कहीं निर्वाचित प्रतिनिधियों का रोड़ा, तो कहीं ग्रामीण विरोध में
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 2 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। सरकार ने एक अप्रैल से 67 नई देशी-विदेशी शराब दुकानें खोलने का फैसला लिया था, लेकिन स्थानीय विरोध के चलते अब तक एक भी नई शराब की दूकान खुल नहीं पाई है। हालांकि आबकारी अमला स्थानीय लोगों से चर्चा कर शराब दुकानें खोलने के लिए प्रयासरत है। मगर इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। कुछ जगहों पर तो जबरिया शराब दूकान खोलने के खिलाफ स्थानीय लोगों ने अदालत जाने की चेतावनी भी दे दी है।
प्रदेश में 674 देशी-विदेशी शराब दुकानें हैं। इनमें 166 देशी शराब की दुकानें हैं। नए वित्तीय वर्ष से 67 नई शराब दूकानें शुरू करने का फैसला लिया गया था। राज्य के सालाना बजट में इसकी घोषणा भी की गई थी। नई शराब की दूकानें एक अप्रैल से खोलने की योजना थी, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। सबसे ज्यादा रायपुर जिले में ही शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव है।
आबकारी विभाग ने नई शराब दुकानों के लिए जगह चिन्हित की है। जिसमें 20 किमी के आसपास कोई शराब दूकान नहीं होना चाहिए। साथ ही आबादी भी 3 हजार होनी चाहिए। शराब दूकानों के लिए गांव भी चिन्हित कर लिए गए हैं। मगर स्थानीय विरोध को देखते हुए नई शराब दूकान खोलने में सफलता नहीं मिल पा रही है। यद्यपि पुरानी 674 दुकानें यथावत संचालित है।
नई शराब दुकानों के मसले पर एक आबकारी अफसर ने ‘छत्तीसगढ़’ चर्चा में बताया कि विभाग नई शराब दुकान खोलने के लिए प्रयासरत है। चूंकि पंचायतों में नए निर्वाचित प्रतिनिधि आ गए हैं, उनसे चर्चा चल रही है। कहीं सरपंच ने शराब दूकान खोलने के लिए सहमति दे दी है, तो कुछ जगहों पर जनपद के प्रतिनिधि असहमति जता रहे हैं। सरपंच, और जनपद सदस्य जहां सहमत हो गए हैं, वहां जिला पंचायत के प्रतिनिधि विरोध में हैं। कुल मिलाकर पंचायत प्रतिनिधियों के एकमत नहीं होने की वजह से शराब दूकान शुरू करने में दिक्कत आ रही है।
बताया गया कि रायपुर जिले के मंदिरहसौद, अभनपुर आदि इलाकों में तो नई शराब दूकान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ है। दुर्ग और अन्य जगहों पर भी विरोध हो रहा है। कुछ जगहों पर महिला समूह भी विरोध में सामने आ गए हैं। रायपुर जिले में तो एक-दो जगह पर सरपंच ने सहमति दे दी थी, लेकिन बाद में ग्रामीणों के विरोध के बाद शराब दूकानें खोलने का फैसला टल गया है। मंदिरहसौद के ग्राम खौली में तो नई शराब दूकान खोलने के खिलाफ ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में जाने का फैसला लिया है। इसके लिए आरटीआई से दस्तावेज भी जुटाए जा रहे हैं।
आबकारी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के सीमावर्ती इलाके सरगुजा, महासमुंद, और रायगढ़ व कवर्धा में नई शराब दूकानें खोलने की दिशा में पहले प्रयास हो रहा है। सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर दूसरे प्रदेशों से अवैध रूप से शराब आ रही है। इसको रोकने के लिए नई शराब दूकानें खोलने का प्रयास चल रहा है। इन इलाकों में भी थोड़ा बहुत विरोध है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल के आखिरी तक 30 नई शराब की दूकान खुल सकती है। बाकी के लिए भी कोशिश जारी है।
शराब से 13 हजार करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य
आबकारी विभाग ने नए वित्तीय वर्ष में शराब से 13 हजार करोड़ से अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस साल 11 हजार करोड़ की राजस्व की प्राप्ति हुई थी। विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नई शराब दूकानें खुलने की स्थिति में आबकारी लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया जाएगा।