विशेष रिपोर्ट
प्रदेश की कमिश्नरी में 15 हजार प्रकरण लंबित
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 2 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। सीएम विष्णुदेव साय की फटकार के बाद राजस्व प्रकरणों के निराकरण में थोड़ी तेजी आई है। फिर भी बस्तर, और बिलासपुर कमिश्नरी में राजस्व प्रकरणों के निपटारे में देरी हो रही है। बस्तर में तो सितंबर माह में एक भी प्रकरण नहीं निपटे हैं। हाल यह है कि प्रदेश की कमिश्नरी में अब भी 15 हजार राजस्व प्रकरण लंबित हैं।
प्रदेश में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई में देरी हो रही है। सीएम ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इस पर नाराजगी जताई थी, और समय सीमा के भीतर राजस्व प्रकरणों के निपटारे के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके बिलासपुर, और बस्तर कमिश्नरी में राजस्व प्रकरण की सुनवाई समय पर नहीं हो रही है। बिलासपुर कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का के हटने के बाद से रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे बिलासपुर के भी प्रभार में हैं।
बताया गया कि सितंबर माह में बस्तर में एक भी प्रकरण नहीं निपटे हैं। जबकि बिलासपुर में 9 प्रकरणों का निपटारा हुआ है। सबसे ज्यादा दुर्ग में 61 प्रकरण निपटे हैं। रायपुर कमिश्नरी में 47, और सरगुजा में 8 प्रकरण ही निपट पाए हैं। कुल मिलाकर 7 महीने में बस्तर में 26, बिलासपुर में 10, दुर्ग में 445, रायपुर में 116, और सरगुजा में 101 प्रकरणों का निराकरण हुआ है।
बताया गया है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 6089 प्रकरण सरगुजा संभाग में लंबित हैं। जबकि रायपुर में 3278, दुर्ग में 1072, बिलासपुर में 2924, और बस्तर में 1631 प्रकरण लंबित हैं। प्रदेश की कमिश्नरी में कुल मिलाकर 14994 प्रकरण लंबित हैं। कुल मिलाकर अभी भी राजस्व प्रकरणों का निपटारे की रफ्तार काफी धीमी है।