साल के बीच होगी.
वो कहते हैं कि सार्वजनिक तौर पर बेटी को सामने लाना किम का दुनिया को ये दिखाना है कि "सत्ता की चौथी पीढ़ी मेरे ख़ून से ही आने वाली है."
सितंबर में उत्तर कोरिया पर नज़र रखने वाले कई विशेषज्ञों का कहना था कि उत्तर कोरिया के नेशनल डे समारोह के दौरान भी किम चू आए को दिखाया गया था.
लेकिन ये कयास भर ही था, और उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी.
किम के परिवार में कौन-कौन
किम की बेटी के अस्तित्व के बारे में सबसे पहले साल 2013 में पता चला था जब बॉस्केटबॉल के विवादित रिटायर खिलाड़ी डेनिस रोडमैन ने उत्तर कोरिया की यात्रा की थी.
रोडमैन ने कहा था कि उन्होंने किम के परिवार के साथ समंदर के किनारे समय बिताया है और उनकी बेटी "चू आए को गोद में उठाया है."
विशेषज्ञों का मानना है कि किम की तीन संतानें हो सकती हैं- जिनमें दो बेटियां और एक बेटा है, चू इनमें सबसे बड़ी हैं.
लेकिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपने परिवार के बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आने देते हैं और अपने परिवार को रहस्य ही बनाकर रखते हैं.
यहां तक कि शादी के काफ़ी समय बाद तक उनकी पत्नी रि सोल जू के बारे में भी जानकारियां बाहर नहीं आने दी गई थीं. (bbc.com/hindi)
फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के तीसरे मुकाबरे में सऊदी अरब की जीत की खुशी में किंग सलमान ने बुधवार को छुट्टी की घोषणा की है.
ये अवकाश, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारियों के साथ साथ सभी छात्रों के लिए है.
मंगलवार को फ़ीफ़ा विश्व कप के तीसरे मुकाबले में सऊदी अरब ने दो बार विश्व विजेता रही अर्जेंटीना की टीम को हराया.
मैच में लियोनल मेसी ने 10वें मिनट में अर्जेंटीना को बढ़त दिलाई. उन्होंने सऊदी अरब के खिलाफ पेनल्टी पर गोल किया. इस गोल के साथ अर्जेंटीना की टीम मैच में 1-0 से आगे हो गई थी.
अर्जेंटीना के लिए दूसरा गोल लोटारो मार्टिनेज ने किया, लेकिन उसे रेफरी ने खारिज कर दिया.
वहीं सऊदी अरब ने 48वें मिनट में मैच का पहला गोल किया. सऊदी अरब के लिए सालेह अलशेहरी ने गोल दागा.
53वें मिनट में सऊदी अरब के लिए सालेम अलडसारी ने दूसरा गोल किया. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 22 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (आईए-ईसीटीए) को आस्ट्रेलियाई संसद से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को उसका आभार जताया और कहा कि इससे दोनों देशों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिलेगी।
ऑस्ट्रलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए कर यह जानकारी दी कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को वहां की संसद ने मंजूरी दे दी है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘धन्यवाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस। आईए-ईसीटीए में प्रवेश का उद्योग समुदाय द्वारा जोरशोर से स्वागत किया जाएगा और इससे भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती मिलेगी।
आईए-ईसीटीए पर इसी साल दो अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (आईए-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।
समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था। (भाषा)
इस्लामाबाद, 22 नवंबर। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना के कीमती उपहारों के बारे में जानकारी छिपाने के मामले में मंगलवार को यहां एक अदालत में खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई।
तोशाखाना, एक विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है।
खान के खिलाफ कार्यवाही पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग की शिकायत पर शुरू की गई क्योंकि आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री को अपने नामांकन पत्रों में ‘‘गलत जानकारी’’ उपलब्ध कराने का दोषी पाया था।
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने जिला चुनाव आयुक्त वकास मलिक का बयान दर्ज करने के बाद खान के खिलाफ मामले की सुनवाई आठ दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। खान मंगलवार को अदालत में पेश नहीं हुए।
पिछली सुनवाई के दौरान खान को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, एक रैली में हुए जानलेवा हमले में घायल होने के बाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान (70) स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। (भाषा)
सियांजुर (इंडोनेशिया), 22 नवंबर। इंडोनेशिया के जावा द्वीप आये भूकंप से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 268 हो गई, क्योंकि ढही इमारतों के मलबों से और शव निकाले गए जबकि 151 लोग अभी भी लापता हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय आपदा राहत एजेंसी ने दी।
एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने संवाददाताओं को बताया कि सियांजुर शहर के पास सोमवार दोपहर आए 5.6 तीव्रता के भूकंप में अन्य 1,083 लोग घायल हो गए।
भूकंप से भयभीत निवासी सड़कों पर निकल आये जिनमें से कुछ खून से लथपथ थे। भूकंप के चलते ग्रामीण क्षेत्र के आसपास की इमारतें ढह गईं।
पर्तिनेम नाम की एक महिला ने बताया कि जब भूकंप का झटका महसूस होने पर वह अपने परिवार के साथ अपने घर से बाहर आ गई और उसके कुछ ही देर बाद उसका मकान ढह गया। उसने कहा, ‘‘मैं रो रही थी और मैंने तुरंत ही अपने पति और बच्चों के साथ बाहर आ गई।’’
महिला ने कहा, ‘‘यदि मैंने उन्हें बाहर नहीं निकाला होता तो हम भी अपनी जान गंवा सकते थे।’’
अधिकारियों ने बताया कि मारे गए लोगों के अलावा, 300 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और कम से कम 600 से अधिक लोगों को मामूली चोटें आईं हैं।
राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख हेनरी अल्फिआंडी ने कहा कि सियांजुर के उत्तर-पश्चिम स्थित सिजेडिल गांव में भूकंप से भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कई घर ढह गए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे कई बिंदुओं पर अभियान आगे बढ़ा रहे हैं, जहां संदेह है कि अभी भी हताहत लोग हो सकते हैं। हमारी टीम दूर-दराज के इलाकों में भी पहुंचने की कोशिश कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए, सभी पीड़ित प्राथमिकता हैं, हमारा लक्ष्य उन्हें ढूंढना और उन्हें जल्द से जल्द निकालकर उनका जीवन बचाना और चिकित्सकीय सहायता प्रदान करना है।’’
अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है। मरीज बाहर लगे टेंट में स्ट्रेचर पर लेटे हुए आगे के उपचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पश्चिम जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने कहा कि मृतकों में से कई पब्लिक स्कूल के छात्र हैं जो दिन की अपनी कक्षाएं समाप्त करने के बाद मदरसों में अतिरिक्त कक्षाएं ले रहे थे।
शुरुआत में क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों, बिजली की आपूर्ति बाधित होने और भारी कंक्रीट मलबे को हटाने के लिए बड़े उपकरणों की कमी के कारण बचाव कार्य बाधित हुआ। मंगलवार तक, बिजली आपूर्ति और संचार व्यवस्था में सुधार शुरू हुआ।
सार्वजनिक कार्य एवं आवास विभाग के प्रवक्ता एंड्रा अत्मविदजाज ने कहा कि बचाव अभियान सियांजुर में लगभग एक दर्जन स्थानों पर केंद्रित है, जहां अभी भी लोगों के फंसे होने की आशंका है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं।’’ अत्मविदजाज ने कहा कि सात उत्खनन और 10 बड़े ट्रक पड़ोसी बांडुंग और बोगोर शहरों से तैनात किए गए है ताकि सड़कों से टूटे पेड़ और मिट्टी को हटाया जा सके।
जकार्ता से भोजन, तंबू, कंबल और अन्य सामान ले जाने वाले मालवाहक ट्रक अस्थायी आश्रयों में मंगलवार तड़के पहुंचे। फिर भी हजारों लोगों ने भूकंप के बाद के झटकों के भय से रात खुले में गुजारी।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मंगलवार को सियांजुर का दौरा किया और लोगों को जरूरतमंदों तक सरकार द्वारा मदद पहुंचाये जाने का भरोसा दिया।
इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को आए भीषण भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण कई मकान गिर गए हैं।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने कहा कि 5.4 तीव्रता का भूकंप पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में केंद्रित था।
इंडोनेशिया की मौसम एवं जलवायु विज्ञान और भूभौतिकीय एजेंसी के मुताबिक, भूकंप आने के बाद 25 झटके और दर्ज किए गए।
विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र में अक्सर भूकंप आते हैं, लेकिन जकार्ता में उन्हें महसूस करना असामान्य है। इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से अधिक है और यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट तथा सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है। (एपी)
अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 22 नवंबर | बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अब यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या अमेरिका में अगले राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों से भारतीय मूल की महिलाएं ही ताल ठोकेंगी?
