आदिवासी अध्यक्ष की वकालत भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 फरवरी। नगरीय निकाय चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में घमासान मच गया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को बदलने के लिए हाईकमान पर दबाव बना है। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री डॉ.शिव डहरिया, और अमरजीत भगत भी दिल्ली गए हैं।
महाराष्ट्र, और ओडिशा में प्रदेश अध्यक्ष बदला जा चुका है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में हार के बाद से प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को बदलने की मांग उठ रही है। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद अध्यक्ष बदलने के लिए दबाव बना है। पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा सहित कई नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बैज को बदलने की मांग खुले तौर पर की है। इन सबके बीच बदलाव पर चर्चा भी शुरू हो गई है।
पूर्व मंत्री डॉ.शिव डहरिया, और अमरजीत भगत सोमवार को दिल्ली पहुंचे हैं। दोनों ही नेता प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर अपनी बातें रखेंगे। इससे परे पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी बदलाव के पक्ष में बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मसले पर सिर्फ इतना ही कहा उन्हें जो भी कहना होगा वो पार्टी हाईकमान से अपनी बात करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत तो पहले ही कह चुके हैं कि पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस. सिंहदेव की अगुवाई में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने इसको लेकर अपनी तरफ से सफाई भी दी थी, लेकिन सिंहदेव का नाम नए अध्यक्ष के रूप में प्रमुखता से लिया जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम भूपेश बघेल, किसी आदिवासी चेहरे को ही अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। वो दिल्ली में ही हैं। पूर्व सीएम की तरफ से मानपुर-मोहला विधायक इन्दर शाह मंडावी का नाम चर्चा में है। इसके अलावा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का नाम भी बढ़ा सकते हैं। मगर भगत को लेकर कई तरह की दिक्कतें हैं। वो आईटी-ईडी की जांच में घिरे हुए हैं। ऐसे में उनकी संभावना कम बताई जा रही है।
दूसरी तरफ, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का नाम भी चर्चा में है। इन सबके बावजूद पार्टी का एक बड़ा खेमा पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव को ही अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है। नेता प्रतिपक्ष डॉ.महंत भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव निपटने के बाद हाईकमान बदलाव पर फैसला ले सकता है।