साल के पहले दिन गढ़चिरौली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
सीएम फडनवीस की मौजूदगी में मुख्यधारा में वापसी
प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 1 जनवरी (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। साल के पहले दिन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी कामयाबी मिली। बुधवार को लाखों रुपए की ईनामी महिला नक्सली तारक्का ने आत्मसर्मपण कर दिया।
तारक्का के सरेंडर का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि पुलिस ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस की मौजूदगी में उसे सरेंडर कराया। बताया जाता है कि एक बड़े कैडर की नक्सली तारक्का ने वापसी कर संगठन से मुंह मोड़ लिया। ऐसे में नक्सलियों की सांगठनिक जड़े कमजोर साबित होने लगी है।
मिली जानकारी के अनुसार तारक्का ने बीते दिनों गढ़चिरौली पुलिस के जरिए मुख्यधारा का रास्ता चुना है। स्टेट कमेटी मेंबर तारक्का की वापसी से पुलिस काफी उत्साहित है। उसके सरेंडर से नक्सल अभियान में पुलिस को काफी मदद मिलेगी। पुलिस ने तारक्का से नक्सलियों की भावी रणनीति को लेकर भी अहम जानकारी हासिल की है। तारक्का मूलत: गढ़चिरौली की रहने वाली है।
बताया जाता है कि बतौर नक्सली उसने 40 वर्ष से ज्यादा संगठन को दिया है। वह पोलित ब्यूरो मेंबर सोनू की पत्नी है।
62 वर्षीय तारक्का के नाम महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेंलगाना में कई आपराधिक रिकार्ड है। खबर है कि गढ़चिरौली पुलिस ने तारक्का के नक्सल संगठन में प्रभावशाली कैडर होने के चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के समक्ष सरेंडर कराया है।
यह भी खबर है कि तारक्का के साथ दो और हार्डकोर नक्सलियों ने वापसी की है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में कई बड़े नक्सली मुख्यधारा में लौट सकते हंै।
बताया जाता है कि तारक्का की वापसी के लिए नक्सल ऑपरेशन आईजी संदीप पाटिल, डीआईजी अंकित गोयल और एसपी नीलोत्पल काफी दिनों से प्रयासरत थे।