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संसदीय समिति ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद उत्तर कुंजी जारी करने का सुझाव दिया
27-Mar-2025 10:37 PM
संसदीय समिति ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद उत्तर कुंजी जारी करने का सुझाव दिया

नयी दिल्ली, 27 मार्च। संसद की एक समिति ने बृहस्पतिवार को सुझाव दिया कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) उत्तर कुंजी जारी करे, ताकि विश्वसनीयता, निष्पक्षता और अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा प्रति वर्ष सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार - में आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) तथा भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस)आदि के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।

यूपीएससी ने समिति को बताया कि वह चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रकाशित करता है।

वहीं, समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘इससे अभ्यर्थी संभावित त्रुटियों को समय पर चुनौती नहीं दे पाते हैं, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता कम हो जाती है। इस तरह की परिपाटी अभ्यर्थियों का मनोबल गिरा सकती है और परीक्षा की वैधता के बारे में चिंता पैदा कर सकती है।’’

कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय मामलों पर स्थायी समिति ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से संबंधित अनुदानों की मांगों (2025-26) पर अपनी 145वीं रिपोर्ट में यह कहा है।

संसद में बृहस्पतिवार को पेश की गई रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि अत्यधिक सावधानी बरतने के बावजूद उत्तर कुंजी में त्रुटियों की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता।

इसने विश्वसनीयता, निष्पक्षता और अभ्यर्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अपनी पिछली रिपोर्ट में शामिल इस सुझाव को दोहराया कि ‘‘यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद उत्तर कुंजी जारी करने के लिए कदम उठा सकती है और समय रहते अभ्यर्थियों को आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर प्रदान कर सकती है।’’

समिति ने यह भी अनुशंसा की है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को बसवान समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करनी चाहिए, जिसका गठन सिविल सेवा परीक्षा के प्रारूप और पाठ्यक्रम में समय-समय पर किये गए परिवर्तनों के प्रशासन और अभ्यर्थियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए किया गया था।

विशेषज्ञ समिति अर्थात बसवान समिति की अनुशंसाओं पर हुई प्रगति के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में डीओपीटी ने संसदीय समिति को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

संसदीय समिति को बताया गया, ‘‘रिपोर्ट में, आयु सीमा, पाठ्यक्रम, प्रश्न बैंक, परीक्षा का माध्यम, उत्तर कुंजी का प्रकाशन आदि जैसे कई पहलुओं पर चर्चा की गई है। विभाग द्वारा बसवान समिति की रिपोर्ट तथा संघ लोक सेवा आयोग के विचारों की पड़ताल के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जो वर्तमान में विभाग (डीओपीटी) में पड़ताल के अधीन है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय समिति ने अनुशंसा की है कि विभाग को बसवान समिति के सुझावों को लागू करने के लिए एक स्पष्ट समयसीमा निर्धारित करनी चाहिए।

समिति ने कहा है कि उत्तर कुंजी जारी करने और परीक्षा के प्रारूप जैसे प्रमुख मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए एक विशेष टीम गठित की जा सकती है। (भाषा)

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