विशेष रिपोर्ट

किराएदार थे, मालिक बन गए....
14-Apr-2025 1:10 PM
किराएदार थे, मालिक बन गए....

मालवीय रोड, हलवाई लाइन की 40 दुकानों पर वक्फ बोर्ड का दावा, नोटिस जारी, हडक़ंप 
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 14 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।
शहर के पॉश इलाके की करोड़ों की कई संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोंका है। मालवीय रोड, और हलवाई लाइन की 40 दुकानों पर वक्फ बोर्ड ने अवैध कब्जा बताया है। बोर्ड का दावा है कि दुकानदार पहले किराएदार थे, जो बाद में मालिक बन गए। वक्फ बोर्ड ने सभी की रजिस्ट्री शून्य कर फिर से दुकानों को वक्फ बोर्ड के नाम चढ़ाने के लिए कलेक्टर, और एसएसपी को पत्र भेजा गया है। साथ ही दुकानदारों को भी नोटिस जारी किया गया है। 

बताया गया कि रायपुर शहर के मध्य मालवीय रोड, और हलवाई लाइन की 40 दुकानें वक्फ की संपत्ति रही हैं। इनमें मालवीय रोड स्थित  एवन बेकरी, लक्ष्मी इलेक्ट्रानिक्स, और सटी कई दुकानें हैं। इसी तरह हलवाई लाइन की कई दुकानें भी वक्फ की संपत्ति रही हैं। बाद में ये सभी दुकानें बिक गई। अब वक्फ की संपत्तियों को लेकर देशभर में विवाद चल रहा है, और केन्द्र सरकार ने कानून भी बनाया है। इन सबके चलते राज्य वक्फ बोर्ड हरकत में आई है, और सभी 40 दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है। 

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि मालवीय रोड, और हलवाई लाइन की 40 दूकानें वक्फ की संपत्ति है। दुकानदार, जो किराएदार थे वो मालिक बन गए हैं। वक्फ बोर्ड के पास इसका किरायानामा भी है। उन्होंने कहा कि फर्जी रजिस्ट्री हुई है। डॉ. राज ने यह भी बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में अभी भी वक्फ के नाम है। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि कलेक्टर, और एसपी को वक्फ बोर्ड ने पत्र लिखा है, और सारे दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने रजिस्ट्री शून्य कर दुकानों को फिर से वक्फ बोर्ड के नाम करने का आग्रह किया है। 

दूसरी तरफ, वक्फ बोर्ड की नोटिस के बाद से मालवीय रोड, और हलवाई लाइन के दुकानदारों मेें हडक़ंप मच गया है। कुछ ने वकील के मार्फत नोटिस का जवाब भी भेजा है, और खुद का मालिकाना हक बताया है। इन्हीं दूकानदारों में से एक लक्ष्मी इलेक्ट्रानिक्स के संचालक अर्जुनदास वासवानी ने  ‘छत्तीसगढ़’  से चर्चा में बताया कि वो किराएदार रहे हैं, लेकिन 1982 में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड से प्रापर्टी रिलीज हो गई। जिन्होंने संपत्ति वक्फ किया था उनके परिवार के 36 सदस्यों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके बाद बकायदा प्रापर्टी की रजिस्ट्री हुई। 

उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड से नोटिस मिला था जिसका जवाब भी भेज दिया है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का दावा गलत है। वासवानी ने ‘छत्तीसगढ़’ को इससे जुड़े दस्तावेज भी उपलब्ध कराए हैं। बाकी दुकानदार भी नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के दावे का परीक्षण चल रहा है। बहरहाल, आने वाले दिनों में मामला तूल पकड़ सकता है। 

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