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जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं का पहला समूह आज श्री अमरनाथ की पवित्र गुफ़ा के दर्शन करेगा.
पहलगाम में पर्यटकों पर अप्रैल में हुए चरमपंथी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा काफ़ी कड़ी कर दी गई है. यात्रा को सफल और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सुरक्षाबलों की कुल 581 कंपनियां कश्मीर में तैनात की गई हैं.
यहां अमरनाथ जाने वाले दोनों रास्तों (पहलगाम और बालटाल) पर कई जगहों पर बंकर्स बनाए गए हैं. पहलगाम के लंगालबाल प्वाइंट पर फे़स रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं.
पुलिस ने बताया है कि अगर कोई सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, अमरनाथ के तीर्थ यात्री भी पहले चरमपंथियों के निशाने पर रह चुके हैं.
साल 2017 में कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में अमरनाथ यात्रियों पर हुए एक चरमपंथी हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी.
2 अगस्त, 2000 को चरमपंथियों ने पहलगाम के बेस कैंप पर हमला किया था.बेस कैंप में 32 लोग मारे गए थे, जिसमें 21 अमरनाथ यात्री थे.
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में बताया था कि पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है. (bbc.com/hindi)