इस संभावना को तब और बल मिल गया जब एक सिख अप्रवासी की बेटी और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने चुनाव लड़ने का संकेत दिया। उधर, डेमक्रेटिक के उम्मीदवार के रूप में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के लिए चुनाव में खड़े होने का रास्ता, 80 साल के जो बाइडेन के फैसले पर निर्भर करता है कि वह दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ेंगे कि नहीं।
हालांकि अब तक बाइडेन ने यही कहा है कि वह दूसरे कार्यकाल के लिए भी तैयार हैं, लेकिन इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम फैसला अगले साल की शुरुआत में अपने परिवार के साथ बैठ कर करेंगे।
अमेरिकी कैबिनेट में सेवा करने वाली भारतीय-अमेरिकी मूल की हेली ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के लिए गंभीरता से विचार कर रही हैं। जल्द ही इस बारे में और बताएंगी।
हेली ने कहा, मैंने कठिन चुनाव जीते हैं। मैं हर बार अंडरडॉग रही हूं। लेकिन जब लोग मुझे कम आंकते हैं, तो यह मजेदार होता है। लेकिन मैं कभी कोई चुनाव नहीं हारी हूं और अब मैं आगे की राह के लिए तैयार हूं।
यह बात उन्होंने लास वेगस, नेवादा में रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन (आरजेसी) की एक बैठक में कही, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति पद की होड़ में शामिल होने की घोषणा के बाद पहली बड़ी रिपब्लिकन राजनीतिक सभा थी।
बैठक को ट्रम्प ने भी संबोधित किया। इस मौके पर फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस, टेक्सस के सीनेटर टेड क्रूज और पूर्व राज्य सचिव माइक पोम्पिओ व अन्य ने भी अपनी बात कही।
संयुक्त राष्ट्र में देश की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में दो वर्ष की सेवा के बाद पद से इस्तीफा देकर हेली ने पार्टी में अपना आधार बनाने की शुरुआत की।
उन्होंने एक राजनीतिक कार्रवाई समिति स्टैंड फॉर अमेरिका की स्थापना की, जिसने 8 नवंबर के मध्यावधि चुनाव में 60 उम्मीदवारों का समर्थन किया और उसके लिए 10 मिलियन डॉलर खर्च किए।
देश के एक छोटे से ग्रामीण दक्षिणी शहर में पली-बढ़ी हेली ने भारत से अपने परिवार के अमेरिका आने पर गर्व व्यक्त करते हुए हैरिस पर कटाक्ष किया, जिनकी राजनीति में पहली पहचान अफ्रीकी-अमेरिकी है।
हेली ने हैरिस पर अमेरिकियों के बीच आत्म-घृणा को बढ़ावा देने वालों के साथ होने का आरोप लगाया और अपने स्वयं के परिवार के अनुभव का हवाला देते हुए कहा, उनके पास हमें बताने के लिए कठोरता है, अमेरिका नस्लवादी है।
ट्रम्प के मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले हेली दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर थीं, साथी-रिपब्लिकन बॉबी जिंदल के बाद पद संभालने वाली वह भारतीय मूल की दूसरी शख्स थीं।
हेली ने कहा, बहुत से लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मैं राष्ट्रपति के चुनाव में शामिल होने जा रही हूं। अब जब मध्यावधि समाप्त हो गई है, तो मैं इस पर गंभीरता से विचार करूंगी। जल्द ही इस संबंध में और कुछ बतांऊगी।
उन्होंने कहा, अगर मैं और मेरा परिवार इस संबंध में कोई फैसला करता है, तो हम इसे हासिल करने के लिए एक हजार प्रतिशत प्रयास करूंगी और इसे पूरा करेंगे।
ट्रम्प द्वारा खत्म किए गए ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बाइडेन के प्रयास की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, देश के अगले राष्ट्रपति पद ग्रहण के पहले दिन इसे समझौते को समाप्त कर देंगे।
उन्होंने हैरिस ने अभियान के शुरूआती चरणों में बाहर होने से पहले 2020 के राष्ट्रपति पद के लिए हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनना चाहती थीं, लेकिन शुरुआती चरणों में पिछड़ने के बाद आखिरकार बाइडेन ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना।
उनकी किस्मत बाइडेन से जुड़ी है। अब फिर से डेमाक्रेट की तरफ से उनकी उम्मीदवारी इस बात पर निर्भर करेगी कि बाइडेन दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ते हैं या नहीं।
सीएनएन के एक सर्वेक्षण से पता चला कि देश के 67 लोग नहीं चाहते कि बाइडेन फिर से चुनाव लड़ें, हालांकि 83 प्रतिशत डेमोक्रेट उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए पसंद करते हैं।
देश के सबसे बुजर्ग राष्ट्रपति 80 वर्षीय बाइडेन सार्वजनिक रूप से कमला हैरिस का नाम राष्ट्रपति पद के लिए लेने या खेरसॉन को यूक्रेन व इराक के साथ फालुजा को मिलाने की बात कहते हुए झिझकते हैं। राष्ट्रपति पद के रूप में दूसरे कार्यकाल को संभालने की उनकी क्षमता के बारे में कई सवाल उठते हैं।
अपनी पार्टी में संदेह करने वालों को आवाज देते हुए डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि डीन फिलिप्स ने कहा, मुझे लगता है कि नई पीढ़ी के सम्मोहक, अच्छी तरह से तैयार और गतिशील डेमोक्रेट देश को आगे बढ़ा सकते हैं।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा है, विशेष रूप से बाइडेन द्वारा सौंपे गए अवैध आप्रवासन को रोकने में विफल होने के कारण।
लेकिन मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेट्स के आश्चर्यजनक रूप से मजबूत प्रदर्शन के बाद पार्टी के भीतर बाइडेन का समर्थन बढ़ गया है, जिसे उनके और ट्रम्प पर जनमत संग्रह के रूप में देखा गया था।
ऐसे में हैरिस को राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी की ओर से नामांकन में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
यदि हेली दौड़ में भाग लेने का फैसला करती हैं तो उनके लिए आगे राह और भी कठिन होगा।
2024 के चुनाव के लिए रिपब्लिकन नामांकन के बारे में किए गए सर्वेक्षण में हेली को केवल 2 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला, जबकि ट्रम्प को 47.3 प्रतिशत और डेसेंटिस को 29 प्रतिशत लोगों ने समर्थन दिया।
हेली अभी केवल 50 साल की हैं और अगर वह 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए नहीं भी खड़ी होती हैं तब भी भविष्य में उनके लिए अवसर खुला रहेगा।
वह उप राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी की ओर से नामांकन हासिल कर सकती हैं।
आरजेसी की बैठक में अप्रत्यक्ष रूप से ट्रम्प की आलोचना की, हालांकि बाद में उन्होंने सुधार करने की कोशिश की और कहा, मैं असहमत हूं कि हमारा नुकसान एक व्यक्ति के कारण हुआ।
ट्रंप के साथ उनके बेहद कमजोर रिश्ते रहे हैं।
पिछले चुनाव में उन्होंने पार्टी के नामांकन के लिए पहले अपने प्रतिद्वंद्वी फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो का समर्थन किया, लेकिन बाद में वह ट्रम्प से पीछे हो गए और ट्रम्प ने उन्हें कैबिनेट के लिए चुना।
ट्रम्प की उनकी आलोचना ने उन्हें पूर्व राष्ट्रपति के विरोध में रिपब्लिकन के लिए एक विकल्प बना दिया है।
उन्होंने रविवार को कहा, हमें ऐसे उम्मीदवारों को चुनना होगा जो न केवल प्राथमिक बल्कि आम चुनाव भी जीत सकते हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।
6 जनवरी, 2021 को ट्रम्प के समर्थकों द्वारा संसद पर हमले के बाद दूसरे दिन उन्होंने पार्टी की एक बैठक में कहा, कल उनके शब्द सही नहीं थे और यह सिर्फ उनके शब्द नहीं थे। चुनाव के दिन से उसके कार्य को कठोर रूप से आंका जाए।
अपने रविवार के भाषण में हेली ने बार-बार कहा कि हमें अल्पसंख्यकों हिस्पैनिक्स, एशियाई, अफ्रीकी अमेरिकियों और यहूदियों तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता भारत से अपनी जेब में 8 डॉलर लेकर आए और यहां सफलता हासिल किए।
उनके पिता अजीत सिंह रंधावा प्रोफेसर बने, जबकि उनकी मां राज कौर रंधावा एक सफल व्यवसायी बनीं। (आईएएनएस)|
ऑस्ट्रेलिया, 22 नवंबर । ऑस्ट्रेलिया की पुलिस तीस सालों तक महिलाओं को डराने वाले 'सीरियल रेपिस्ट' की पहचान करने में सफल हो गयी है.
