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दुमका (झारखंड), 14 नवंबर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारतीय राज्य में सत्ता के लिए “जल बिन मछली” की तरह तड़प रही है।
झारखंड का गठन नवंबर 2000 में हुआ था और अधिकांश समय भाजपा राज्य में सत्ता में रही।
सोरेन ने कहा, “उनके (भाजपा के) नेता पिछले एक साल से राज्य में घूम-घूम कर किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। वे भूल गए कि झारखंड में सत्ता अब भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाथ में है, जो कभी दबाव में नहीं झुकेगी।”
दुमका में झामुमो उम्मीदवार बसंत सोरेन के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, “बिना सत्ता के भाजपा की हालत जल बिन (तड़पती) मछली की तरह है और पार्टी धनबल से उसे पकड़ना चाहती है।”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2019 में झामुमो सरकार बनने के कुछ ही घंटों बाद उसे गिराने की कोशिश की थी।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने दावा किया, “उन्होंने अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए हमारे विधायकों और सांसदों को लुभाने का प्रयास किया, लेकिन यह विफल रहा।”
उन्होंने आरोप लगाया, “चूंकि वे (भाजपा) लोकतांत्रिक तरीके से सरकार बनाने में विफल रहे, इसलिए उन्होंने हमें परेशान करने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया। उन्होंने मुझे झूठे मामले में फंसाया और जेल भेज दिया।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में सोरेन को गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
सोरेन ने जेल से लौटने का जिक्र करते हुए कहा, “आज मैं आपके बीच में हूं और आपकी सेवा के लिए चट्टान की तरह खड़ा हूं।” उन्होंने भाजपा पर लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया।
सोरेन ने दावा किया, “वे (भाजपा) नौकरियां देने, गरीब किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रहे।”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा अपने 20 साल के शासन के दौरान एक भी उपलब्धि नहीं बता सकी।
सोरेन ने यह भी सवाल उठाया कि निर्वाचन आयोग उनकी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले राज्य में विधानसभा चुनाव क्यों करा रहा है? (भाषा)