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IMRAN QURESHI
-इमरान क़ुरैशी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिस अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर एक सार्वजनिक बैठक के दौरान लगभग थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट मांगा है.
कांग्रेस पार्टी की एक बैठक में बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं के एक छोटे समूह द्वारा नारे लगाए जाने से मुख्यमंत्री नाराज हो गए थे. जब उन्होंने चिल्लाकर पूछा कि यहां का एसपी कौन है, तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंच पर पहुंचे और उन्हें सैल्यूट किया. तभी मुख्यमंत्री ने गुस्से में थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया. हालांकि उन्होंने खुद को ऐसा करने से रोक लिया.
ये घटना अप्रैल में बेलगावी में हजारों लोगों के सामने हुई थी.
धारवाड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण वेंकप्पा बरमानी ने 31 साल की सेवा के बाद 12 जून को वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए अपना पत्र पेश किया.
बीबीसी हिंदी ने इस पत्र को देखा है.
बरमानी ने राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा, "बिना कुछ कहे उन्होंने तुरंत अपना हाथ उठाया और मुझे 'थप्पड़ मारने' के लिए आगे आए. मैंने तुरंत एक कदम पीछे हटकर सार्वजनिक रूप से लगने वाले थप्पड़ से खुद को बचा लिया. मुझे उस गलती के लिए अपमानित किया गया जो मैंने की ही नहीं थी."
उन्होंने पत्र में कहा, "न तो अधिकारियों ने मुझे सांत्वना देने की कोशिश की. न ही मेरे सहकर्मियों ने मेरे अपमान का विरोध किया और न ही नैतिक समर्थन जाहिर किया. इससे मेरी मानसिक पीड़ा और बढ़ गई."
उन्होंने कहा, "हर दिन जब मैं अपनी वर्दी पहनता हूं तो ये घटना मुझे परेशान करती है. क्योंकि मुझे लगता है कि मुझे दूसरे की गलती की सजा मिली है. यह तथ्य कि एक राज्य के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, मुझे अपमानित किया और मुझे सांत्वना नहीं दी. ये मुझे परेशान करता है."
राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने और कानून मंत्री एचके पाटिल ने बरमानी से बात करने की कोशिश की थी ताकि उन्हें वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने से रोका जा सके.
परमेश्वर ने कहा, "मुख्यमंत्री ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया. उस वक्त के हालात की वजह से उन्होंने ऐसा किया." (bbc.com/hindi)