पुलिस का दावा है कि कीथ सिम्स नामक इस शख़्स ने अब से लगभग चालीस साल पहले पहली बार किसी महिला को अपना शिकार बनाया. इस शख़्स ने 1985 से 2001 के बीच घर में घुसकर या चहलकदमी करते हुए 31 महिलाओं को अपना शिकार बनाया था.
अब तक जांचकर्ता ये मानकर चल रहे थे कि इन बलात्कारों को अलग-अलग शख़्सों ने अंजाम दिया था.
लेकिन डीएनए तकनीक की मदद से जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इन सभी अपराधों के लिए कीथ सिम्स ज़िम्मेदार है. सिम्स की इस साल फरवरी में 66 वर्ष की उम्र में मृत्यु चुकी है.
ट्रेकसूट रेपिस्ट से लेकर बॉंदी बीस्ट जैसे तमाम नामों से कुख़्यात रहे सिम्स ने पहली बार 1985 में समुद्रतटीय उपनगर क्लोवली में एक महिला को अपना शिकार बनाया था. इसके बाद 2001 में उन्होंने एक कब्रिस्तान में आख़िरी बार किसी महिला को अपना शिकार बनाया था.
इन मामलों की अलग-अलग ढंग से जांच की गयी थी लेकिन पुलिस ने 2000 के दशक में इन्हें जोड़ना शुरू किया. बारह पीड़िताओं से मिला डीएनए एक समान था और शेष 19 मामलों में हमलावर का तरीका एक जैसा था.
लगभग 14 से 55 उम्र वर्ग वाली पीड़िताओं ने अपने ऊपर हमला करने वाले शख़्स के चेहरे-मोहरे के बारे में जो जानकारी दी थी, वह एक दूसरे से काफ़ी मिलती जुलती थी.
इस शख़्स की लंबाई 160 से 180 सेंटीमीटर के बीच थी. त्वचा का रंग काला, आंखों का रंग भूरा और चौड़ी नाक थी.
ये शख़्स अपना चेहरा ढककर रखता था और आरामदायक कपड़े जैसे ट्रैक सूट, हुडी और फुटबॉल शॉर्ट्स पहनना था.
ये शख़्स अपनी पीड़िताओं को चाकू से धमकाता था या उन्हें ये यकीन दिलाने की कोशिश करता था कि उसके पास चाकू है.
जांचकर्ताओं को साल 2019 में एक बड़ी कामयाबी मिली जब उन्हें पुलिस डेटाबेस में एक ऐसा डीएनए सैंपल मिला जिसकी मदद से जांच का दायरा 324 लोगों से घटकर काफ़ी कम रह गया.
बीती सितंबर में सिम्स से मिले एक सैंपल का मिलान उन सैंपलों से हो गया जो पीड़िताओं से हासिल किए गए थे.
हालांकि, स्थानीय ख़बरों में सिम्स को एक अच्छे पिता, बाबा और समुदाय के सदस्य के रूप में बयां किया गया था. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान में सैकड़ों ट्रांसजेंडर ऐक्टिविस्ट और उनके समर्थक बराबरी के अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें "तीसरे जेंडर" का दर्जा दे दिए जाने के बावजूद उन पर होने वाले हमले बढ़ गए हैं.
कराची में रविवार 20 नवंबर को सैकड़ों ट्रांसजेंडर ऐक्टिविस्टों और उनके समर्थकों ने बराबरी के अधिकारों की मांग करने और समुदाय के खिलाफ भेदभाव को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और हाथों में पोस्टर लेकर गीत गाए. इन पोस्टरों पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए अधिकारों की मांगें लिखी हुई थीं. एक प्रमुख नारा था "महिलाएं, जीवन, आजादी", जो ईरान में महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शनों का नारा है.
प्रदर्शन के आयोजक शहजादी राय ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "समय आ गया है कि हम लोगों को बताएं कि हम कौन हैं और हमारी क्या मांगें हैं. हम इंसान हैं और हमारे पास भी औरों के ही जैसा दिल है, जज्बात हैं."
समाज के हाशिए पर
लोकप्रिय पाकिस्तानी शास्त्रीय नृत्यांगना शीमा किरमानी ने कहा, "हमारा लिंग कोई भी हो...हमें एक जैसे अधिकार मिलने चाहिए." प्रदर्शन में भाग लेने वालों ने जोशीले भाषण दिए, डांस किया और हिंसा के शिकार हो चुके ट्रांसजेंडर लोगों के लिए सांकेतिक जनाजा भी निकाला.
इस प्रदर्शन का ऐसे समय में आयोजन किया गया जब पाकिस्तान में हाल में ही सिनेमाघरों में आई ट्रांसजेंडरों पर एक फिल्म चर्चा में है. फिल्म "जॉयलैंड" एक शादीशुदा व्यक्ति और एक ट्रांसजेंडर महिला के बीच प्रेम संबंध के बारे में है.
कुछ इस्लामी समूहों की शिकायत के बाद फिल्म पर बैन लगा दिया गया था, लेकिन बैन के खिलाफ विरोध के बाद उसे हटा लिया गया.
दक्षिण एशिया में एक समृद्ध इतिहास के बावजूद पाकिस्तान में अधिकांश ट्रांसजेंडर समाज के हाशिए पर रहने को मजबूर हैं. मजबूरी में इन्हें अक्सर या तो भीख मांग कर गुजारा करना पड़ता है, या शादियों में नाच कर या वेश्यावृत्ति कर.
संरक्षण के बावजूद खतरा
ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ भेदभाव की वजह से अक्सर कथित ऑनर किलिंग, बलात्कार और अन्य हिंसक अपराध होते हैं. ऐमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि अक्टूबर 2021 से लेकर अभी तक पाकिस्तान में 18 ट्रांसजेंडर लोगों की हत्या भी कर दी गई है. 2012 में देश के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर लोगों को "तीसरे जेंडर" के रूप में कानूनी मान्यता भी दे दी थी.
उसके बाद काफी संघर्ष के बाद 2018 में देश में ऐतिहासिक कानून के तहत उन्हें मतदान का अधिकार, रोजगार में बराबर अवसर का अधिकार और राष्ट्रीय पहचान पत्र पर अपना लिंग इंगित कराने का अधिकार मिला.
लेकिन उस कानून पर अब खतरा मंडरा रहा है. कुछ सांसद और दक्षिणपंथी मजहबी पार्टियां कह रही हैं कि कानून पश्चिमी मूल्यों के अतिक्रमण का संकेत है और समलैंगिकता को बढ़ावा देता है.
कराची में हुए प्रदर्शन में हिस्सा ले रही एक ट्रांस महिला जरिश खानजादी ने एएफपी को बताया, "ट्रांसजेंडरों को स्वीकार करने के प्रति माहौल बना था लेकिन धार्मिक पार्टियों ने सिर्फ सीटें हासिल करने के लिए इस कानून को अपने राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बना लिया और हमारी लैंगिक पहचान के सम्मान को कमजोर कर दिया."
सीके/एए (एएफपी)
कार के आकार का कछुआ. इतना बड़ा कछुआ इंसान ने तो नहीं देखा है लेकिन 8.3 करोड़ साल पहले यानी जब धरती पर डायनासोर हुआ करते थे तब इतने बड़े आकार के कछुए भी थे. इसका पता वैज्ञानिकों को अभी चला है जब स्पेन में उसके अवशेष मिले.
