मणिपुर पहुँचे सुप्रीम कोर्ट के जजों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई है कि जल्द राज्य में दोनों पक्षों के बीच एक समाधान निकाल लिया जाएगा.
शनिवार को सुप्रीमकोर्ट के जजों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचा था. इसका नेतृत्व जस्टिस बीआर गवई ने किया. उनके साथ जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंद्रेश और जस्टिस केवी विश्वनाथ भी थे.
इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के चूड़ाचांदपुर ज़िले में राहत शिविर का दौरा किया. इस दौरे का मकसद मणिपुर के लोगों को एक साथ लाकर राज्य में शांति स्थापित करना है.
राज्य के हालात पर जस्टिस बीआर गवई ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “राहत शिविरो में मौजूद लोग अब अच्छा महसूस कर रहे हैं. वे सभी शांति और सामान्य जनजीवन चाहते हैं.”
“मैंने दोनों समूहों से बातचीत की है. मुझे उम्मीद है कि बहुत जल्द एक समाधान निकाल लिया जाएगा.”
राज्य में हिंसा
9 फरवरी, 2025 को मणिपुर में एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़े दे दिया था. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
मणिपुर में मई 2023 से राज्य में जातीय संघर्ष चल रहा है. इसमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा की वजह से मैतेई और कुकी, दोनों समुदाय के हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
दरअसल, 27 मार्च, 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट ने एक आदेश में राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की बात पर जल्दी विचार करने को कहा था.
इसे लेकर तीन मई, 2023 को राज्य में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी. इसमें कई लोगों की जान भी गई थी. (bbc.com/hindi)