नयी दिल्ली, 6 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पीएम-विद्यालक्ष्मी को केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूरी दिए जाने को शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया।
उन्होंने कहा कि यह युवा शक्ति को सशक्त बनाने व राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए एक बड़ा कदम। मंत्रिमंडल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर युवाओं का समर्थन करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। यह युवा शक्ति को सशक्त बनाने और हमारे राष्ट्र के लिए एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र की एक नयी योजना पीएम-विद्यालक्ष्मी को मंजूरी दी। इस नयी योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वित्तीय बाधाएं किसी को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें।
पीएम-विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसने यह सिफारिश की थी कि सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
मोदी ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दिए जाने पर कहा कि इससे इसकी क्षमता बढ़ेगी और यह किसानों के लिए बेहतर समर्थन भी सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने एफसीआई में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दे दी है।
अधिकारियों के मुताबिक, इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देशभर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। (भाषा)