स्पेन में शोधकर्ताओं को एक कछुए के अवशेष मिले हैं. अवशेष दिखाते हैं कि यह कछुआ एक छोटी कार के आकार का रहा होगा. शोधकर्ताओं ने बताया है कि उत्तरी स्पेन में मिला यह कछुआ 12 फुट लंबा होगा. उसका वजन दो टन से कुछ कम रहा होगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कछुआ क्रेटेसियस युग में जीवित था. यह वो युग था जबकि डायनासोर युग का अंतिम चरण चल रहा था. यूरोप में अब तक का यह सबसे बड़ा कछुआ है.
इस वक्त पृथ्वी पर जो सबसे बड़ा कछुआ जीवित है, उसे लेदरबैक कछुआ कहते हैं. उसकी लंबाई सात फुट तक हो सकती है. उत्तरी स्पेन में जो अवशेष मिले हैं, उस कछुए को वैज्ञानिकों ने लेवियाथानोचेलिस नाम दिया है. लेवियाथानोचेलिस विशालतम ज्ञात कछुए से कुछ ही छोटा है.
दूसरा सबसे बड़ा कछुआ
विश्व इतिहास का सबसे बड़ा कछुआ आर्चेलोन था, जो सात करोड़ साल पहले पृथ्वी पर रहता था. यह कछुआ 15 फुट लंबा था. इस शोध में शामिल रहे जीवविज्ञानी एल्बर्ट सेलेस कहते हैं कि लेवियाथानोचेलिस मिनी कूपर जितना लंबा था जबकि आर्चेलोन टोयोटा कोरोला जितना. सेलेस बार्सिलोना विश्वविद्यालय के पेलियंथोलॉजी इंस्टिट्यूट में पढ़ाते हैं. वह बताते हैं कि जिस युग में लेवियाथानोचेलिस जीवित था, उस दौर में इतना विशाल होना काफी सहूलियत भरा रहा होगा क्योंकि जिस प्राचीन टेथीस सागर में वह तैरता था, वहां जानवरों की भारी भीड़ रहती थी.
टेथीस सागर में मोजासॉरस नामक विशालकाय जीव होते थे जिनकी लंबाई 50 फुट तक हो सकती थी. वे सबसे बड़े शिकारी जीव थे और बेहद खतरनाक होते थे. इसके अलावा कई तरह की शार्क मछलियां और लंबी गर्दन वाले मत्स्याहारी (मछली खाने वाले मांसाहारी) जीव भी लेवियाथानोचेलिस के लिए बड़ा खतरा होते थे.
क्यों बढ़ा आकार?
इस रिसर्च रिपोर्ट के मुख्य लेखक पोस्ट ग्रैजुशन के छात्र ऑस्कर कास्टिलो हैं जो बार्सिलोना विश्वविद्यालय में पेलियंथोलॉजी पढ़ रहे हैं. वह कहते हैं, ''महासागरीय जीवन के संदर्भ में लेवियाथानोचेलिस के आकार के किसी प्राणी पर हमला करना विशालतम शिकारियों द्वारा ही संभव हो पाता होगा. उस वक्त यूरोपीय इलाके में ऐसे विशाल शिकारी मोजारस और शार्क ही थे.''
कास्टिलो की यह खोज साइंटिफिक रिपोर्ट्स नाम की विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित हुई है. वह बताते हैं, ''क्रेटासियस युग में महासागरीय कछुओं में अपने शरीर का आकार बढ़ाने की प्रवृत्ति थी. लेवियाथानोचेलिस और आर्चेलोन इस प्रक्रिया के सबसे सटीक उदाहरण कहे जा सकते हैं. ऐसा माना जा सकता है कि अपने आसपास के विशालकाय शिकारी जीवों से बचने के लिए ऐसा होता होगा.''
वीके/ एनआर (रॉयटर्स)
बीजिंग, 22 नवंबर | चीन के हेनान प्रांत में एक संयंत्र में आग लगने से 36 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हैं। स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आग शाम 4.22 बजे लगी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को आन्यांग शहर के वेनफेंग जिले में एक वाणिज्य और व्यापार कंपनी के संयंत्र में।
सोमवार को शहर के प्रचार विभाग के अनुसार दमकल ने रात करीब 11 बजे आग बुझाई।
मामूली रूप से घायल हुए दो लोगों को अस्पताल भेजा गया है और उनकी हालत स्थिर है। (आईएएनएस)|
इंडोनेशिया के जावा द्वीप में सोमवार को 5.6 तीव्रता का भूकंप आने के बाद से बचाव अभियान जारी है.
इस प्राकृतिक आपदा की वजह से अब तक कम से कम 162 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही सैकड़ों लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है.
बचाव अभियान में लगे राहतकर्मी पूरी रात पीड़ितों को मलबे से बाहर निकालने में लगे रहे. बचाव अभियान अभी भी जारी है.
क्षेत्रीय गवर्नर रिज़वान कामिल ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि भूकंप में लगभग 326 लोग घायल हुए हैं.
इनमें से ज़्यादातर लोगों को मलबे में फंसने की वजह से चोटें आई हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दूरस्थ स्थानों में कुछ लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं.
इसके साथ ही बीएनपीबी (आपदा प्रबंधन एजेंसी) ने कहा है कि भूकंप में 2200 घरों को नुकसान पहुंचा है और 13000 से ज़्यादा लोग बेघर हो गए हैं. (bbc.com/hindi)
मेडेलिन, 21 नवंबर। कोलंबिया के मेडेलिन शहर के पड़ोस में सोमवार को एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार आठ लोगों की मौत हो गयी। हवाईअड्डा के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
कोलंबिया के उड्डयन अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि ओलाया हेरेरा हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मृतकों की पहचान छह यात्रियों और चालक दल के दो सदस्यों के रूप में हुई है। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका है कि विमान में आठ से अधिक लोग सवार थे या नहीं। (एपी)
(शिरीष बी. प्रधान)
काठमांडू, 22 नवंबर। नेपाल में हुए संसदीय चुनाव में नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने अभी तक प्रतिनिधि सभा की तीन सीट पर जीत हासिल की है, जबकि सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) के खाते में एक सीट गई है।
हिमालयी देश में प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतों की विधानसभाओं के लिए गत रविवार को मतदान हुआ था। मतों की गिनती सोमवार को शुरू की गई।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस ने काठमांडू जिले में अपना खाता खोल लिया है। पार्टी प्रत्याशी प्रकाश मान सिंह ने काठमांडू-1 निर्वाचन क्षेत्र पर जीत दर्ज कर ली है। सिंह को कुल 7,140 वोट मिली, जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी एवं राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उम्मीदवार रविंद्र मिश्रा ने 7,011 मत हासिल किए।
सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने मनाग जिले में भी एक सीट जीती है। पार्टी उम्मीदवार टेक बहादुर गुरुंग को यहां उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पाल्डेन गुरुंग के 2,247 वोटों के मुकाबले 2,547 मत मिले हैं।
नेपाली कांग्रेस मस्तंग निर्वाचन क्षेत्र में भी खाता खोलने में कामयाब रही। पार्टी के उम्मीदवार योगेंद्र ठकाली ने यहां जीत दर्ज की है।
वहीं, ललितपुर-2 निर्वाचन क्षेत्र में सीपीएन-यूएमएल ने जीत दर्ज की है।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, पार्टी उम्मीदवार प्रेम बहादुर महारजन इस क्षेत्र से प्रतिनिधि सभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। (भाषा)
इंडोनेशिया के पश्चिमी जावा प्रांत में सोमवार को आए भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 162 हो गई है.
पश्चिम जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने स्थानीय मीडिया से 162 लोगों की मौत और 700 से अधिक घायल लोगों की पुष्टि की है.
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि भूकंप, घनी आबादी वाले क्षेत्र में आया है.
यूएसजीएस के मुताबिक़, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.6 आंकी गयी है. ख़बरों के मुताबिक़ भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता से 100 किलोमीटर दूर सियांजुर है.
बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है. अस्पतालों में जगह की कमी महसूस की जा रही है और बहुत से लोगों का इलाज बाहर किया जा रहा है.
माना जा रहा है कि बहुत से लोग अभी भी ढह गई इमारतों के मलबे में दबे हो सकते हैं. इसलिए राहत कर्मी रात में भी बचाव अभियान में लगे हुए हैं.
अधिकारियों का कहना है कि जिस इलाके में भूकंप आया है, वहां भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है और मकानों की गुणवत्ता खराब है. भूकंप के झटके में ये मकान मलबे में तब्दील हो गए होंगे.
