381 वार्डों पर निर्दलियों का कब्जा
‘छत्तीसगढ़’की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 16 फरवरी (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। म्युनिसिपल चुनाव में भाजपा ने वार्डों में भी बड़ी जीत हासिल की है। म्युनिसिपलों के कुल वार्डों में से भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले 920 वार्डों में बढ़त मिली है। यह अंतर पिछले चुनावों की तुलना में सबसे ज्यादा है।
प्रदेश में कुल 173 म्युनिसिपल में चुनाव हुए थे। इनमें 10 निगम, 49 पालिका और 114 नगर पंचायत शामिल हैं। रायपुर, और बिलासपुर नगर निगम में 70-70 वार्ड हैं। यानी कुल 173 म्युनिसिपलों में कुल 3203 वार्ड हैं। मेयर-अध्यक्ष के अलावा वार्ड पार्षद के लिए वोट डाले गए थे।
इन सभी में पार्षद के कुल 3203 पदों के लिए चुनाव हुए थे । इनमें से भाजपा के 1871 पार्षद जीतकर आए हैं। जबकि कांग्रेस के 951 पार्षद चुने गए। यही नहीं, 381 पार्षद निर्दलीय व अन्य दलों के चुनकर आए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि 10 नगर निगमों में कुल पार्षद 545 में से 384 वार्डों में भाजपा, और 119 कांग्रेस का कब्जा हुआ। यही नहीं, 42 वार्डों में निर्दलीय चुने गए। इसी तरह से 49 नगर पालिकाओं में पार्षदों के कुल 900 सीटों में से भाजपा के 529, कांग्रेस के 306 और अन्य 114 जीतकर आए हैं। इससे परे नगर पंचायतों के 1709 पार्षदों में से 958 भाजपा के, 526कांग्रेस और 225 अन्य निर्दलीय चुने गए हैं।
जानकारों का मानना है कि पिछले चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है। पहले विशेषकर नगर पालिकाओं, और नगर पंचायतों में मुकाबला नजदीकी रहता था। नगर निगमों में भी वर्ष-2004 को छोड़ दें, तो बाद के चुनावों में कांग्रेस का वार्डों में प्रदर्शन बेहतर रहा है।
कांग्रेस को इस बार अपने गढ़ में ही ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। कांकेर जैसी नगर पालिकाएं जिसे राज्य बनने के बाद भाजपा जीत नहीं पाई थी, वहां भी भाजपा का दबदबा रहा। इसी तरह सुदूर सुकमा, और बीजापुर जैसे अपने गढ़ में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान पिछले चुनावों की तुलना में सबसे ज्यादा है। भाजपा इस बार सभी 10 नगर निगम के अलावा 49 में से 36 नगर पालिकाओं, और 114 नगर पंचायतों में से 84 नगर पंचायत में भाजपा को जीत हासिल हुई है, जो कि अब तक की सबसे बड़ी जीत है।