सरगुजा

खतरनाक ग्लैण्डर्स बीमारी से पीडि़त दो घोडिय़ों को जहर देकर मारा गया
27-Jun-2025 8:40 PM
खतरनाक ग्लैण्डर्स बीमारी से पीडि़त दो घोडिय़ों को जहर देकर मारा गया

घोड़े-खच्चर के आवागमन पर 3 महीने का लगाया प्रतिबंध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 27 जून। अंबिकापुर शहर में जानलेवा ग्लैण्डर्स बीमारी से पीडि़त दो घोडिय़ों को पशु विभाग की 10 सदस्यीय टीम ने जहर देकर मार दिया। दोनों घोडिय़ों को शहर की सीमा से लगे भि_ी गांव में पहले इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया गया,उसके बाद इंजेक्शन से ही जहर देकर दोनों को मार दिया गया। पशु विभाग की टीम ने सुरक्षा किट पहनकर इस घटना को अंजाम दिया।

सरगुजा के अंबिकापुर शहर में पहली बार दो घोडिय़ों में जानलेवा ग्लैण्डर्स बीमारी की पुष्टि हुई है। यह संक्रामक बीमारी जानवरों और मनुष्यों में तेजी से फैल सकता है। जैसे ही बीमारी की पुष्टि हुई सरगुजा कलेक्टर एवं पशु विभाग ने एक आदेश पारित कर अंबिकापुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में घोड़ा या खच्चर पर 3 महीने का प्रतिबंध लगा दिया है।

दोनों घोडिय़ों को शुक्रवार की शाम को शहर से लगे भि_ी गांव लाया गया जहां पहले से ही गड्ढा खोद कर रखा गया था,जहर का इंजेक्शन देने के बाद दोनों की मौत हो गई इसके पश्चात दोनों के शव को गड्ढे में दफना दिया गया है। यह काम उपसंचालक पशुपालन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में किया गया है। जानकारी के अनुसार, पशु चिकित्सा मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।

सरगुजा कलेक्टर ने भी इस संबंध में पत्र जारी कर गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि पशु-चिकित्सकों की 10 सदस्यों की टीम शुक्रवार की दोपहर दोनों संक्रमित घोडिय़ों को जहर देकर मौत की निंद सुला दिया जाए।

घातक बीमारी है ग्लैंडर्स-आरपी शुक्ला

उपसंचालक पशु चिकित्सक डॉक्टर आर पी शुक्ला ने बताया कि ग्लैण्डर्स एक जानलेवा घातक बीमारी है। इसके लक्षण में शरीर में फफोले पडऩा, शरीर में विकृति आना और अंत में मौत तक हो सकती है। यह बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है। इसलिए बीमार घोड़ों को जहर देकर मार दिया गया है।

श्री शुक्ला ने बताया कि जिन दोनों घोडिय़ों में य़ह बीमारी की पुष्टि हुई है उनकी चार बार टेस्ट कराई गई थी,चारों बार रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर उन्हें मारने का निर्णय लिया गया।इसके अलावा जितने भी शादियों में ये दो घोडिय़ों गई थी, उसकी भी हिस्ट्री निकाली जा रही है। घोडिय़ों के संपर्क में आये सभी डॉक्टरों और पशु मालिक की जांच की जायेगी।


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