'ज़्यादातर घायलों को फ्रैक्चर हुआ है'
गवर्नर रिदवान कामिल ने बताया कि भूकंप प्रभावित कुछ क्षेत्रों से भूस्खलन के कारण संपर्क टूट गया है और वहां बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं.
इससे पहले सियांजुर शहर के प्रशासन के प्रमुख हर्मन सुहेरमान ने कहा था कि इमारतों के मलबे से निकाले गए ज़्यादातर घायलों को फ्रैक्चर हुआ है.
हर्मन सुहेरमान ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया था, "गांवों से लगातार एम्बुलैंस अस्पताल आ रहे हैं. गांवों में अभी बहुत से परिवार ऐसे हैं, जो अभी भी फंसे हुए हैं."
नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी ने बताया है कि सियांजुर शहर की दर्जनों इमारतें ढह गई हैं. इसमें एक अस्पताल और एक मदरसे का हॉस्टल भी शामिल है.
सियांजुर शहर से सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित जकार्ता शहर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. जकार्ता में एहतियात के तौर पर ऊंची इमारतों से लोगों को बाहर निकाल लिया गया था.
आपदा राहत एजेंसी ने बताया कि भूकंप स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 1:21 बजे आया. उस वक़्त दफ़्तरों में काम कर रहे लोग बाहर निकल आए थे.
ऑफ़िस से बाहर निकलने वाली एक वकील मायादिता वालुयो ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, "मैं उस वक़्त काम कर रही थी और मुझे लगा कि मेरे पैरों तले ज़मीन खिसकने लगी. मैंने कोशिश की कि कुछ न करूं, लेकिन भूकंप के झटके लगातार मजबूत होते गए और ये कुछ देर के लिए चलता रहा."
अहमद रिदवान नामके एक कर्मचारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हमें जकार्ता में भूकंप की आदत पड़ चुकी थी लेकिन इस बार लोग बहुत नर्वस थे. इसलिए हम पैनिक हो गए."
इंडोनेशिया में भूकंप के आने को एक आम घटना की तरह देखा जाता है. प्रशांत क्षेत्र की भूगर्भीय गतिविधियों के लिहाज ये 'रिंग ऑफ़ फ़ायर' के ठीक ऊपर बसा देश है.
साल 2018 में इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी की घटना हुई थी जिसमें दो हज़ार से अधिक लोग मारे गए थे. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को ख़रीदने को बाद से कई नए प्रयोग कर रहे हैं.
अब वे ट्विटर पर वेरिफ़ाई अकांउट के साथ जुड़ने वाले ब्लू टिक की रिलॉन्चिंग को कुछ वक़्त के लिए रोक रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि जब तक कंपनी को इस फीचर के दुरुपयोग को रोकने के बारे में आत्मविश्वास नहीं आ जाता, इसे रोका जा रहा है.
मस्क ने ये भी कहा है कि वो वेरिफ़ाई अकांउट के साथ दिखने वाले इस चिह्न का रंग भी बदल सकते हैं.
ट्विटर को ख़रीदने के बाद से ही मस्क कंपनी के बारे में कई बड़ी घोषणाएं ट्वीट्स के ज़रिए करते रहे हैं.
बीते दिनों उन्होंने ब्लू टिक के लिए आठ डॉलर लेने की घोषणा की थी. उसके बाद कई ट्विटर हैंडलों ने फ़र्ज़ी नाम से ख़ुद को वेरिफ़ाई करवा लिया था.
इस वजह से ट्विटर को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. यही वजह है कि इस फ़ीचर को फ़िलहाल रोक दिया गया है.
मस्क ने आज सुबह एक और ट्वीट कर जानकारी दी है कि तमाम क़यासों के बीच सोशल मीडिया साइट पर यूज़र्स की मौजूदगी बढ़ी है.
उन्होंने लिखा है कि बीते हफ़्ते ट्विटर ने हर दिन 16 लाख एक्टिव यूज़र्स जोड़े हैं और ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. (bbc.com/hindi)
चीन, 21 नवंबर । फिलीपींस ने चीन पर उसकी समुद्री क्षेत्र से तैरते हुए मलबे को इकट्ठा करने का आरोप लगाया है. ऐसा माना जा रहा है कि ये किसी रॉकेट का मलबा है.
फिलीपींस की नौसेना के वाइस एडमिरल अल्बर्टो कार्लोस ने कहा कि एक चीनी जहाज़ ने दो बार उनके रास्ते में रुकावट पैदा की.
चीनी अधिकारियों ने अभी तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है.
वाइस एडमिरल अल्बर्टो का कहना है कि ये कचरा सबसे पहले रविवार को फिलीपींस शासित पगासा आइलैंड में दिखाई दिया था.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने धातु जैसा दिखना वाला कचरा देखा, जब वे इस कचरे को वापिस खींच रहे थे तभी चीनी जहाज ने आकर रुकावट पैदा की.
अल्बर्टो ने बताया कि कचरे को खींचने के लिए जो लाइन फिलीपींस की बोट से जुड़ी थी उसे चीनी जहाज ने काटकर जबरदस्ती कचरे को वापस ले लिया.
इस महीने की शुरुआत में, पश्चिमी पालावान में बुसुंगा द्वीप और पश्चिमी मिंडोरो प्रांत के कैलिंटान शहर में भी इसी तरह का कचरा मिला था.
अधिकारियों का मानना था कि ये कचरा चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के हिस्से हो सकते हैं. (bbc.com/hindi)
इंडोनेशिया, 21 नवंबर । इंडोनेशिया में सोमवार को पश्चिमी जावा प्रांत में भूकंप आने से कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है.
इसके साथ ही 300 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से ये बात की है.
यूएसजीएस के मुताबिक़, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.4 आंकी गयी है.
ख़बरों के मुताबिक़ भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता से 100 किलोमीटर दूर सियांजुर है.
विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा है. (bbc.com/hindi)
खींचतान तो बहुत हुई लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा मार झेल रहे देश शर्म अल शेख से अच्छी खबर लेकर गये. वहीं कार्बन उत्सर्जन के मुद्दे पर कई लोग निराश हैं.
डॉयचे वैले पर अशोक कुमार की रिपोर्ट-
मिस्र में 27वां जलवायु सम्मेलन रविवार तड़के 'लॉस एंड डैमेज' डील के साथ संपन्न हुआ. लंबे समय से विकासशील और गरीब देश मांग कर रहे थे कि उन्हें जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाए. इसी के इर्द गिर्द 'लॉस एंड डेमेज' की पूरी बहस चल रही थी. इसके तहत पांरपरिक तौर पर कार्बन उत्सर्जन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार देशों को यह मदद मुहैया करानी होगी. इस मुद्दे पर इतने मतभेद थे कि शुक्रवार को खत्म होने वाले सम्मेलन को एक दिन आगे बढ़ाना पड़ा और रविवार तड़के जाकर डील पर सहमति बनी. इसके तहत एक 'लॉस एंड डैमेज' फंड बनाया जाएगा.
डील में पृथ्वी के तापमान में होने वाली वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस की सीमा में रखने की उम्मीदों को जिंदा रखा गया है लेकिन उत्सर्जन में कटौती के नए लक्ष्य तय नहीं किए गए हैं और ना ही जीवाश्म ईंधनों को नियंत्रित करने पर कोई नया समझौता हुआ है.
जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने कहा कि जलवायु सम्मेलन का जो नतीजा निकला है, इसमें आशा भी झलकती है और हताशा भी. उन्होंने 'लॉस एंड डेमेज' डील को जलवायु न्याय के लिए बड़ी कामयाबी बताया, लेकिन यह भी कहा कि पृथ्वी के तापमान में होने वाली वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
मील का पत्थर
पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इस डील को दशकों पुराने संघर्ष के बाद पहला सकारात्मक 'मील का पत्थर' बताया है. जलवायु परिवर्तन का खतरा झेल रहे 55 देशों की तरफ से पेश एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दो दशक में बदलते मौसम की वजह से उनका जो नुकसान हुआ है, वो 525 अरब डॉलर के आसपास है. कुछ रिसर्चरों का कहना है कि 2030 तक यह नुकसान प्रति वर्ष 580 अरब डॉलर हो सकता है.
