सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 28 जून। करोड़ों की जमीन के लेन-देन में धोखा देकर दस्तावेजी हेरफेर के मामले में एफआईआर के आदेश के बाद आरोपी जमीन कारोबारियों ने प्रेसवार्ता लेकर सफाई दी है।
निलेश सिंह, राजेश सिंह एवं अन्य के विरुद्ध थाने में चल रहे जांच के विषय में निलेश सिंह ने भ_ी रोड स्थित कैलाश मंगलम में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि हमारे ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि हमने कलावती और चंद्रमणि कुशवाहा की भूमि क्रय करने के पश्चात उसका संपूर्ण प्रतिफल (विक्रय मूल्य) प्रदान नहीं किया है। जबकि सच्चाई यह है कि हमने विक्रय पत्र में उल्लेखित पूर्ण विक्रय मूल्य का भुगतान कलावती और चंद्रमणि कुशवाहा को चेक के माध्यम से किया है। उन्होंने बताया कि कलावती और चंद्रमणि द्वारा भूमि हमें विक्रय करने के पश्चात भी कई अन्य लोगों के साथ उसी भूमि का विक्रय हेतु अनुबंध किया गया और उनसे राशि भी प्राप्त कर ली है। इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर कराई गई थी, जिसमें हमें किसी भी प्रकार का अपराध करते नहीं पाया गया। परिणामस्वरूप, पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया गया था।
आगे उन्होंने कहा कि कलावती और चंद्रमणि द्वारा अन्य व्यक्तियों से अनुबंध करने के कारण थाने एवं सिविल कोर्ट, अंबिकापुर में उनके के विरुद्ध सिविल एवं आपराधिक प्रकरण विचाराधीन है, जबकि आज तक उन्होंने हमारे विरुद्ध कोई भी सिविल वाद प्रस्तुत नहीं किया है।
निलेश सिंह ने बताया कि हमारी रजिस्ट्री संपन्न होने के दिन से लेकर आज तक प्रार्थीया अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस रजिस्ट्री की वैधता को चुनौती देते हुए न तो कोई वाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और न ही कोई वाद लंबित है।


