सरगुजा

मोदी के 7 साल, लोगों का सरकार पर से भरोसा तार-तार- कांग्रेस
30-May-2021 9:41 PM
मोदी के 7 साल, लोगों का सरकार पर से भरोसा तार-तार- कांग्रेस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 30 मई। केंद्र सरकार में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 7 साल पूरे किए, इन 7 सालों में देश हर क्षेत्र में पिछड़ता चला गया है। महंगाई, जीडीपी, मानव विकास सूचकांक, सामाजिक समरसता, शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकार पर जनता का विश्वास सहित विकास के हर पैमाने पर देश की प्रगति को गहरा धक्का लगा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन त्रिपाठी और आशीष वर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर नरेंद्र मोदी के बतौर प्रधानमंत्री सात साल के कार्यकाल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि काला धन, भ्रष्टाचार, हर व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख के जुमलों के सहारे सत्ता में आ तो गए मगर करना क्या है, इन्हें कुछ पता नहीं है। इन 7 सालों में जनता का भरोसा सरकार पर से तार-तार हो गया।

भारत के प्रधानमंत्री पद की एक गरिमा थी। कभी किसी प्रधानमंत्री को झूठा नहीं कहा गया। नरेंद्र मोदी लगातार झूठ बोलकर खुद पर झूठा होने का तमगा लगवा लिए। देश की खूबसूरती अनेकता में एकता थी। उच्च राजनीतिक समझ ने देश को सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया था। इन 7 सालों में राजनीतिज्ञों के बीच खाई गहरी होती गई, यह श्रेय भी नरेंद्र मोदी को जाता है।

कोरोना महामारी में जनता को भगवान भरोसे आत्मनिर्भर बनने की सलाह देकर बंगाल चुनाव में निकल लिए। ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाईयां देने की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। देश की जनता वैक्सीन के लिए परेशान है लेकिन सरकार वैक्सीन और ऑक्सीजन विदेशों को बेच रही थी। सात साल बीत गए लेकिन आज तक नहीं बताया कि विदेश से कितना काला धन भाजपा लेकर आई। बल्कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भाजपा के करीबी लोग सैकड़ों करोड़ लेकर विदेश भाग गए। हर साल 2 करोड़ लोगों रोजगार देने की बात थी, रोजगार तो दिया नहीं नोट बंदी और जीएसटी से करोड़ों लोगों से रोजगार छीन गया, क्या यही अच्छे दिन है?

किसानों की आय दुगुनी करने का वादा था, इसे पूरा करना तो दूर ऐसे कानून बना दिये कि खेती पूंजीपतियों की जागीर बन जाएगी। डरे हुए किसान 6 महीने से अपना घर, खेती किसानी छोड़ कर काले कानूनों की डर से दिल्ली घेरे बैठे है।

पेट्रोल, डीजल, गैस के दाम पर जो तकरीर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी करते थे, देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद उस पर बात करना पसंद नहीं करते।

कोरोना संकट में भी प्रधानमंत्री ने देश को सम्हालने की बजाय ताली थाली बजवाया, दीया जलवाए ,बिना पूर्व सूचना के लॉकडाउन कराया। केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाए ठीकरा राज्यों के भरोसे छोड़ दिया। वादा विश्व गुरु बनाने का था पर देश सबसे बड़ा श्मशान बना दिया। सम्मान से जीने की बात तो छोडि़ए सम्मान से मरना भी दुर्लभ हो गया है इस भाजपा की सरकार में क्या यही अच्छे दिन है?

बेटा बनकर जिस गंगा मां के पास गए वह आज लाशों से पटी पड़ी है, मां के आंचल को भी दागदार होने से नहीं बचा पाए प्रधानमंत्री,क्या भाजपा के सात साल के यही उपलब्धि है।


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