यही वजह है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ की लॉस एंड डैमेज के मुद्दे पर आपत्ति थी. उन्हें डर था कि यह देनदारियां बढ़ती ही जायेगी. हालांकि शर्म अल शेख के जलवायु सम्मेलन में उन्होंने अपना रुख बदल लिया. यूरोपीय संघ की दलील है कि चीन अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अभी कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों में सबसे ऊपर है, इसलिए उसे भी इस फंड में योगदान देना चाहिए. हालांकि चीन ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है. चीन के मुताबिक उसका प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अब भी कम है और हाल तक समूचे कार्बन उत्सर्जन में उसका योगदान काफी कम रहा है.
पृथ्वी 'इमरजेंसी रूम में'
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा है कि शर्म अल शेख में हुई वार्ता में लॉस एंड डेमेज फंड के जरिए न्याय की तरफ एक अहम कदम बढ़ाया गया है, हालांकि उनके मुताबिक कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य पर इस सम्मेलन में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा, "हमारा ग्रह अब भी इमरजेंसी रूम में है. हमें कार्बन उत्सर्जन में बहुत बड़ी कटौती करनी होगी और यह ऐसा मुद्दा है जिस पर इस जलवायु सम्मेलन में ध्यान नहीं दिया गया." ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी कहा है, "और ज्यादा काम करने की जरूरत है."
पृथ्वी का तापमान औद्योगीकरण से पहले स्तर के मुकाबले अब तक 1.2 डिग्री बढ़ गया है और दुनिया पहले ही जलवायु परिवर्तन की तबाहियों का गवाह बन रही है. इसीलिए वैज्ञानिक जोर दे रहे हैं कि इस सदी के आखिर तक तापमान में यह वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए दुनिया को बड़े पैमाने पर उत्सर्जन में कटौती करनी होगी. अभी जिस पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन बढ़ाने वाले जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल हो रहा है, उसे देखते हुए अगले दस साल में ही 1.5 डिग्री की सीमा पार हो सकती है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने ट्वीट कर कहा, "लॉस एंड डेमेज के लिए फंड बहुत जरूरी है, लेकिन अगर जलवायु संकट ने किसी छोटे द्वीपीय देश को नक्शे से मिटा दिया या किसी पूरे अफ्रीकी देश को रेगिस्तान में बदल दिया तो यह फंड उसका जवाब नहीं है." उन्होंने कहा है कि जलवायु महत्वकांक्षा के मुद्दे पर दुनिया को बहुत बड़ी छलांग लगाने की जरूरत है. (dw.com)
एक युद्ध निगरानी एजेंसी का कहना है कि तुर्की ने हवाई हमलों में उत्तरी सीरिया और इराक में कुर्द चौकियों और सीरियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.
अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और एक युद्ध निगरानी एजेंसी ने कहा कि तुर्की की वायु सेना ने शनिवार देर रात उत्तरी सीरिया और इराक के कई शहरों को निशाना बनाया. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक कोबानी और अलेप्पो के ग्रामीण इलाकों में कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों पर लगभग 25 हवाई हमले किए गए.
हवाई हमलों के बारे में क्या पता चला?
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक हमले में सीरियाई सेना के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया था और हवाई हमलों में सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस सहित कम से कम 31 सीरियाई सेना के सैनिक मारे गए थे. युद्ध निगरानीकर्ता का कहना है कि इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल या लापता हैं. कुछ घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है.
सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि उत्तरी अलेप्पो के ग्रामीण इलाकों और हसाकाह प्रांत में "कई" सीरियाई सैनिक मारे गए. इससे पहले सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि हमलों में तीन सैनिक मारे गए थे.
इस बीच इराक में कुर्द अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवादी समूह कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से जुड़े कम से कम 32 लड़ाके 25 हवाई हमलों में मारे गए. उसके बाद तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके हवाई हमलों ने उन ठिकानों को निशाना बनाया जहां से आतंकवादी तुर्की पर हमला करते हैं.
पिछले दिनों तुर्की के इस्तांबुल के केंद्र में एक घातक बम विस्फोट हुआ था, जिसके लिए अंकारा ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को दोषी ठहराया. कुछ दिनों बाद तुर्की ने इन हवाई हमलों को अंजाम दिया है. हालांकि पीकेके ने विस्फोट में शामिल होने से इनकार किया है.
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने रविवार सुबह एक ट्वीट में कहा, "अब हिसाब का समय आ गया है." ट्वीट के साथ रात के ऑपरेशन के लिए विमानों के उड़ान भरने की एक तस्वीर थी.
रक्षा मंत्री हलुसी अकार ने और अधिक विवरण दिए बिना केवल यह दावा किया कि हमलों ने "आतंकवादी संगठन के तथाकथित मुख्यालय" को नष्ट कर दिया. तुर्की कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) को एसडीएफ का एक अभिन्न अंग और पीकेके की एक विस्तारित इकाई मानता है.
एसडीएफ प्रमुख मजलूम आब्दी ने ट्विटर पर कहा है कि इन हवाई हमलों से पूरे क्षेत्र को खतरा है. उन्होंने कहा, "यह बमबारी किसी पक्ष के पक्ष में नहीं है. हम किसी भी बड़ी तबाही से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. अगर युद्ध छिड़ जाता है, तो हर कोई प्रभावित होगा."
तुर्की 2016 से सीरिया के अंदर तीन बड़े सीमा पार अभियान को अंजाम दे चुका है.
एए/सीके (एएफपी, एपी,डीपीए)
-रियाज़ सुहैल
लंबे समय से पाकिस्तान के पास ऐसे ड्रोन थे जो सिर्फ़ निगरानी करने के लिए इस्तेमाल होते थे लेकिन अब पाकिस्तान की हथियार निर्माता कंपनियों ने कराची में जारी हथियारों की प्रदर्शनी में पहली बार ऐसे ड्रोन पेश किए हैं जिनका इस्तेमाल हमला करने के लिए किया जा सकता है.
कराची में हथियारों की ये प्रदर्शनी चार साल बाद हो रही है और इसमें पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए हैं.
18 नवंबर को शुरू हुई इस प्रदर्शनी में चीन और तुर्की के अलावा और भी कई देशों की कंपनियां शामिल हैं.
ड्रोन में आत्मनिर्भरता
पाकिस्तान के लोगों ने ड्रोन का नाम पहली बार तब सुना था जब अमेरिकी ड्रोन विमानों ने पाकिस्तान के सरहदी इलाक़ों में चरमपंथियों को निशाना बनाना शुरू किया था.
अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तानी इलाक़ों में कई ड्रोन हमले किए और इनमें लोग मारे गए.
पाकिस्तान ने ड्रोन की दुनिया में पहला क़दम सर्विलांस ड्रोन (जासूसी के लिए ख़ुफ़िया ड्रोन) बनाने की शुरूआत के साथ रखा था.
निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाले ये ड्रोन इससे पहले हुई हथियारों की प्रदर्शनी में नज़र आते थे.
पाकिस्तान सरकार की कंपनी “ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफ़ेंस सोल्यूसंश” के सीईओ असद कमाल बताते हैं कि पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से उन्हें साफ़ कहा गया था कि जिन तकनीकों के लिए पाकिस्तान विदेश पर निर्भर है, उन्हें धीरे-धीरे पाकिस्तान में विकसित करना चाहिए. इससे विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकेगा."
“आइडियाज़” की जो 2018 में आख़िरी प्रदर्शनी हुई थी उसमें बराक़ नाम का सर्विलांस ड्रोन दुनिया के सामने पेश किया गया थ, इसका काम सिर्फ़ वीडियो बनाना और हाई रिज़ोल्यूशन तस्वीरें लेना था.
असद कमाल बताते हैं, “इसके बाद हमने अपने अगले मंसूबे पर काम शुरू किया. हमारी सेना की भी ये ज़रूरत थी कि ना सिर्फ़ वो टार्गेट को देख सके, घेराव कर सके और अगर चाहे तो उस को तबाह भी कर सके. इसके बाद हमने रिसर्च की और शाहपर-2 ड्रोन पर काम किया.”
असद कमाल बताते हैं कि “जब आप कोई तकनीक असेंबल करते हैं या दूसरे देश से हासिल करते हैं और कुछ दिनों के बाद वो देश आपको तकनीक देना बंद कर दे तो आपका प्रॉडक्ट अधूरा रह जाता है और फिर ना आप इसे ख़ुद इस्तेमाल कर सकते हैं और ना ही बरामद कर सकते हैं, लिहाज़ा इस ड्रोन की बुनियादी तकनीक को पाकिस्तान में ही बनाया गया है.”
