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जलता मुद्दा और चुप्पी
भरतपुर-सोनहत इलाके में नाबालिग छात्रा से रेप का मामला सुर्खियों में हैं। इस पूरे मामले के आरोपी तीन शिक्षकों, और वन कर्मियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बावजूद इसके लोगों में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा है। पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने इस मामले में चुप्पी पर स्थानीय विधायक रेणुका सिंह को निशाने पर लिया है। कमरो ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में लिखा कि बेटियों की लूट रही अस्मत। लापता विधायक मंत्री बनने कर रही कसरत।
उन्होंने आगे लिखा कि न सदन में न सडक़ में। आखिर कहां है लापता विधायक रेणुका सिंह। गुलाब कमरो ने रेणुका सिंह की विधानसभा में कम उपस्थिति को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि रेणुका सिंह अब तक केवल 9 दिन विधानसभा पहुंची है। यानी प्रदेश के 90 विधायकों में सबसे कम। गुलाब कमरो ने लिखा कि काल्पनिक सीएम दीदीजी (रेणुका सिंह) मिले, तो भरतपुर-सोनहत विधानसभा के हवाले कर देवें। अब ऐसे गंभीर विषयों पर जनप्रतिनिधि खामोश रहेंगे, तो विरोधी उनकी सक्रियता पर सवाल उठाएंगे ही।
मुख्य सचिवों से मोदी की वन टू वन
पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को देशभर के मुख्य सचिवों को चर्चा के लिए बुलाया है। आमंत्रण सामूहिक बैठक जैसा होगा या अलग-अलग वन टू वन यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। हालांकि यह तय है कि यह सालाना होने वाला सीएस कानक्लेव नहीं है । और सीएस दफ्तर के सूत्र बता रहे कि वन टू वन मीटिंग है। ऐसे समय जब देश के 29 राज्यों में से अधिकांश में भाजपा और गठबंधन की डबल इंजन सरकारें हैं। करीब 10 राज्यों में विपक्षी दल सत्तारूढ़ हैं। पीएमओ के पास इनपुट है कि विपक्षी राज्यों में सरकारें केंद्रीय फंड का दुरुपयोग कर रही हैं तो भाजपा गठबंधन सरकारों में कमोबेश ऐसी ही स्थिति है?।
ऐसी ही कवायद कैबिनेट सक्रेटरी शुरू कर चुके हैं। वे हर सप्ताह एक ओपन हाउस कर रहे हैं। जिसमें राज्यों से दिल्ली आने वाले मुख्य सचिव, एसीएस, पीएस और सचिवों और अन्य अभा संवर्ग के अफसरों के व्यक्तिगत और राज्यों के मुद्दों पर चर्चा कर रहे। इन बैठकों का निचोड़ नीति आयोग की बैठक और आम बजट में देखने को मिल सकता है।
बाघों की टहलकदमी
अचानकमार अभयारण्य में मध्यप्रदेश के करंजिया से चहलकदमी करते हुए एक बाघ पहुंच गया है। वन विभाग इसकी निगरानी कर रहा है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से उसका लोकेशन नहीं बताया गया है। दावा किया जाता है कि अचानकमार में 10 बाघ हैं। यदि इस बाघ ने अपना बसेरा बना लिया तो संख्या बढक़र 11 हो जाएगी। कान्हा नेशनल पार्क से एक घायल बाघिन पहले ही यहां आ चुकी है। वहीं, कसडोल में एक बाघ कस्बे के आसपास मंडराता दिखा। वन विभाग ने उसे रेस्क्यू कर लिया है। सीएम विष्णुदेव साय ने वन कर्मचारियों की उनकी कामयाबी के लिए तारीफ की है। सवाल बना हुआ है कि ये मांसाहारी जीव क्या दाना-पानी के लिए भटक रहे हैं?
जनता को फायदा, श्रेय पर तकरार
चिरमिरी से साजा पहाड़ होते हुए मनेंद्रगढ़ तक की सडक़ परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस फैसले का ऐलान किया। यह सडक़ परियोजना चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ के बीच दूरी कम करेगी, जिससे अस्पताल और रेलवे स्टेशन जाने वालों को खासा फायदा होगा।
लेकिन सवाल यह है कि इस परियोजना का श्रेय किसे दिया जाए—भाजपा सरकार को या कांग्रेस को? इस पर सियासत शुरू हो गई है। पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल का कहना है कि मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल नाहक ही श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक, इस सडक़ की स्वीकृति कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही मिल गई थी। अब जब निर्माण कार्य शुरू होने वाला है, तो इसे नया काम बताया जा रहा है। ऐसे हालात अक्सर देखने को मिलते हैं। एक सरकार कोई काम स्वीकृत करती है, तो दूसरी सरकार उसका उद्घाटन करती है। यही सिलसिला कांग्रेस और भाजपा के बीच भी चला आ रहा है। जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो उसने भाजपा कार्यकाल में स्वीकृत कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
मगर, रायपुर के बहुचर्चित स्काई वॉक का उदाहरण लें। भाजपा सरकार ने इसे शुरू किया, फिर कांग्रेस ने सत्ता में आकर इसे अधूरा छोड़ा। अब भाजपा सरकार के लौटने के बावजूद यह परियोजना खंडहर बनी हुई है।