पाकिस्तान में तैयार मारक ड्रोन शाहपर-2
पाकिस्तान का इस समय फ्लैगशिप ड्रोन शाहपर-2 है जो अब पाकिस्तान की सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल हो चुका है.
सरकार इसे प्रदर्शनी में पेश करके दूसरे देशों को भी बेचना की ख़्वाहिश रखती है.
असद कमाल बताते हैं कि “शाहपर-2” एक हज़ार किलोमीटर तक उड़ान भर सकते हैं और अपने निशाने को भेद सक सकता है. ये ड्रोन सेटेलाइट से संपर्क कर सकता है, दिन हो या रात किसी भी अभियान में कामयाब है. ये ड्रोन अपने निशाने को लेज़र से लॉक करता है और फिर मिसाइल से उसे निशाना बनाता है.
शाहपर-2, 120 नॉट्स तक की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है. इसकी टेक ऑफ़ रफ़्तार 80 नॉट्स से लेकर 85 नॉट्स तक है. इसकी क्रूज़ रफ़्तार भी 80-85 नॉट्स होती है.
इसका रेडियस लगभग 1050 किलोमीटर और डाटा लिंक रेंज 300 किलोमीटर है. ये लड़ाकू ड्रोन उड़ान के दौरान अपने इंजन को दोबारा स्टार्ट कर सकने की क्षमता भी रखता है.
ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सॉल्यूशंस के ड्रोन के अन्य उत्पादों में शाह पर-1, इक़ाब ड्रोन सीरीज़ शामिल हैं, जो अलग-अलग दूरी, गति और हथियार ले जाने में सक्षम हैं.
पाकिस्तान की आर्डिनेंस फ़ैक्ट्री ने पहले ‘अबाबील’ नाम का सर्विलांस ड्रोन बनाया था. अब इन ड्रोन को भी मारक बनाया गया है और इन्हें हथियारों से लैस किया गया है.
याद रहे कि पाकिस्तान के क़बिलाई इलाक़े में स्थानीय लोगों ने ड्रोन को अबाबील का नाम दिया था.
पाकिस्तान आर्डिनेंस फ़ैक्ट्री में ड्रोन यूनिट के प्रमुख रियाज़ अहमद ने बीबीसी को बताया कि अबाबील सीरीज़ के ये ड्रोन स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए हैं और ये सभी ड्रोन दिन और रात दोनों में अभियान चलाने में सक्षम हैं.
उन्होंने बताया कि अबाबील फ़ाइव ड्रोन पांच किलो तक वज़न उठा सकता है और इस में दो मोर्टार गोले लोड किए जा सकते हैं. एक मोर्टार 16 एमएम और दूसरा 18 एमएम का है. ये तीस किलोमीटर की रेंज में उड़ान भर सकता है और इसकी रफ़्तार पैंतालीस किलोमीटर प्रति घंटा है. ये ड्रोन डेढ़ घंटे तक हवा में उड़ान भर सकता है.
अबाबील वी-5 को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि यह वर्टिकली कहीं भी टेक ऑफ और लैंड कर सकता है. यह एक हाई-स्पीड ड्रोन है जो 120 प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है और दो से तीन घंटे तक निगरानी रख सकता है. इसमें स्टोरेज क्षमता भी है और ये पांच किलोग्राम गोला-बारूद ले जा सकता है, जिसका इस्तेमाल किसी भी लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है.
अबाबील-10 ड्रोन दस किलोग्राम वज़नी हथियार ले जा सकता है. इसकी रेंज 30 किलोमीटर है और यह 3000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है जबकि एक किलोमीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद इसे इंसानी आंखों से नहीं देखा जा सकता है.इन तीनों ड्रोन को एक ऑपरेटर भी चला सकता है.
रियाज़ अहमद ने बताया कि इन्हें कंट्रोल करने के लिए तीन विकल्प हैं, पहले में एक पोर्टेबल यूनिट है जो कहीं से भी उड़ान भर सकते हैं, दूसरा डुएल कंट्रोल यूनिट है जिस में दो ऑपरेटर होंगे, एक फायरिंग का कैमरा कंट्रोल करेगा और दूसरा नक़्शे की मदद से ड्रोन को ऑपरेट करेगा.
तीसरा विकल्प एक बार ही इस्तेमाल करने के लिए है जिस में डबल स्क्रीन है. उस में एक में कैमरे की फ़ीड है और दूसरे में नक़्शे की मदद से दिशा-निर्देश देने की सुविधा है.
पाकिस्तान में बर्फ़ानी इलाक़े भी हैं और रेगिस्तान भी हैं, समंदरी और मैदानी इलाक़े भी. ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सॉल्यूशन के सीईओ असद कमाल कहते हैं कि जंग ना मौसम देखती है और ना इलाक़ा.
‘पाकिस्तान की सेना के ज़रूरत बहुत सख़्त होती है और हमारे पास माइनस डिग्री तापमान से लेकर रेगिस्तान के गरम तापमान तक के इलाक़े मौजूद हैं. लिहाज़ा ऐसा कोई भी हथियार जो हमारी सेना में शामिल हो जाए उसका मतलब है कि वो दुनिया की किसी भी सेना में शामिल हो सकता है.’
वो बताते हैं कि इन ड्रोन का परीक्षण देश के उत्तरी इलाकों में भी किया जाता है, बारिश और रेगिस्तान में भी इनका परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद ये प्रायोगिक उड़ान पास कर पाकिस्तानी सेना के बेड़े में शामिल हो जाते है.
पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री के प्रवक्ता सलमान खान बताते हैं कि नई तकनीक को दो तरह से मापा या परखा जाता है. एक तो यह कि इन हथियारों को इस्तेमाल करने वाले की जरूरतें क्या हैं. हथियार बनाने वाले और इस्तेमाल करने वाले दोनों मिलकर उसका मूल्यांकन करते हैं और उसका तकनीकी परीक्षण किया जाता है.
इसके अलावा मूल्यांकन इस तरह किया जाता है कि अगर हमें इसे पाकिस्तान के अंदर बनाना है, तो वहां किस तरह की मौजूदा तकनीक है, कौन सी नई चीजें खरीदने की जरूरत है.
ये किसी एक व्यक्ति को गोली से निशाना बनाने से लेकर मिसाइल लांच तक करने में इस्तेमाल किए जाते हैं.
इसके अलावा चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ़ से भी कई तरह के ड्रोन और नए-नए हथियार इस प्रदर्शनी में दिखाए गए. इनमें नए ड्रोन के मॉडल भी हैं. चीन ड्रोन को कई तरह के हथियारों से लैस किया जा सकता है.
पाकिस्तान दुनिया के ऐसे देशों में शामिल है जो सैन्य हथियार बनाता है, बेचता है और ख़रीदता है.
ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सॉल्यूशन के सीईओ असद कमाल कहते कि वो 16 से अधिक देशों में पाकिस्तान में बनाए गए हथियार एक्सपोर्ट कर चुके हैं.
इनमें बांग्लादेश, श्रीलंका, मध्य एशिया के देश, मलेशिया, अफ़्रीका में अल्जीरिया, कांगो, दक्षिणी अमेरिकी देश पेरू आदि शामिल हैं.
उनके मुताबिक शाहपर-2 के एक्सपोर्ट में भी उनकी दिलचस्पी है. वहीं पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री का कहना है कि उनकी अबाबिल सीरीज़ का इस्तेमाल जल्द ही पाकिस्तानी सेना में किया जाएगा और कुछ विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है.
पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री के प्रवक्ता के मुताबिक पीओएफ़ ने चालीस से अधिक देशों को तीस करोड़ डॉलर से अधिक के हथियार बेचे हैं. (bbc.com/hindi)
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 20 नवंबर। नेपाल में नयी संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ।
नेपाल में मतदाता उस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने की उम्मीद में मतदान कर रहे हैं, जो एक दशक से अधिक समय से देश के लिए चिंता का कारण बनी हुई है और जिसने विकास को बाधित किया है।
देशभर में 22,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ।
देश के गृह सचिव बिनोद प्रकाश सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे तक देशभर में 46 प्रतिशत मतदान हुआ था। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।
अधिकारियों ने बताया कि कैलाली जिले के धनगढ़ी उप-महानगरीय शहर में शारदा माध्यमिक विद्यालय मतदान केंद्र के पास एक मामूली विस्फोट हुआ। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि विस्फोट के कारण मतदान केंद्र में आधे घंटे के व्यवधान के बाद मतदान फिर शुरू हो गया।
धनगढ़ी, गोरखा और दोलखा जिलों के 11 इलाकों से विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक होने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इनका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस बीच, देश के प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने अपने गृह जिले दादेलधुरा में मतदान किया।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने काठमांडू के पास भक्तपुर जिले की सूर्यबिनायक नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला।
सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने चितवन जिले की भरतपुर नगर पालिका स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला।
इस बीच, 113 वर्षीय गोपी माया पोखरेल अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर देश में मतदान करने वाली सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गईं। पोखरेल ने काठमांडू से 220 किलोमीटर पश्चिम में स्थित तनहुं जिले में मतदान किया।
अधिकारियों ने बताया कि पोखरेल के नागरिकता प्रमाण पत्र के अनुसार उनकी जन्मतिथि 22 जून, 1909 है। उन्होंने तनहुं जिले में भानु नगरपालिका के सेपाबगैचा स्थित महादेबता प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र में अपना वोट डाला।
इसी तरह, 107 वर्षीय जसमणि कामी ने मयागढ़ी जिले के राष्ट्रीय माध्यमिक विद्यालय के एक मतदान केंद्र पर वोट डाला।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश कुमार थपलियाल ने बताया कि मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार रात नौ बजे से शुरू होगी।
थपलियाल ने भक्तपुर में एक मतदान केंद्र पर मतदान करने के बाद कहा कि मतदान संपन्न होने के बाद सभी मत पेटियां शाम सात बजे तक मतगणना केंद्रों पर एकत्र की जाएंगी।
नेपाली मीडिया ने उनके हवाले से कहा, ‘‘इसके बाद हम करीब एक घंटे तक सभी दलों के साथ बैठक करेंगे और हमें रात नौ बजे तक मतगणना शुरू होने की उम्मीद है।’’
चुनाव के लिए 10,892 मतदान केंद्र बनाए गए और 17,988,570 लोग मतदान करने के लिए योग्य बताये गये हैं।
थपलियाल ने कहा कि आयोग अगले आठ दिन में चुनाव के सभी नतीजों की घोषणा कर देगा, जबकि आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली के नतीजों की घोषणा आठ दिसंबर तक होगी।
नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय विधानसभाओं की 550 सीट के लिए चुनाव हो रहे हैं। संघीय संसद के कुल 275 सदस्यों में से 165 का चयन प्रत्यक्ष मतदान के जरिये होगा, जबकि बाकी 110 को ‘आनुपातिक चुनाव प्रणाली’ के माध्यम से चुना जाएगा। इसी तरह, प्रांतीय विधानसभाओं के कुल 550 सदस्यों में से 330 का चयन प्रत्यक्ष, जबकि 220 का चयन आनुपातिक प्रणाली से होगा।
चुनावों पर करीबी नजर रखने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने त्रिशंकु संसद और एक ऐसी सरकार के गठन का अनुमान जताया है, जो नेपाल में आवश्यक राजनीतिक स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएगी।
नेपाल में करीब एक दशक तक रहे माओवादी उग्रवाद की समाप्ति के बाद से संसद में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है और 2006 में गृह युद्ध के खत्म होने के बाद से कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है।
नेतृत्व में बार-बार बदलाव और राजनीतिक दलों के बीच आपसी विवाद को देश के धीमे आर्थिक विकास का कारण बताया जाता है।
चुनाव मैदान में दो प्रमुख राजनीतिक गठबंधन हैं-सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला लोकतांत्रिक एवं वामपंथी गठबंधन और सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) के नेतृत्व वाला वामपंथी, हिंदू एवं राजशाही समर्थक गठबंधन।
अगली सरकार के समक्ष एक स्थिर राजनीतिक प्रशासन बनाए रखने, पर्यटन उद्योग में नयी जान फूंकने और अपने पड़ोसी देशों, चीन और भारत के साथ संबंधों को संतुलित करने जैसी चुनौतियां होंगी।
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने सभी 77 जिलों में चुनाव कराने के लिए 2,76,000 कर्मचारियों को तैनात किया है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए करीब तीन लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
संघीय संसद के लिए चुनाव लड़ने वाले कुल 2,412 उम्मीदवारों में से 867 निर्दलीय हैं। (भाषा)
काबुल, 20 नवंबर। पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में व्यभिचार, चोरी और घर से भागने के आरोप में 19 लोगों को कोड़े मारने की सजा दी गई है। उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह जानकारी सामने आने के बाद तालिबान के शरिया कानून लागू करने पर अड़े रहने के रुख की पुष्टि हुई है।
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा के बाद से अफगानिस्तान में कोड़े मारने की सजा दिए जाने की यह पहली आधिकारिक पुष्टि प्रतीत हो रही है।
अदालत के एक अधिकारी अब्दुल रहीम राशिद ने कहा कि 11 नवंबर को पूर्वोत्तर ताखर प्रांत के तलोकान शहर में 10 पुरुषों और नौ महिलाओं में से प्रत्येक को 39 कोड़े मारने की सजा दी गई।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद शहर की मुख्य मस्जिद में बुजुर्गों, विद्वानों और स्थानीय निवासियों की मौजूदगी में यह सजा दी गई।
अधिकारी ने कहा कि दोषी ठहराए जाने से पहले इन सभी 19 लोगों के मामलों की सुनवाई दो अदालतों में हुई थी। (एपी)
अमेरिका, 20 नवंबर । अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चेतावनी दी है कि चीन और रूस एक ऐसी दुनिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहां सभी विवादों का हल, ताक़त के ज़ोर पर किया जा सके.
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का कहना है कि रूस की तरह ही चीन भी उस दुनिया का हिमायती है जहां कमज़ोरों पर ताक़तवर की मर्ज़ी चलती है, जहां विवादों को बल से सुलझाया जाता है, और जहां निरंकुश मौलिक अधिकारों पर रोक लगा सकते हैं.
रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मंच को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन के भविष्य की रक्षा करने में विफलता एक "अत्याचारों और अशांति वाली दुनिया" को जन्म दे सकती है.
लॉयड ऑस्टिन का बयान ऐसे व़क्त में आया है जब जी-20 सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और शी जिनपिंग की मुलाक़ात हुई थी. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 20 नवंबर । क़तर में विश्व कप की शुरुआत से पहले फीफा के प्रमुख ने मेज़बान देश की आलोचना करने के लिए पश्चिमी देशों को निशाने पर लिया है.
फीफा के प्रमुख गियान्नी इन्फेंटिनो ने क़तर के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना करने वाले पश्चिमी देशों पर पाखंडी होने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को क़तर की नैतिकता पर सवाल उठाने से पहले अतीत में किए गए अपने कार्यों के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए.
फीफा के प्रमुख ने कहा, ''मैं यहां 6 सालों पहले आया था और मैंने प्रवासी मज़दूरों से जुड़े मुद्दे को अपनी पहली मीटिंग में उठाया था. इनमें से कितनी यूरोपीय या पश्चिमी व्यापारिक कंपनियां जो क़तर या अन्य देशों से करोड़ों कमाती हैं, हर साल अरबों, उनमें से कितनी ने प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों के बारे में सोचा है? या किसी अधिकारी ने? मेरे पास जवाब है, इनमें से किसी ने भी नहीं क्योंकि नियमों में किसी भी तरह के बदलाव का मतलब है कम फायदा होना. यानी एक अरब के बजाय आप शायद केवल नब्बे करोड़ कमा सकते हैं. लेकिन हमने किया और फीफा कतर की इन कंपनियों में से किसी की तुलना में बहुत कम पैसे जेनरेट करता है."
क्या है मामला?
फ़रवरी 2021 में गार्डियन अख़बार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ क़तर ने जब से वर्ल्ड कप के लिए बोली जीती थी तब से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के 6,500 प्रवासी कामगारों की क़तर में मौत हो चुकी है. वहीं यहां समलैंगिक संबंध अवैध हैं.
कई प्रतिभागी देश प्रवासी मज़दूरों के साथ किए जा रहे बर्ताव और समलैंगिक अधिकारों को लेकर क़तर की आलोचना करते हैं. (bbc.com/hindi)